डिस्क्लेमर
यह लेख ऐतिहासिक और धार्मिक तथ्यों पर आधारित है, जो विभिन्न ग्रंथों, ऐतिहासिक पुस्तकों और स्रोतों से संकलित किए गए हैं। इसका उद्देश्य पाठकों को गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन और उनके पटना से संबंध के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करना है। यदि किसी भी तथ्य को लेकर कोई त्रुटि हो, तो कृपया सूचित करें।
परिचय
गुरु गोबिंद सिंह जी, सिख धर्म के दसवें और अंतिम गुरु थे। वे एक महान योद्धा, कवि, दार्शनिक और आध्यात्मिक नेता थे, जिन्होंने सिख धर्म को नया रूप दिया। उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू पटना साहिब से उनका गहरा संबंध है, जो उनका जन्मस्थान भी है और सिखों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है।
गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रारंभिक जीवन
गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म 22 दिसंबर 1666 को पटना, बिहार में हुआ था। उनके पिता गुरु तेग बहादुर जी, सिखों के नवें गुरु थे और माता माता गुजरी जी थीं। उस समय, गुरु तेग बहादुर जी सिख धर्म का प्रचार करने के लिए भारत भर में यात्रा कर रहे थे, इसलिए माता गुजरी जी और छोटे गोबिंद राय (उनका जन्म नाम) पटना में रहे।
पटना में शिक्षा और परवरिश
गुरु गोबिंद सिंह जी की शिक्षा पटना में हुई, जहां उन्होंने पंजाबी, संस्कृत, फारसी और ब्रज भाषा का ज्ञान प्राप्त किया। उन्होंने धनुर्विद्या, घुड़सवारी और शस्त्र संचालन की भी शिक्षा ली, जिससे वे एक महान योद्धा बने।
छोटे गोबिंद राय बचपन से ही अद्वितीय बुद्धिमत्ता और साहस के धनी थे। वे न केवल आध्यात्मिक रूप से समृद्ध थे बल्कि वे एक कुशल योद्धा के रूप में भी विकसित हुए। उनके परिवार के करीबी अनुयायियों ने उन्हें बचपन में ही धर्म और सेवा का पाठ पढ़ाया। उनके भीतर न्याय, धर्म और सच्चाई के लिए लड़ने की भावना थी, जो आगे चलकर उनके जीवन का मूल आधार बनी।
पटना में रहते हुए, वे अक्सर भक्तों के साथ धार्मिक प्रवचन में भाग लेते थे। उनके बाल्यकाल की कहानियाँ सिख इतिहास में प्रसिद्ध हैं, जैसे उनके द्वारा धनुष चलाना और छोटे बच्चों के साथ धर्म के प्रति जागरूकता बढ़ाने की कोशिश करना।
पटना से गुरु गोबिंद सिंह जी का संबंध
पटना सिख इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, क्योंकि यह गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्मस्थान है। पटना में कई ऐतिहासिक स्थल और घटनाएँ उनके प्रारंभिक जीवन से जुड़ी हुई हैं।
तख्त श्री पटना साहिब
तख्त श्री पटना साहिब (हरमंदिर साहिब, पटना), सिखों के पांच तख्तों में से एक है और गुरु गोबिंद सिंह जी के जन्मस्थान पर बना हुआ है। इस पवित्र गुरुद्वारे का निर्माण महाराजा रणजीत सिंह ने करवाया था और यह सिखों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।
तख्त श्री पटना साहिब का इतिहास
गुरु गोबिंद सिंह जी के जन्म के उपरांत, पटना साहिब सिख धर्म का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया। यहाँ पर गुरु नानक देव जी और गुरु तेग बहादुर जी के आगमन के कारण भी यह स्थान अत्यंत पवित्र माना जाता है। 18वीं शताब्दी में, यह स्थान मुगलों के आक्रमण का साक्षी बना, लेकिन सिख संगतों द्वारा इसे फिर से पुनर्निर्मित किया गया। महाराजा रणजीत सिंह ने 19वीं शताब्दी में इसे भव्य रूप से बनवाया।
गुरुद्वारे की विशेषताएँ
अद्भुत वास्तुकला:-
तख्त श्री पटना साहिब सफेद संगमरमर और स्वर्णकलश से सुशोभित एक भव्य गुरुद्वारा है।
संग्रहालय:-

यहाँ पर गुरु गोबिंद सिंह जी से जुड़े कई पवित्र अवशेष संग्रहीत हैं, जैसे उनकी तलवार, कवच, चूड़ा और अन्य धार्मिक ग्रंथ।
अखंड पाठ और कीर्तन:-
यहाँ निरंतर गुरुबाणी का पाठ और कीर्तन किया जाता है, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है।
लंगर सेवा:-
गुरुद्वारे में विशाल लंगर हॉल है, जहाँ हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन मुफ्त भोजन ग्रहण करते हैं।
पवित्र सरोवर:-
इस गुरुद्वारे में एक पवित्र सरोवर भी है, जहाँ श्रद्धालु स्नान कर अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं।
पटना के अन्य महत्वपूर्ण स्थल
कंगन घाट:-
यह घाट सिख इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। कहा जाता है कि गुरु गोबिंद सिंह जी अपने बाल्यकाल में यहाँ खेलते थे। इस घाट का नाम ‘कंगन’ इसलिए पड़ा क्योंकि कहा जाता है कि छोटे गोबिंद राय ने यहाँ खेलते समय अपना कंगन जल में प्रवाहित किया था। यह घाट आज भी श्रद्धालुओं के लिए पवित्र स्थल बना हुआ है।
गई घाट:-
यह एक और ऐतिहासिक स्थल है जो गुरु गोबिंद सिंह जी से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि यहाँ पर गुरु गोबिंद सिंह जी अपने अनुयायियों के साथ धार्मिक चर्चा और ध्यान लगाया करते थे। इस घाट का नाम ‘गई घाट’ इसलिए पड़ा क्योंकि यहाँ एक विशेष धार्मिक आयोजन के दौरान गायों को स्नान कराया जाता था। यह स्थान धार्मिक श्रद्धा और ऐतिहासिक महत्व के कारण प्रसिद्ध है।
बड़ी संगत और छोटी संगत:-
बड़ी संगत वह स्थान है जहाँ गुरु तेग बहादुर जी ठहरे थे और सिख धर्म का प्रचार किया था। यह स्थान पटना साहिब के निकट स्थित है और यहाँ नियमित रूप से कीर्तन और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। छोटी संगत भी एक महत्वपूर्ण स्थल है, जहाँ गुरु गोबिंद सिंह जी के बाल्यकाल में धार्मिक प्रवचन और संगत हुआ करती थी।
गुरुद्वारा बाल लीला साहिब:-
यह वह स्थान है जहाँ छोटे गोबिंद राय अपने साथियों के साथ खेलते और धार्मिक शिक्षा प्राप्त करते थे। यहाँ वे कीर्तन में भाग लेते और भक्ति मार्ग को अपनाने की प्रेरणा देते थे।
गुरुद्वारा हाथी साहिब:-
यह स्थल उस घटना से जुड़ा है जब एक नवाब ने गुरु गोबिंद सिंह जी को एक हाथी पर बैठाकर परीक्षा लेने की कोशिश की थी, लेकिन वे बिना किसी डर के हाथी को काबू में कर सके।
गुरुद्वारा टिकाना साहिब:-
यह स्थान गुरु गोबिंद सिंह जी के चिंतन और साधना से जुड़ा है। यह गुरुद्वारा उस स्थान पर स्थित है जहाँ गुरु जी ध्यान लगाते थे और अपने अनुयायियों को धर्म की शिक्षा देते थे।
पादरी की हवेली:-
पटना का सबसे पुराना चर्च, जो सिखों और ईसाइयों के बीच ऐतिहासिक सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाता है।
गोलघर:-
ब्रिटिश काल में निर्मित यह विशाल संरचना पटना का एक प्रसिद्ध स्थल है और शहर के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता है।
गंगा घाट:-

पटना में गंगा नदी के किनारे कई महत्वपूर्ण घाट हैं, जहाँ धार्मिक अनुष्ठान और ध्यान किया जाता है।
पटना संग्रहालय:-
