कृषि क्रांति (10,000 ई.पू. – 2,000 ई.पू.):-
शिकारी और संग्रहकर्ता जीवनशैली से स्थाई कृषि समाज की ओर परिवर्तन।
प्रभाव:-
सभ्यताओं का विकास, व्यापार प्रणालियों की शुरुआत, और जनसंख्या वृद्धि।
औद्योगिक क्रांति (1760 – 1840):-
हस्तनिर्मित वस्तुओं से मशीनों के माध्यम से उत्पादन की ओर बड़ा बदलाव।
प्रभाव:-
शहरीकरण, आर्थिक विकास, और कपड़ा, इस्पात व परिवहन उद्योगों का उत्थान।
वैज्ञानिक क्रांति (16वीं – 18वीं शताब्दी):-
प्रमुख वैज्ञानिक खोजों और पारंपरिक विश्वासों को चुनौती देने का युग।
मुख्य व्यक्तित्व:-
गैलीलियो, न्यूटन, कोपर्निकस।
प्रभाव:-
आधुनिक विज्ञान और तर्कशीलता की नींव।

डिजिटल क्रांति (1950 के बाद);-
एनालॉग तकनीकों से डिजिटल कंप्यूटिंग, संचार, और स्वचालन में बदलाव।
प्रभाव:-
इंटरनेट, स्मार्टफोन और एक जुड़े हुए विश्व का उदय।
अमेरिकी क्रांति (1775 – 1783):-
ब्रिटिश शासन के खिलाफ उपनिवेशीय विद्रोह जिसने संयुक्त राज्य अमेरिका की स्थापना की।
प्रभाव:-
स्वतंत्रता और लोकतंत्र के लिए वैश्विक आंदोलन को प्रेरणा।
फ्रांसीसी क्रांति (1789 – 1799):-
फ्रांस में राजतंत्र को समाप्त करने और सामाजिक परिवर्तन का आंदोलन।
प्रभाव:-
स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आदर्शों को बढ़ावा।
रूसी क्रांति (1917):-
ज़ार शासन का पतन और लेनिन के नेतृत्व में साम्यवाद का उदय।
प्रभाव:-
सोवियत संघ की स्थापना और वैश्विक राजनीतिक बदलाव।
हरित क्रांति (1940 – 1960):-
आधुनिक कृषि प्रथाओं का विकास और खाद्य उत्पादन में वृद्धि।
प्रभाव:-
वैश्विक भूख में कमी लेकिन पर्यावरणीय चिंताएँ उत्पन्न।
नारीवादी क्रांति (19वीं शताब्दी – वर्तमान):-
महिलाओं के अधिकारों, लैंगिक समानता और सशक्तिकरण के लिए आंदोलन।
प्रभाव:-
मतदान अधिकार, कार्यस्थल समानता और सामाजिक सुधार।
सूचना क्रांति (20वीं – 21वीं सदी):-
डाटा और सूचना को अर्थव्यवस्था का मुख्य संसाधन मानने का दौर।
प्रभाव:-
वैश्विक संचार, नवाचार और वाणिज्य में सुधार।
पर्यावरण क्रांति (21वीं सदी):-
जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, और पारिस्थितिकी संरक्षण को संबोधित करने के लिए आंदोलन।
प्रभाव:-
नवीकरणीय ऊर्जा, वैश्विक समझौते जैसे पेरिस समझौता, और संरक्षण प्रयास।
सांस्कृतिक क्रांति (1966 – 1976):-
माओत्से तुंग के नेतृत्व में चीन में समाज और सांस्कृतिक परिवर्तन का अभियान।
प्रभाव:-
चीन में सामाजिक उथल-पुथल और सांस्कृतिक बदलाव।
प्रौद्योगिकी क्रांति:-
एआई, रोबोटिक्स, क्वांटम कंप्यूटिंग और बायोटेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में प्रगति।
प्रभाव:-
कार्य, स्वास्थ्य सेवा और वैश्विक संपर्क का भविष्य।
ऊर्जा क्रांति (21वीं सदी):-
पारंपरिक जीवाश्म ईंधनों से सौर, पवन और परमाणु जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की ओर बदलाव।
प्रभाव:-
वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य को बदलना और कार्बन उत्सर्जन कम करना।
यौन क्रांति (1960 – 1980):
यौनता और संबंधों के पारंपरिक मानदंडों को चुनौती देने वाला सामाजिक आंदोलन।
प्रभाव:-
यौन विविधता और स्वतंत्रता को बढ़ावा।
औद्योगिक क्रांति की दूसरी लहर (1870 – 1914):-
औद्योगिकीकरण की अगली लहर जिसमें बिजली, पेट्रोलियम और रसायन उद्योग का विकास हुआ।
प्रभाव:-
विद्युत ऊर्जा, परिवहन (कार और विमान), और रासायनिक उत्पादों का विस्तार।
तीसरी औद्योगिक क्रांति (1940 – 1970):-