इस संग्रहालय में गुरु गोबिंद सिंह जी से जुड़े कई ऐतिहासिक अवशेष सुरक्षित रखे गए हैं। यहाँ उनकी पवित्र तलवार, अस्त्र-शस्त्र और अन्य ऐतिहासिक वस्तुएँ प्रदर्शित की गई हैं। यह संग्रहालय सिख धर्म और बिहार के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता है।
पटना में गुरु गोबिंद सिंह जी के बिताए वर्षों ने उनके जीवन को गहराई से प्रभावित किया। यहीं पर उन्होंने धर्म, साहस और आत्मनिर्भरता की शिक्षा प्राप्त की, जो आगे चलकर उनके नेतृत्व की नींव बनी। पटना से उनकी विदाई के बाद भी यह शहर उनके अनुयायियों और सिख इतिहास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बना रहा।
गुरु गोबिंद सिंह जी का पारिवारिक इतिहास
गुरु गोबिंद सिंह जी का परिवार सिख धर्म के इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। उनका परिवार धर्म, बलिदान और वीरता का प्रतीक है।
पिता: गुरु तेग बहादुर जी
गुरु तेग बहादुर जी सिखों के नवें गुरु थे। उन्होंने धर्म और मानवता की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया। जब मुगल शासक औरंगजेब ने जबरन इस्लाम धर्म परिवर्तन की नीति अपनाई, तो गुरु तेग बहादुर जी ने कश्मीरी पंडितों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। 1675 में, उन्हें दिल्ली में शहीद कर दिया गया।
माता: माता गुजरी जी
माता गुजरी जी गुरु गोबिंद सिंह जी की माता थीं। वे अत्यंत धार्मिक, साहसी और धैर्यवान थीं। उन्होंने अपने बेटों को धर्म और वीरता की शिक्षा दी। चमकौर के युद्ध के बाद, जब छोटे साहिबजादे मुगलों द्वारा बंदी बना लिए गए, तब माता गुजरी जी ने भी कठिनाइयों का सामना किया और अंततः शहीद हो गईं।
पत्नी और संतान
गुरु गोबिंद सिंह जी के तीन विवाह हुए थे:
माता जीतो जी:-
उनके पुत्र साहिबजादा अजीत सिंह, साहिबजादा जुझार सिंह हुए।
माता सुंदर जी:-
उन्होंने सिख धर्म की सेवा की और गुरु जी के कार्यों में सहयोग दिया।
माता साहिब कौर जी:-
वे सिखों की आध्यात्मिक माता मानी जाती हैं और उन्होंने खालसा पंथ को समर्थन दिया।
गुरु गोबिंद सिंह जी के चार पुत्र थे, जिन्हें चार साहिबजादे कहा जाता है:
- साहिबजादा अजीत सिंह (18 वर्ष की आयु में शहीद)
- साहिबजादा जुझार सिंह (14 वर्ष की आयु में शहीद)
- साहिबजादा जोरावर सिंह (8 वर्ष की आयु में शहीद)
- साहिबजादा फतेह सिंह (6 वर्ष की आयु में शहीद)
छोटे साहिबजादों (जोरावर सिंह और फतेह सिंह) को सरहिंद के नवाब वजीर खान द्वारा ज़िंदा दीवार में चुनवा दिया गया था। उनके बलिदान को आज भी सिख धर्म में सबसे महान बलिदानों में गिना जाता है।
गुरु गोबिंद सिंह जी की प्रमुख युद्ध
गुरु गोबिंद सिंह जी ने सिख धर्म की रक्षा और अन्याय के खिलाफ संघर्ष करने के लिए कई युद्ध लड़े। उनके नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण युद्ध हुए, जिनमें प्रमुख हैं:
भंगानी का युद्ध (1688):-
यह गुरु गोबिंद सिंह जी का पहला युद्ध था, जिसमें उन्होंने हिमाचल प्रदेश के राजा भीमचंद और उनके सहयोगियों को हराया।
नादौन का युद्ध (1691):-
यह युद्ध मुगलों और पहाड़ी राजाओं के बीच हुआ था, जिसमें गुरु गोबिंद सिंह जी ने राजपूतों की मदद की।
गुलेर का युद्ध (1696):
यह युद्ध मुगलों के खिलाफ हुआ, जिसमें गुरु जी ने सफलता प्राप्त की।
चमकौर का युद्ध (1704):-
यह सबसे महत्वपूर्ण युद्धों में से एक था, जिसमें गुरु गोबिंद सिंह जी के केवल 40 सिखों ने मुगलों की विशाल सेना का सामना किया।
मुखलसगढ़ का युद्ध (1709):-
इस युद्ध में गुरु जी ने सिखों को संगठित कर मुगलों के किले पर विजय प्राप्त की।
गुरु गोबिंद सिंह जी और ननहाल का इतिहास
गुरु गोबिंद सिंह जी, सिखों के दसवें और अंतिम गुरु, भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक व्यक्तित्व रहे हैं। उनका जन्म 22 दिसंबर 1666 को पटना, बिहार में हुआ था। उनका ननिहाल स्थान पटना साहिब में स्थित था, जहाँ उनका बचपन व्यतीत हुआ। उनकी माता का नाम गुजरी जी था और उनके नाना जी का नाम भाई किशन चंद था।
ननहाल से संबंध
गुरु गोबिंद सिंह जी का ननिहाल पटना, बिहार में स्थित था। जब उनके पिता, नौवें गुरु, गुरु तेग बहादुर जी, धर्म की रक्षा के लिए दिल्ली की यात्रा पर गए, तब माता गुजरी जी अपने पुत्र गोबिंद राय (गुरु गोबिंद सिंह जी का बचपन का नाम) के साथ पटना में अपने मायके में रहीं।
पटना साहिब, जो अब तख्त श्री पटना साहिब के नाम से प्रसिद्ध है, वही स्थान है जहाँ गुरु गोबिंद सिंह जी का बचपन बीता। यहाँ उनके नाना-नानी और परिवार के अन्य सदस्यों ने उनकी परवरिश की। उनके जीवन के प्रारंभिक वर्षों में ननिहाल का विशेष योगदान रहा। यहाँ उन्होंने धार्मिक, आध्यात्मिक और शस्त्र विद्या का ज्ञान प्राप्त किया।
ननिहाल का प्रभाव
गुरु गोबिंद सिंह जी के ननिहाल ने उनके जीवन पर गहरा प्रभाव डाला। उनके नाना जी एक धार्मिक एवं विद्वान व्यक्ति थे, जिनसे उन्होंने धर्म और आध्यात्मिकता की शिक्षा प्राप्त की। उनकी माता गुजरी जी ने भी उन्हें साहस, सेवा और समर्पण की शिक्षा दी।
पटना साहिब में बिताए गए वर्षों के दौरान उन्होंने अपने चाचा कृपाल चंद और अन्य पारिवारिक सदस्यों से भी शिक्षा प्राप्त की। यहीं से उनके जीवन में नेतृत्व, निडरता और धर्म की रक्षा के लिए समर्पण की भावना विकसित हुई।
पटना साहिब का महत्व
आज तख्त श्री पटना साहिब सिख धर्म के पांच तख्तों में से एक है। यह स्थान न केवल गुरु गोबिंद सिंह जी की जन्मस्थली के रूप में प्रसिद्ध है, बल्कि सिख धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थल भी है। यहाँ गुरु गोबिंद सिंह जी से जुड़ी कई वस्तुएं आज भी संरक्षित हैं, जो उनकी स्मृति को जीवंत बनाए रखती हैं।
निष्कर्ष
गुरु गोबिंद सिंह जी का ननिहाल उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। पटना साहिब में बिताया गया उनका बचपन, उनके व्यक्तित्व और विचारों के निर्माण में सहायक रहा। उनके ननिहाल ने उन्हें धार्मिक, आध्यात्मिक और शस्त्र विद्या में पारंगत बनाया, जो आगे चलकर सिख धर्म के उत्थान में सहायक सिद्ध हुआ।
आज भी पटना साहिब सिख संगत के लिए आस्था और श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है, जहाँ गुरु गोबिंद सिंह जी की स्मृति में हर वर्ष विशाल आयोजन किए जाते हैं।
इन युद्धों ने सिखों को आत्मनिर्भरता, वीरता और धर्म की रक्षा के लिए प्रेरित किया।
गुरु गोबिंद सिंह जी से संबंधित PSU (PUBLIC SECTOR UNIT) परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर: गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म 22 दिसंबर 1666 को पटना, बिहार में हुआ था।
प्रश्न 2: गुरु गोबिंद सिंह जी के माता–पिता का क्या नाम था?
उत्तर: उनके पिता गुरु तेग बहादुर जी और माता माता गुजरी जी थीं।
प्रश्न 3: गुरु गोबिंद सिंह जी का बचपन का नाम क्या था?
उत्तर: गुरु गोबिंद सिंह जी का बचपन का नाम गोबिंद राय था।
प्रश्न 4: गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना कब और कहाँ की?
उत्तर: गुरु गोबिंद सिंह जी ने 13 अप्रैल 1699 को आनंदपुर साहिब में खालसा पंथ की स्थापना की।
प्रश्न 5: गुरु गोबिंद सिंह जी के चार पुत्रों को क्या कहा जाता है?
उत्तर: गुरु गोबिंद सिंह जी के चार पुत्रों को चार साहिबजादे कहा जाता है।
प्रश्न 6: गुरु गोबिंद सिंह जी की प्रमुख रचनाएँ कौन–कौन सी हैं?
उत्तर: उनकी प्रमुख रचनाएँ जाप साहिब, अकाल उस्तति, तव–प्रसाद स्वय्ये, चंडी दी वार, ज़फरनामा आदि हैं।
प्रश्न 7: गुरु गोबिंद सिंह जी का अंतिम युद्ध कौन सा था?
उत्तर: गुरु गोबिंद सिंह जी का अंतिम युद्ध मुखलसगढ़ (1709) का युद्ध था।
प्रश्न 8: गुरु गोबिंद सिंह जी की मृत्यु कब और कहाँ हुई थी?
उत्तर: गुरु गोबिंद सिंह जी का निधन 7 अक्टूबर 1708 को नांदेड़, महाराष्ट्र में हुआ था।
प्रश्न 9: गुरु गोबिंद सिंह जी की शिक्षा कहाँ हुई थी?
उत्तर: गुरु गोबिंद सिंह जी की प्रारंभिक शिक्षा पटना, बिहार में हुई थी, और आगे की शिक्षा उन्होंने आनंदपुर साहिब में प्राप्त की थी।
प्रश्न 10: गुरु गोबिंद सिंह जी ने किस ग्रंथ को गुरु की उपाधि दी?
उत्तर: गुरु गोबिंद सिंह जी ने गुरु ग्रंथ साहिब को गुरु की उपाधि दी और कहा कि आगे से सिख इसी को अपना गुरु मानें।
प्रश्न 11: तख्त श्री पटना साहिब का निर्माण किसने करवाया था?
उत्तर: महाराजा रणजीत सिंह ने तख्त श्री पटना साहिब का निर्माण करवाया था।
प्रश्न 12: गुरु गोबिंद सिंह जी ने किस मुगल सम्राट को ज़फरनामा पत्र लिखा था?
उत्तर: उन्होंने मुगल सम्राट औरंगज़ेब को ज़फरनामा पत्र लिखा था।
प्रश्न 13: चमकौर के युद्ध में गुरु गोबिंद सिंह जी के कितने सैनिक थे?
उत्तर: गुरु गोबिंद सिंह जी के केवल 40 सिख योद्धाओं ने हजारों मुगलों का सामना किया था।
प्रश्न 14: पटना में गुरु गोबिंद सिंह जी से जुड़े प्रमुख गुरुद्वारे कौन–कौन से हैं?
उत्तर:
- तख्त श्री पटना साहिब
- गुरुद्वारा बाल लीला साहिब
- गुरुद्वारा हाथी साहिब
- गुरुद्वारा टिकाना साहिब
- गुरुद्वारा बड़ी संगत और छोटी संगत
प्रश्न 15: गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों को किस मुगल अधिकारी ने ज़िंदा दीवार में चुनवा दिया था?
उत्तर: वजीर खान (सरहिंद का नवाब) ने साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह को ज़िंदा दीवार में चुनवा दिया था।
प्रश्न 16: गुरु गोबिंद सिंह जी का योगदान सिख धर्म में क्या था?
उत्तर: गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना, गुरु ग्रंथ साहिब को अंतिम गुरु घोषित करना, और सिखों को सैन्य प्रशिक्षण देना जैसे कई महान कार्य किए।
प्रश्न 17: गुरु गोबिंद सिंह जी की प्रमुख लड़ाइयों के नाम क्या हैं?
उत्तर:
- भंगानी का युद्ध (1688)
- नादौन का युद्ध (1691)
- गुलेर का युद्ध (1696)
- चमकौर का युद्ध (1704)
- मुखलसगढ़ का युद्ध (1709)
प्रश्न 18: पटना में गुरु गोबिंद सिंह जी से जुड़े कौन–कौन से ऐतिहासिक स्थल हैं?
उत्तर:
- कंगन घाट
- गइ घाट
- पटना संग्रहालय
प्रश्न 19: गुरु गोबिंद सिंह जी ने सिख धर्म में कौन–कौन से पांच ककार दिए?
उत्तर:
गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ को पाँच ककार (5 K’s) अपनाने का आदेश दिया:
- केश (अविवाहित बाल)
- कंघा (कंघी)
- कड़ा (लोहे का ब्रेसलेट)
- कच्छा (विशेष वस्त्र)
- किरपान (छोटी तलवार)
प्रश्न 20: गुरु गोबिंद सिंह जी के शस्त्रों का संग्रह कहाँ रखा गया है?
उत्तर: गुरु गोबिंद सिंह जी के शस्त्रों का संग्रह तख्त श्री पटना साहिब और पटना संग्रहालय में रखा गया है।
प्रश्न 21: गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने जीवन में कुल कितनी लड़ाइयाँ लड़ीं?
उत्तर: गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने जीवन में 14 प्रमुख युद्ध लड़े।
प्रश्न 22: गुरु गोबिंद सिंह जी के बचपन के गुरु कौन थे?
उत्तर: गुरु गोबिंद सिंह जी के बचपन के गुरु पंडित कृपाल दत्त और भाई जसवंत सिंह थे, जिन्होंने उन्हें वेद, पुराण, इतिहास और सैन्य शिक्षा दी।
प्रश्न 23: गुरु गोबिंद सिंह जी की प्रमुख शिक्षाएँ क्या थीं?
उत्तर:
- एक ईश्वर में विश्वास
- सत्कर्म और धर्म का पालन
- न्याय और सच्चाई के लिए लड़ाई
- समानता और भेदभाव का विरोध
- सेवा और बलिदान
प्रश्न 24: गुरु गोबिंद सिंह जी का अंतिम उपदेश क्या था?
उत्तर: उनका अंतिम उपदेश था – “गुरु ग्रंथ साहिब को ही गुरु मानो और किसी जीवित गुरु की आवश्यकता नहीं है।“
प्रश्न 25: गुरु गोबिंद सिंह जी के जन्मस्थान पर स्थित प्रमुख गुरुद्वारा कौन सा है?
उत्तर: तख्त श्री पटना साहिब (हरमंदिर साहिब, पटना)
प्रश्न 26: पटना में गुरु गोबिंद सिंह जी से जुड़े प्रमुख स्थान कौन–कौन से हैं?
उत्तर:
- तख्त श्री पटना साहिब
- गुरुद्वारा बाल लीला साहिब
- गुरुद्वारा हाथी साहिब
- गुरुद्वारा टिकाना साहिब
- गुरुद्वारा बड़ी संगत और छोटी संगत
- कंगन घाट
- गइ घाट
- पटना संग्रहालय
प्रश्न 27: गुरुद्वारा बाल लीला साहिब का क्या महत्व है?
उत्तर: यह वह स्थान है जहाँ गुरु गोबिंद सिंह जी बचपन में खेलते थे और धार्मिक प्रवचन दिया करते थे।
प्रश्न 28: कंगन घाट का क्या धार्मिक महत्व है?
उत्तर: कंगन घाट वह स्थान है जहाँ गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने बचपन में स्नान किया और कई धार्मिक गतिविधियाँ कीं।
प्रश्न 29: पटना संग्रहालय में गुरु गोबिंद सिंह जी से जुड़ी कौन–सी वस्तुएँ रखी गई हैं?
उत्तर: पटना संग्रहालय में गुरु गोबिंद सिंह जी की तलवारें, धनुष–बाण, पोशाक और अन्य ऐतिहासिक वस्त्र रखे गए हैं।
प्रश्न 30: गुरु गोबिंद सिंह जी ने किस युद्ध में पहाड़ी राजाओं के संघ को हराया था?
उत्तर: भंगानी का युद्ध (1688) में।
प्रश्न 31: चमकौर के युद्ध में गुरु गोबिंद सिंह जी ने कितने सैनिकों के साथ मुगल सेना का सामना किया?
उत्तर: गुरु गोबिंद सिंह जी के 40 सिख योद्धाओं ने 10,000 से अधिक मुगल सैनिकों का सामना किया था।
प्रश्न 32: गुरु गोबिंद सिंह जी ने किस मुगल बादशाह से संधि की थी?
उत्तर: उन्होंने बादशाह बहादुर शाह I से संधि की थी।
प्रश्न 33: आनंदपुर साहिब की घेराबंदी कब हुई थी?
उत्तर: 1704 ईस्वी में।
प्रश्न 34: गुरु गोबिंद सिंह जी ने किस स्थान पर खालसा पंथ की स्थापना की?
उत्तर: आनंदपुर साहिब में, 13 अप्रैल 1699 को।
प्रश्न 35: ज़फरनामा पत्र में गुरु गोबिंद सिंह जी ने किसे चुनौती दी थी?
उत्तर: उन्होंने औरंगज़ेब को चुनौती दी थी।
प्रश्न 36: गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ के पहले पाँच सिखों को क्या नाम दिया था?
उत्तर: पंज प्यारे (भाई दया सिंह, भाई धर्म सिंह, भाई हिम्मत सिंह, भाई मोहकम सिंह, भाई साहिब सिंह)।
प्रश्न 37: पंच ककार (5 K’s) क्या हैं?
उत्तर:
- केश – बिना कटे बाल
- कंघा – लकड़ी की कंघी
- कड़ा – लोहे का ब्रेसलेट
- कच्छा – विशेष वस्त्र
- किरपान – तलवार
प्रश्न 38: गुरु गोबिंद सिंह जी के अनुसार सच्चा सिख कौन होता है?
उत्तर: जो न्याय के लिए लड़ता है, सेवा करता है, ईश्वर में विश्वास रखता है, और दूसरों की भलाई के लिए कार्य करता है।
प्रश्न 39: गुरु गोबिंद सिंह जी ने किस भाषा में अधिकतर रचनाएँ की थीं?
उत्तर: उन्होंने पंजाबी, ब्रज भाषा, फारसी और संस्कृत में रचनाएँ की थीं।
प्रश्न 40: जाप साहिब किसके द्वारा रचित है?
उत्तर: गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा।
प्रश्न 41: चंडी दी वार किससे संबंधित है?
उत्तर: यह माता चंडी (दुर्गा) के वीरता और शक्ति का वर्णन करता है।
प्रश्न 42: ज़फरनामा क्या है?
उत्तर: यह गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा औरंगज़ेब को लिखा गया एक पत्र है जिसमें उन्होंने सच्चाई और न्याय का संदेश दिया था।
प्रश्न 43: गुरु गोबिंद सिंह जी का निधन कब और कहाँ हुआ?
उत्तर: 7 अक्टूबर 1708 को नांदेड़, महाराष्ट्र में।
प्रश्न 44: गुरु गोबिंद सिंह जी के बाद सिखों का अगला गुरु कौन था?
उत्तर: उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों का अंतिम और शाश्वत गुरु घोषित किया।
प्रश्न 45: गुरु गोबिंद सिंह जी की समाधि कहाँ स्थित है?
उत्तर: तख्त श्री हजूर साहिब, नांदेड़, महाराष्ट्र में।
प्रश्न 46: गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर: गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म 22 दिसंबर 1666 को पटना, बिहार में हुआ था।
प्रश्न 47: गुरु गोबिंद सिंह जी के बचपन का नाम क्या था?
उत्तर: उनके बचपन का नाम गोबिंद राय था।
प्रश्न 48: गुरु गोबिंद सिंह जी के माता–पिता कौन थे?
उत्तर: उनके पिता गुरु तेग बहादुर जी (सिखों के नवें गुरु) और माता माता गुजरी जी थीं।
प्रश्न 49: गुरु गोबिंद सिंह जी का पालन–पोषण कहाँ हुआ था?
उत्तर: उनका पालन-पोषण पटना, बिहार में हुआ और बाद में वे आनंदपुर साहिब चले गए।
प्रश्न 50: गुरु गोबिंद सिंह जी ने शिक्षा कहाँ प्राप्त की?
उत्तर: उन्होंने पटना और आनंदपुर साहिब में संस्कृत, फारसी, पंजाबी और ब्रज भाषा की शिक्षा ली और साथ ही धनुर्विद्या, घुड़सवारी और शस्त्र संचालन भी सीखा।
प्रश्न 51: गुरु गोबिंद सिंह जी के कितने विवाह हुए थे?
उत्तर: उनके तीन विवाह हुए थे – माता जीतो जी, माता सुंदर जी, और माता साहिब कौर जी।
प्रश्न 52: गुरु गोबिंद सिंह जी के कितने पुत्र थे और उनके नाम क्या थे?
उत्तर: उनके चार पुत्र थे –
- साहिबजादा अजीत सिंह (18 वर्ष की आयु में शहीद)
- साहिबजादा जुझार सिंह (14 वर्ष की आयु में शहीद)
- साहिबजादा जोरावर सिंह (8 वर्ष की आयु में शहीद)
- साहिबजादा फतेह सिंह (6 वर्ष की आयु में शहीद)
प्रश्न 53: गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों की शहादत कहाँ हुई थी?
उत्तर: सरहिंद (पंजाब) में, जहाँ उन्हें मुगल शासक वजीर खान ने जिंदा दीवार में चुनवा दिया था।
प्रश्न 54: गुरु गोबिंद सिंह जी के बचपन से जुड़े पटना के प्रमुख स्थल कौन–कौन से हैं?
उत्तर:
- तख्त श्री पटना साहिब
- गुरुद्वारा बाल लीला साहिब
- गुरुद्वारा हाथी साहिब
- गुरुद्वारा टिकाना साहिब
- गुरुद्वारा बड़ी संगत और छोटी संगत
- कंगन घाट
- गइ घाट
- पटना संग्रहालय
प्रश्न 55: तख्त श्री पटना साहिब का क्या महत्व है?
उत्तर: यह गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्मस्थान है और सिखों के पाँच तख्तों में से एक है।
प्रश्न 56: कंगन घाट क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर: यह वह स्थान है जहाँ गुरु गोबिंद सिंह जी बचपन में स्नान किया करते थे।
प्रश्न 57: गइ घाट का सिख इतिहास में क्या महत्व है?
उत्तर: यह पटना का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है, जहाँ गुरु गोबिंद सिंह जी अपने बचपन में जाते थे और धार्मिक प्रवचन करते थे।
प्रश्न 58: गुरुद्वारा बाल लीला साहिब का महत्व क्या है?
उत्तर: यह वह स्थान है जहाँ गुरु गोबिंद सिंह जी अपने बाल्यकाल में खेलते और धार्मिक उपदेश देते थे।
प्रश्न 59: गुरु गोबिंद सिंह जी की पहली लड़ाई कौन–सी थी?
उत्तर: भंगानी का युद्ध (1688)।
प्रश्न 60: गुरु गोबिंद सिंह जी और मुगलों के बीच सबसे महत्वपूर्ण युद्ध कौन–सा था?
उत्तर: चमकौर का युद्ध (1704), जिसमें 40 सिखों ने हजारों मुगल सैनिकों का सामना किया था।
प्रश्न 61: किस युद्ध के बाद गुरु गोबिंद सिंह जी ने आनंदपुर साहिब को छोड़ दिया?
उत्तर: आनंदपुर साहिब की घेराबंदी (1704) के बाद।
प्रश्न 62: गुरु गोबिंद सिंह जी ने किस मुगल शासक को ज़फरनामा लिखा था?
उत्तर: औरंगज़ेब को।
प्रश्न 63: गुरु गोबिंद सिंह जी ने कहाँ पर खालसा पंथ की स्थापना की?
उत्तर: आनंदपुर साहिब, पंजाब में, 13 अप्रैल 1699 को।
प्रश्न 64: गुरु गोबिंद सिंह जी ने कौन–कौन सी प्रमुख ग्रंथों की रचना की?
उत्तर:
- जाप साहिब
- बच्चित्तर नाटक
- चंडी दी वार
- ज्ञान प्रबोध
- ज़फरनामा
प्रश्न 65: ज़फरनामा क्या है?
उत्तर: यह फारसी भाषा में लिखा गया पत्र है, जो गुरु गोबिंद सिंह जी ने औरंगज़ेब को लिखा था।
प्रश्न 66: गुरु गोबिंद सिंह जी की मृत्यु कब और कहाँ हुई?
उत्तर: 7 अक्टूबर 1708 को नांदेड़, महाराष्ट्र में।
प्रश्न 67: गुरु गोबिंद सिंह जी के बाद सिखों के अगले गुरु कौन बने?
उत्तर: उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों का अंतिम और शाश्वत गुरु घोषित किया।
प्रश्न 68: गुरु गोबिंद सिंह जी की समाधि कहाँ स्थित है?
उत्तर: तख्त श्री हजूर साहिब, नांदेड़, महाराष्ट्र में।
प्रश्न 69: गुरु गोबिंद सिंह जी ने अंतिम समय में सिखों को क्या आदेश दिया था?
उत्तर:
“गुरु ग्रंथ साहिब को ही अपना गुरु मानो और किसी जीवित गुरु की आवश्यकता नहीं है।“
गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म और प्रारंभिक जीवन
प्रश्न 70: गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म किन परिस्थितियों में हुआ था?
उत्तर: उस समय भारत में मुगल शासक औरंगज़ेब का शासन था, जो हिंदू और सिखों पर अत्याचार कर रहा था। गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म की रक्षा के लिए बलिदान दिया, और इसी माहौल में गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म हुआ।
प्रश्न 71: गुरु गोबिंद सिंह जी के जन्म के समय कौन–सा सिख गुरु थे?
उत्तर: उनके जन्म के समय गुरु तेग बहादुर जी सिखों के नौवें गुरु थे।
प्रश्न 72: गुरु गोबिंद सिंह जी के जन्म के समय भारत का मुगल सम्राट कौन था?
उत्तर: औरंगज़ेब।
प्रश्न 73: गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने पिता से क्या सीखा?
उत्तर: धर्म की रक्षा, अन्याय के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा और बलिदान की भावना।
प्रश्न 74: माता गुजरी जी की मृत्यु कैसे हुई?
उत्तर: साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह की शहादत के बाद, उन्हें ठंडे बुर्ज (सरहिंद) में कैद कर दिया गया था, जहाँ उन्होंने प्राण त्याग दिए।
प्रश्न 75: गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने बच्चों को क्या शिक्षा दी थी?
उत्तर: धर्म की रक्षा, न्याय, शौर्य, आत्म-निर्भरता और सत्य के मार्ग पर चलने की सीख दी।
प्रश्न 76: पटना के कौन–कौन से स्थल गुरु गोबिंद सिंह जी से जुड़े हैं?
उत्तर:
- तख्त श्री पटना साहिब – गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्मस्थान।
- गुरुद्वारा बाल लीला साहिब – जहाँ वे खेलते और धार्मिक उपदेश देते थे।
- गुरुद्वारा बड़ी संगत और छोटी संगत – जहाँ सिख संगत इकट्ठा होती थी।
- गुरुद्वारा हाथी साहिब – जहाँ उनके सम्मान में एक हाथी झुका था।
- गुरुद्वारा टिकाना साहिब – उनके जीवन से जुड़ा प्रमुख स्थान।
- कंगन घाट – जहाँ वे बचपन में स्नान करते थे।
- गइ घाट – एक ऐतिहासिक स्थल।
प्रश्न 77: पटना संग्रहालय में गुरु गोबिंद सिंह जी से संबंधित क्या रखा गया है?
उत्तर: गुरु गोबिंद सिंह जी की तलवार, वस्त्र, पांडुलिपियाँ और अन्य ऐतिहासिक वस्तुएँ यहाँ संरक्षित हैं।
प्रश्न 78: खालसा पंथ की स्थापना कब और कहाँ हुई?
उत्तर: 13 अप्रैल 1699 को आनंदपुर साहिब में।
प्रश्न 79: गुरु गोबिंद सिंह जी ने पंच प्यारे किन्हें बनाया?
उत्तर:
- भाई दया सिंह
- भाई धर्म सिंह
- भाई हिम्मत सिंह
- भाई मोहकम सिंह
- भाई साहिब सिंह
प्रश्न 80: खालसा पंथ के पाँच ककार कौन–कौन से हैं?
उत्तर:
- केश (बाल नहीं कटवाना)
- कड़ा (लोहे का ब्रेसलेट)
- कच्छा (विशेष प्रकार का वस्त्र)
- कंघा (कंघी)
- किरपान (छोटी तलवार)
प्रश्न 81: गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ क्यों बनाया?
उत्तर: धर्म, सत्य और न्याय की रक्षा के लिए और एक संगठित योद्धा समुदाय तैयार करने के लिए।
प्रश्न 82: आनंदपुर साहिब की घेराबंदी कब हुई?
उत्तर: 1704 में, जब मुगलों और पहाड़ी राजाओं ने आनंदपुर साहिब पर हमला किया था।
प्रश्न 83: गुरु गोबिंद सिंह जी ने कौन से प्रमुख युद्ध लड़े?
उत्तर:
- भंगानी का युद्ध (1688)
- नादौन का युद्ध (1691)
- गुलेर का युद्ध (1696)
- चमकौर का युद्ध (1704)
- मुखलसगढ़ का युद्ध (1709)
प्रश्न 84: चमकौर के युद्ध में गुरु गोबिंद सिंह जी ने कितने सिखों के साथ लड़ाई लड़ी?
उत्तर: केवल 40 सिखों के साथ हजारों मुगलों का सामना किया।
प्रश्न 85: गुरु गोबिंद सिंह जी ने कौन–कौन से प्रमुख ग्रंथ लिखे?
उत्तर:
- जाप साहिब
- बच्चित्तर नाटक
- चंडी दी वार
- ज्ञान प्रबोध
- ज़फरनामा
प्रश्न 86: गुरु गोबिंद सिंह जी ने कौन–सा ऐतिहासिक पत्र लिखा था?
उत्तर: ज़फरनामा, जिसे उन्होंने औरंगज़ेब को लिखा था।
प्रश्न 87: गुरु गोबिंद सिंह जी को किसने धोखे से घायल किया था?
उत्तर: सरहिंद के नवाब के कहने पर एक अफगान सैनिक ने।
प्रश्न 88: गुरु गोबिंद सिंह जी की मृत्यु कब हुई?
उत्तर: 7 अक्टूबर 1708 को नांदेड़, महाराष्ट्र में।
प्रश्न 89: गुरु गोबिंद सिंह जी के बाद सिखों के गुरु कौन बने?
उत्तर: उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों का अंतिम गुरु घोषित किया।
प्रश्न 90: तख्त श्री हजूर साहिब कहाँ स्थित है?
उत्तर: नांदेड़, महाराष्ट्र में, जहाँ गुरु गोबिंद सिंह जी की समाधि स्थित है।
प्रश्न 91: गुरु गोबिंद सिंह जी ने “वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह” का उद्घोष क्यों दिया?
उत्तर: यह उद्घोष सिखों में शक्ति, आत्मनिर्भरता और ईश्वर में आस्था को दर्शाने के लिए दिया गया था।
प्रश्न 92: गुरु गोबिंद सिंह जी ने सिख धर्म में क्या बदलाव किए?
उत्तर:
- खालसा पंथ की स्थापना।
- सिखों को योद्धा बनने की प्रेरणा।
- गुरु ग्रंथ साहिब को अंतिम गुरु घोषित किया।
गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म और प्रारंभिक जीवन
प्रश्न 93: गुरु गोबिंद सिंह जी का वास्तविक नाम क्या था?
उत्तर: उनका जन्म नाम गोबिंद राय था।
प्रश्न 94: गुरु गोबिंद सिंह जी के जन्म पर कौन–सी महत्वपूर्ण धार्मिक गतिविधियाँ हुई थीं?
उत्तर: पटना में उनके जन्म के समय बड़ी संख्या में संत और श्रद्धालु आए थे, और गुरबानी का पाठ किया गया था।
प्रश्न 95: गुरु गोबिंद सिंह जी की शिक्षा किसने दी थी?
उत्तर: उन्हें शिक्षा विभिन्न विद्वानों और योद्धाओं द्वारा दी गई, जिसमें पंडित शिव दत्त ने संस्कृत और ब्रज भाषा सिखाई और पीर भाई मेहदी ने फारसी भाषा का ज्ञान दिया।
प्रश्न 96: गुरु गोबिंद सिंह जी के अनुसार एक सच्चे योद्धा की क्या विशेषताएँ होनी चाहिए?
उत्तर: एक सच्चे योद्धा को धर्मनिष्ठ, साहसी, न्यायप्रिय और निःस्वार्थ सेवा करने वाला होना चाहिए।
प्रश्न 97: गुरु गोबिंद सिंह जी ने किस वर्ष सिखों को एक योद्धा समुदाय में बदल दिया?
उत्तर: 1699 ईस्वी में, जब उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की।
प्रश्न 98: गुरु गोबिंद सिंह जी ने किस प्रकार की राजनीति को समर्थन दिया?
उत्तर: वे धर्म और न्याय आधारित राजनीति में विश्वास रखते थे, जिसमें सत्यमार्ग और निस्वार्थ सेवा का महत्व था।
प्रश्न 99: गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ में दीक्षा लेने वालों के लिए कौन–सी प्रक्रिया बनाई?
उत्तर: उन्होंने अमृत संचार प्रक्रिया चलाई, जिसमें पाँच प्यारों द्वारा तैयार अमृत (पवित्र जल) पीकर सिख खालसा पंथ में दीक्षित होते हैं।
प्रश्न 100: गुरु गोबिंद सिंह जी ने किन नियमों को खालसा पंथ के लिए आवश्यक बताया?
उत्तर:
- सत्यमार्ग पर चलना।
- कभी भी अन्याय के सामने सिर न झुकाना।
- पाँच ककार धारण करना।
- नशे और बुरी आदतों से दूर रहना।
प्रश्न 101: गुरु गोबिंद सिंह जी के पटना से जुड़ाव का क्या महत्व है?
उत्तर: पटना उनका जन्मस्थान था, और यहाँ उन्होंने अपना प्रारंभिक जीवन बिताया। यह स्थान तख्त श्री पटना साहिब के रूप में सिखों के लिए पवित्र तीर्थस्थल बन गया।
प्रश्न 102: पटना के कौन–कौन से स्थल गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन से जुड़े हैं?
उत्तर:
- गुरुद्वारा बाल लीला साहिब – जहाँ गुरु जी बचपन में खेलते थे।
- गुरुद्वारा हाथी साहिब – जहाँ एक हाथी ने उनके प्रति सम्मान प्रकट किया।
- गुरुद्वारा टिकाना साहिब – गुरु जी की प्रारंभिक शिक्षा से संबंधित।
- बड़ी संगत और छोटी संगत – धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों के केंद्र।
- कंगन घाट – जहाँ गुरु जी स्नान करते थे।
- गइ घाट – एक ऐतिहासिक स्थल जहाँ उन्होंने कई धार्मिक प्रवचन दिए।
प्रश्न 103: पटना संग्रहालय में गुरु गोबिंद सिंह जी से संबंधित कौन–कौन सी चीजें संरक्षित हैं?
उत्तर:
- गुरु गोबिंद सिंह जी की तलवार
- उनके वस्त्र
- हस्तलिखित पांडुलिपियाँ
- धार्मिक ग्रंथ और उनके द्वारा उपयोग किए गए अन्य हथियार
प्रश्न 104: गुरु गोबिंद सिंह जी ने औरंगज़ेब को कौन–सा प्रसिद्ध पत्र लिखा था?
उत्तर: ज़फरनामा।
प्रश्न 105: चमकौर का युद्ध कब हुआ था?
उत्तर: 1704 ईस्वी में।
प्रश्न 106: गुरु गोबिंद सिंह जी के चारों पुत्रों का बलिदान किन युद्धों में हुआ?
उत्तर:
- साहिबजादा अजीत सिंह और साहिबजादा जुझार सिंह – चमकौर के युद्ध में।
- साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह – सरहिंद में नवाब वजीर खान द्वारा ज़िंदा दीवार में चुनवा दिया गया।
प्रश्न 107: गुरु गोबिंद सिंह जी के अनुसार एक सच्चे सिख का कर्तव्य क्या है?
उत्तर: सत्य की राह पर चलना, न्याय के लिए संघर्ष करना, धर्म की रक्षा करना और सभी प्राणियों के प्रति प्रेमभाव रखना।
प्रश्न 108: गुरु गोबिंद सिंह जी ने स्त्री–शक्ति को लेकर क्या कहा था?
उत्तर: उन्होंने महिलाओं को सम्मान देने और उन्हें पुरुषों के समान शक्तिशाली बनाने की प्रेरणा दी।
प्रश्न 109: गुरु गोबिंद सिंह जी की शिक्षाओं का मुख्य उद्देश्य क्या था?
उत्तर: समाज में अन्याय और भेदभाव को समाप्त करना, धर्म और सत्य की रक्षा करना, और सभी को आत्मनिर्भर व साहसी बनाना।
प्रश्न 110: गुरु गोबिंद सिंह जी ने अंतिम गुरु के रूप में किसे नियुक्त किया?
उत्तर: उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को सिख धर्म का अंतिम और शाश्वत गुरु घोषित किया।
प्रश्न 111: गुरु ग्रंथ साहिब को अंतिम गुरु बनाने का क्या कारण था?
उत्तर: गुरु गोबिंद सिंह जी ने कहा कि अब सिखों को किसी व्यक्ति विशेष की नहीं, बल्कि गुरु ग्रंथ साहिब के शब्दों का अनुसरण करना चाहिए।
प्रश्न 112: गुरु गोबिंद सिंह जी की प्रमुख काव्य रचनाएँ कौन–कौन सी हैं?
उत्तर:
- जाप साहिब
- अकाल उस्तति
- चंडी चरित्र
- बच्चित्तर नाटक
प्रश्न 113: गुरु गोबिंद सिंह जी की वाणी का मुख्य उद्देश्य क्या था?
उत्तर: उनकी वाणी ने धर्म की रक्षा, वीरता, निडरता, और न्यायप्रियता की प्रेरणा दी।
प्रश्न 114: नांदेड़, महाराष्ट्र का सिख धर्म में क्या महत्व है?
उत्तर: यह स्थान तख्त श्री हजूर साहिब के रूप में प्रसिद्ध है, जहाँ गुरु गोबिंद सिंह जी ने अंतिम समय बिताया।
प्रश्न 115: गुरु गोबिंद सिंह जी की शिक्षाएँ आज के समाज के लिए कितनी प्रासंगिक हैं?
उत्तर: उनकी शिक्षाएँ आज भी धर्म, न्याय, समानता और साहस की प्रेरणा देती हैं और समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म और उनका प्रारंभिक जीवन
प्रश्न 116: गुरु गोबिंद सिंह जी के जन्म के समय भारत में कौन–सा मुगल शासक था?
उत्तर: औरंगज़ेब।
प्रश्न 117: गुरु गोबिंद सिंह जी की जन्मस्थली पटना साहिब को किस नाम से जाना जाता था?
उत्तर: कुम्हर टोली।
प्रश्न 118: गुरु गोबिंद सिंह जी का परिवार पटना क्यों आया था?
उत्तर: उनके पिता गुरु तेग बहादुर जी बंगाल और असम की यात्रा पर थे, इसलिए माता गुजरी जी के साथ वे पटना में रहे।
प्रश्न 119: गुरु गोबिंद सिंह जी ने बचपन में कौन–से खेलों और गतिविधियों में रुचि दिखाई?
उत्तर:
- धनुर्विद्या और तलवारबाजी
- घुड़सवारी
- बचपन में ही धार्मिक ग्रंथों और कविताओं में रुचि
प्रश्न 120: खालसा पंथ की स्थापना कब और कहाँ हुई थी?
उत्तर: 13 अप्रैल 1699 को आनंदपुर साहिब में।
प्रश्न 121: खालसा पंथ के पहले पाँच सदस्य कौन थे?
उत्तर: पाँच प्यारे – भाई दया सिंह, भाई धरम सिंह, भाई हिम्मत सिंह, भाई मोहकम सिंह, और भाई साहिब सिंह।
प्रश्न 122: खालसा पंथ को किन पाँच ककारों (5K’s) को धारण करने की आज्ञा दी गई थी?
उत्तर:
- केश (अविवाहित बाल)
- कंघा (कंघी)
- कड़ा (स्टील का कड़ा)
- कच्छा (विशेष प्रकार का अधोवस्त्र)
- किरपाण (छोटी तलवार या कृपाण)
प्रश्न 123: खालसा शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर: “खालसा” का अर्थ है शुद्ध और शाश्वत रूप से स्वतंत्र।
प्रश्न 124: गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा रचित धार्मिक ग्रंथ कौन–से हैं?
उत्तर:
- जाप साहिब
- अकाल उस्तति
- बच्चित्तर नाटक
- चंडी चरित्र
प्रश्न 125: गुरु गोबिंद सिंह जी ने गुरु ग्रंथ साहिब को किस रूप में स्थापित किया?
उत्तर: 1708 में उन्होंने घोषणा की कि अब कोई जीवित गुरु नहीं होगा और “गुरु ग्रंथ साहिब” ही सिखों का अंतिम और शाश्वत गुरु होगा।
प्रश्न 126: गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन में कौन–सी महत्वपूर्ण पुस्तक लिखी गई थी?
उत्तर: बच्चित्तर नाटक, जिसमें उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं का वर्णन किया गया है।
प्रश्न 127: गुरु गोबिंद सिंह जी ने कुल कितने प्रमुख युद्ध लड़े?
उत्तर: 14 प्रमुख युद्ध।
प्रश्न 128: गुरु गोबिंद सिंह जी की सेना को कौन–कौन से समुदायों का समर्थन प्राप्त था?
उत्तर: सिखों के अलावा राजपूतों, पहाड़ी राजाओं, जाटों और अन्य धर्मों के अनुयायियों ने उनका समर्थन किया।
प्रश्न 129: गुरु गोबिंद सिंह जी और औरंगज़ेब के बीच किस ऐतिहासिक पत्र का आदान–प्रदान हुआ?
उत्तर: ज़फरनामा, जिसे गुरु गोबिंद सिंह जी ने औरंगज़ेब को लिखा था।
प्रश्न 130: चमकौर के युद्ध में गुरु गोबिंद सिंह जी के कितने सिखों ने मुगलों का सामना किया?
उत्तर: केवल 40 सिखों ने हजारों मुगलों का सामना किया।
प्रश्न 131: पटना के कौन–कौन से स्थान गुरु गोबिंद सिंह जी से संबंधित हैं?
उत्तर:
- गुरुद्वारा तख्त श्री पटना साहिब
- गुरुद्वारा बाल लीला साहिब
- गुरुद्वारा हाथी साहिब
- गुरुद्वारा टिकाना साहिब
- बड़ी संगत और छोटी संगत
- कंगन घाट और गइ घाट
प्रश्न 132: पटना में गुरु गोबिंद सिंह जी की स्मृति में कौन–सा प्रमुख संग्रहालय स्थित है?
उत्तर: पटना संग्रहालय, जिसमें उनके अस्त्र-शस्त्र और अन्य अवशेष सुरक्षित हैं।
प्रश्न 133: तख्त श्री पटना साहिब की स्थापना कब हुई थी?
उत्तर: महाराजा रणजीत सिंह ने इसका पुनर्निर्माण करवाया।
प्रश्न 134: गुरु गोबिंद सिंह जी के बाद किसे सिख धर्म का नेतृत्व सौंपा गया?
उत्तर: गुरु ग्रंथ साहिब जी को अंतिम गुरु घोषित किया गया।
प्रश्न 135: गुरु गोबिंद सिंह जी की पत्नी माता साहिब कौर को किस उपाधि से नवाजा गया?
उत्तर: उन्हें “सिखों की आध्यात्मिक माता“ कहा जाता है।
प्रश्न 136: गुरु गोबिंद सिंह जी की मृत्यु कहाँ और कब हुई?
उत्तर: नांदेड़, महाराष्ट्र में 1708 ईस्वी में।
प्रश्न 137: गुरु गोबिंद सिंह जी के पास कौन–सा प्रसिद्ध घोड़ा था?
उत्तर: नीला घोड़ा (ब्लू हॉर्स), जिसे नीलकंठ भी कहा जाता था।
प्रश्न 138: गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपनी फौज के लिए कौन–से महत्वपूर्ण नियम बनाए?
उत्तर:
- धर्म और सत्य की रक्षा करना।
- कभी भी अन्याय के आगे सिर न झुकाना।
- सभी जातियों को समान मानना।
- स्त्रियों का सम्मान करना।
प्रश्न 139: गुरु गोबिंद सिंह जी की तलवारों की क्या विशेषता थी?
उत्तर: उनकी तलवारें बेहद तेज और मजबूत थीं, जिनमें से कई आज भी संग्रहालयों में सुरक्षित हैं।
प्रश्न 140: गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने अनुयायियों को किस प्रकार प्रेरित किया?
उत्तर: उन्होंने कहा –
“चिड़ियों से मैं बाज लड़ाऊँ, गीदड़ों को मैं शेर बनाऊँ।“
(अर्थ: कमजोर को इतना मजबूत बनाना कि वह शक्तिशाली दुश्मन से लड़ सके।)
प्रश्न 141: गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म किस दिन मनाया जाता है?
उत्तर: गुरुपर्व के रूप में मनाया जाता है, जो आमतौर पर दिसंबर या जनवरी में आता है (नानकशाही कैलेंडर के अनुसार तिथि बदलती रहती है)।
प्रश्न 142: गुरु गोबिंद सिंह जी को बचपन में किस नाम से बुलाया जाता था?
उत्तर: गोबिंद राय।
प्रश्न 143: गुरु गोबिंद सिंह जी के शिक्षा गुरु कौन थे?
उत्तर: उनके शिक्षकों में पंडित कृपाल दत्त, भाई बजु, और भाई जयता जी प्रमुख थे।
प्रश्न 144: गुरु गोबिंद सिंह जी ने कौन–कौन सी भाषाएँ सीखी थीं?
उत्तर: पंजाबी, संस्कृत, फारसी, ब्रज भाषा, और मुगल दरबारी हिंदी।
प्रश्न 145: गुरु गोबिंद सिंह जी की परवरिश में किसका सबसे बड़ा योगदान था?
उत्तर: माता गुजरी जी और पटना साहिब की संगत ने उनके बचपन को आकार दिया।
प्रश्न 146: आनंदपुर साहिब को किस मुगल सेना ने घेरा था?
उत्तर: वजीर खान (सरहिंद का नवाब) और पहाड़ी राजाओं ने।
प्रश्न 147: गुरु गोबिंद सिंह जी ने किस युद्ध में मुगलों को हराया लेकिन उन्हें किला छोड़ना पड़ा?
उत्तर: आनंदपुर का युद्ध (1704)।
प्रश्न 148: चमकौर के युद्ध में गुरु गोबिंद सिंह जी के कितने सिख योद्धाओं ने मुगलों का सामना किया?
उत्तर: 40 सिखों ने 10,000 मुगल सैनिकों का सामना किया।
प्रश्न 149: गुरु गोबिंद सिंह जी को सिरसा नदी पार करने के बाद किस जगह शरण लेनी पड़ी?
उत्तर: मच्छीवाड़ा जंगल।
प्रश्न 150: गुरु गोबिंद सिंह जी ने किस युद्ध में बहादुर शाह प्रथम की मदद की थी?
उत्तर: संभल का युद्ध (1707)।
प्रश्न 151: गुरु गोबिंद सिंह जी की आत्मकथा किस ग्रंथ में मिलती है?
उत्तर: बच्चित्तर नाटक।
प्रश्न 152: गुरु गोबिंद सिंह जी ने किस ग्रंथ में मुगलों के अन्याय का वर्णन किया है?
उत्तर: ज़फरनामा।
प्रश्न 153: कौन–सा ग्रंथ दुर्गा माता के युद्धों पर आधारित है?
उत्तर: चंडी चरित्र।
प्रश्न 154: गुरु गोबिंद सिंह जी ने कौन–से ग्रंथों की रचना की जो खालसा के मूल सिद्धांतों को दर्शाते हैं?
उत्तर:
- जाप साहिब
- सवैये
- अकाल उस्तति
प्रश्न 155: गुरु गोबिंद सिंह जी ने गुरु ग्रंथ साहिब में कौन–से अपने लेख शामिल किए?
उत्तर: गुरु गोबिंद सिंह जी के कोई लेख गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल नहीं किए गए। उनके लेख दसम ग्रंथ में संकलित हैं।
प्रश्न 156: गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ के प्रचार के लिए किन देशों के राजाओं से संपर्क किया?
उत्तर: काबुल, फारस, और तिब्बत के शासकों से।
प्रश्न 157: गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रयासों से सिख धर्म का विस्तार किन क्षेत्रों में हुआ?
उत्तर: पंजाब, उत्तर भारत, राजस्थान, बंगाल और अफगानिस्तान।
प्रश्न 158: किस राजा ने गुरु गोबिंद सिंह जी को समर्थन दिया था?
उत्तर: राजा भीम चंद, राजा सिदो, और कुछ अन्य पहाड़ी राजा।
प्रश्न 159: गुरु गोबिंद सिंह जी की मृत्यु कहाँ हुई थी?
उत्तर: नांदेड़, महाराष्ट्र।
प्रश्न 160: गुरु गोबिंद सिंह जी की मृत्यु किसके षड्यंत्र का परिणाम थी?
उत्तर: सरहिंद के नवाब वजीर खान और उसके समर्थकों द्वारा भेजे गए हत्यारों के हमले में।
प्रश्न 161: गुरु गोबिंद सिंह जी की मृत्यु के बाद सिख धर्म का नेतृत्व किसने संभाला?
उत्तर: गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों का अंतिम गुरु घोषित किया गया।
प्रश्न 162: पटना में कौन–से स्थान गुरु गोबिंद सिंह जी से जुड़े हैं?
उत्तर:
- गुरुद्वारा तख्त श्री पटना साहिब
- गुरुद्वारा बाल लीला साहिब
- गुरुद्वारा हाथी साहिब
- गुरुद्वारा टिकाना साहिब
- बड़ी संगत और छोटी संगत
- कंगन घाट
- गइ घाट
प्रश्न 163: पटना में कौन–सा संग्रहालय गुरु गोबिंद सिंह जी से संबंधित है?
उत्तर: पटना संग्रहालय, जहाँ उनकी तलवारें और अन्य वस्तुएँ संग्रहीत हैं।
प्रश्न 164: तख्त श्री पटना साहिब का निर्माण किसने करवाया था?
उत्तर: महाराजा रणजीत सिंह।
प्रश्न 165: पटना में गुरु गोबिंद सिंह जी के बाल्यकाल में कौन से प्रमुख संत उनकी सेवा में थे?
उत्तर: भाई फतेह चंद (लक्ष्मी चंद) और भाई कृपाल चंद।
प्रश्न 166: गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने अनुयायियों को कौन–सा महत्वपूर्ण संदेश दिया?
उत्तर:
“सवा लाख से एक लड़ाऊँ, तबे गोबिंद सिंह नाम कहाऊँ।“
(अर्थ: मैं अपने अनुयायियों को इतनी शक्ति दूँगा कि वे अकेले ही लाखों शत्रुओं से लड़ सकें।)
प्रश्न 167: गुरु गोबिंद सिंह जी की तलवारों की विशेषता क्या थी?
उत्तर: उनकी तलवारें बहुत तेज, हल्की और मजबूत थीं, जिनमें से कई आज भी संग्रहालयों में संरक्षित हैं।
प्रश्न 168: गुरु गोबिंद सिंह जी का सबसे प्रिय हथियार कौन–सा था?
उत्तर: ब्रह्मास्त्र और किरपाण।
प्रश्न 169: गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने घोड़े का क्या नाम रखा था?
उत्तर: नीला घोड़ा (ब्लू हॉर्स)।
प्रश्न 170: गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म कहाँ हुआ था?
उत्तर: पटना, बिहार।
प्रश्न 171: गुरु गोबिंद सिंह जी के बचपन का मुख्य खेल क्या था?
उत्तर: धनुर्विद्या, घुड़सवारी और तलवारबाजी।
प्रश्न 172: गुरु गोबिंद सिंह जी के जन्मस्थान पर कौन-सा गुरुद्वारा स्थित है?
उत्तर: तख्त श्री पटना साहिब।
प्रश्न 173: गुरु गोबिंद सिंह जी की शिक्षा किस प्रकार की थी?
उत्तर: धार्मिक, सैन्य और साहित्यिक शिक्षा।
प्रश्न 174: गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना कब की थी?
उत्तर: 13 अप्रैल 1699, बैसाखी के दिन।
प्रश्न 175: गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने गुरु बनने के बाद सबसे पहला आदेश क्या दिया?
उत्तर: न्याय और धर्म की रक्षा के लिए खालसा सेना का गठन।

प्रश्न 176: गुरु गोबिंद सिंह जी के चार पुत्रों को क्या कहा जाता है?
उत्तर: चार साहिबजादे।
प्रश्न 177: गुरु गोबिंद सिंह जी के सबसे बड़े पुत्र का नाम क्या था?
उत्तर: साहिबजादा अजीत सिंह।
प्रश्न 178: गुरु गोबिंद सिंह जी की माता का नाम क्या था?
उत्तर: माता गुजरी जी।
प्रश्न 179: गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे पुत्रों को कहाँ शहीद किया गया था?
उत्तर: सरहिंद (पंजाब) में।
प्रश्न 180: गुरु गोबिंद सिंह जी के पिता कौन थे?
उत्तर: गुरु तेग बहादुर जी।
प्रश्न 181: गुरु गोबिंद सिंह जी ने किस युद्ध में पहली बार भाग लिया था?
उत्तर: भंगानी का युद्ध (1688)।
प्रश्न 182: आनंदपुर साहिब को कब घेरा गया था?
उत्तर: 1704 में।
प्रश्न 183: चमकौर के युद्ध में गुरु गोबिंद सिंह जी के कितने सैनिक थे?
उत्तर: 40 सिख योद्धा।
प्रश्न 184: गुरु गोबिंद सिंह जी का अंतिम युद्ध कौन-सा था?
उत्तर: नांदेड़ में मुगल सेना के साथ संघर्ष।
प्रश्न 185: गुरु गोबिंद सिंह जी को किस मुगल बादशाह ने सहायता का आश्वासन दिया था?
उत्तर: बहादुर शाह प्रथम।
प्रश्न 186: गुरु गोबिंद सिंह जी की कविताओं का संकलन किस ग्रंथ में है?
उत्तर: दसम ग्रंथ।
प्रश्न 187: गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा लिखित प्रसिद्ध पत्र कौन-सा है?
उत्तर: ज़फरनामा।
प्रश्न 188: गुरु गोबिंद सिंह जी ने कौन-सा भजन लिखा था?
उत्तर: जाप साहिब।
प्रश्न 189: गुरु गोबिंद सिंह जी ने किस ग्रंथ में महाभारत के योद्धाओं का वर्णन किया है?
उत्तर: चंडी दी वार।
प्रश्न 190: गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने अनुयायियों को किस ग्रंथ को अंतिम गुरु घोषित किया?
उत्तर: गुरु ग्रंथ साहिब।
प्रश्न 191: पटना में गुरु गोबिंद सिंह जी के सम्मान में कौन-सा पर्व मनाया जाता है?
उत्तर: प्रकाश पर्व।
प्रश्न 192: गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्मस्थान किस नदी के पास स्थित है?
उत्तर: गंगा नदी।
प्रश्न 193: पटना में कौन-सा गुरुद्वारा गुरु गोबिंद सिंह जी के खेल स्थल के रूप में प्रसिद्ध है?
उत्तर: गुरुद्वारा बाल लीला साहिब।
प्रश्न 194: पटना में गुरु गोबिंद सिंह जी से जुड़ा कंगन घाट किसलिए प्रसिद्ध है?
उत्तर: यहाँ गुरु गोबिंद सिंह जी ने बचपन में खेलते हुए कंगन बहाया था।
प्रश्न 195: गइ घाट का सिख धर्म में क्या महत्व है?
उत्तर: यह वह स्थान है जहाँ गुरु नानक देव जी और बाद में गुरु गोबिंद सिंह जी ने प्रवचन दिए थे।
प्रश्न 196: गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ को क्या सिखाया?
उत्तर: “न्याय, सच्चाई, और धर्म की रक्षा के लिए जीवन समर्पित करो।“
प्रश्न 197: गुरु गोबिंद सिंह जी ने किस धर्मग्रंथ को सिखों का अंतिम गुरु घोषित किया?
उत्तर: गुरु ग्रंथ साहिब।
प्रश्न 198: गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने अनुयायियों को कौन-सा उपदेश दिया था?
उत्तर:
“वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह।“
प्रश्न 199: गुरु गोबिंद सिंह जी के अनुसार एक सच्चे योद्धा की क्या पहचान होती है?
उत्तर: “जो न्याय और धर्म के लिए लड़ता है।“
प्रश्न 200: गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रसिद्ध कथन कौन-सा है?
उत्तर:
“सवा लाख से एक लड़ाऊँ, तबे गोबिंद सिंह नाम कहाऊँ।“
THANKS.