स्वचालन, कंप्यूटर और परमाणु ऊर्जा के विकास के साथ औद्योगिकीकरण।
प्रभाव:-
ऑटोमेशन, वैश्विक उत्पादन नेटवर्क और अंतरिक्ष अन्वेषण।
सूचना और संचार क्रांति:-
इंटरनेट, सोशल मीडिया और मोबाइल संचार के तेजी से विकास का दौर।
प्रभाव:-
सूचना तक त्वरित पहुंच, ई-कॉमर्स का उदय और डिजिटल कनेक्टिविटी।
ग्लासनोस्त और पेरेस्त्रोइका (1980s):-
सोवियत संघ में सुधार और खुलेपन का आंदोलन।
प्रभाव:-
शीत युद्ध का अंत और सोवियत संघ का विघटन।
औपनिवेशिक क्रांतियाँ (18वीं – 20वीं शताब्दी):-
औपनिवेशिक शासन के खिलाफ संघर्ष, जिसमें अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका की स्वतंत्रता शामिल है।
प्रभाव:-
नए स्वतंत्र राष्ट्रों का निर्माण और साम्राज्यवाद का पतन।
औद्योगिक कृषि क्रांति (20वीं सदी):-
खाद्य उत्पादन में वृद्धि के लिए रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों और हाईब्रिड बीजों का उपयोग।
प्रभाव:-
वैश्विक स्तर पर खाद्य आपूर्ति में सुधार।
मेजी क्रांति (1868):-
जापान में पारंपरिक सामंती व्यवस्था को खत्म कर औद्योगिकीकरण और आधुनिकीकरण की प्रक्रिया।
प्रभाव:-
जापान का आधुनिक वैश्विक शक्ति बनना।
बायोटेक्नोलॉजी क्रांति (1980 के बाद):-
डीएनए, जेनेटिक इंजीनियरिंग और बायोफार्मास्यूटिकल्स में शोध और प्रगति।
प्रभाव:-
चिकित्सा, कृषि, और पर्यावरणीय समाधानों में क्रांतिकारी परिवर्तन।
रंग क्रांतियाँ (2000 के बाद):-
लोकतंत्र और सामाजिक परिवर्तन के लिए गैर-हिंसक विरोध आंदोलन।
उदाहरण:-
ऑरेंज क्रांति (यूक्रेन)
जैस्मीन क्रांति (ट्यूनीशिया)
गुलाब क्रांति (जॉर्जिया)
चिकित्सा क्रांति:-
चिकित्सा क्षेत्र में टीके, एंटीबायोटिक्स और सर्जरी में सुधार।
प्रभाव:-
मानव जीवन प्रत्याशा में वृद्धि और बीमारियों का उन्मूलन।
औद्योगिक रोबोटिक्स क्रांति (21वीं सदी):-
रोबोटिक्स और एआई के माध्यम से उत्पादन और श्रम शक्ति का स्वचालन।
प्रभाव:-
उत्पादन क्षमता में वृद्धि और औद्योगिक क्षेत्र में नौकरियों का परिवर्तन।
प्रिंटिंग प्रेस क्रांति (15वीं शताब्दी):-
गुटेनबर्ग द्वारा प्रिंटिंग प्रेस का आविष्कार।
प्रभाव:-
शिक्षा और जानकारी के प्रसार में क्रांति।
व्यापार क्रांति (16वीं – 18वीं शताब्दी):-
वैश्विक व्यापार, उपनिवेशवाद और पूंजीवाद का विकास।
प्रभाव:-
आधुनिक व्यापारिक व्यवस्था की नींव।
परिवहन क्रांति (19वीं सदी):-
रेलवे, स्टीमशिप, और बाद में मोटर वाहन और हवाई परिवहन का विकास।
प्रभाव:-
यात्रा और व्यापार में तेजी।
ऊर्जा क्रांति (19वीं – 20वीं शताब्दी):-
कोयला, पेट्रोलियम और परमाणु ऊर्जा के उपयोग का युग।
प्रभाव:-
औद्योगिक विकास और आधुनिक ऊर्जा प्रणाली का निर्माण।
शहरी क्रांति (3000 ई.पू.):-
प्राचीन शहरों का उदय और शहरीकरण।
प्रभाव:-
सभ्यताओं और सरकारों का निर्माण।
रेनासां (14वीं – 17वीं शताब्दी)
कला, विज्ञान और मानववाद के पुनर्जागरण का युग।
प्रभाव:-
आधुनिक यूरोपीय संस्कृति और वैज्ञानिक खोजों का प्रारंभ।
सामाजिक मीडिया क्रांति (21वीं सदी):-
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोगों का जुड़ाव और सामाजिक बदलाव।
प्रभाव:-
जनमत, आंदोलन और सूचना प्रसार का सशक्त माध्यम।
ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी क्रांति (2009 के बाद):-
डिजिटल मुद्रा और सुरक्षित लेनदेन की नई तकनीक।
प्रभाव:-
वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता और विकेंद्रीकरण।
औद्योगिक क्रांति की चौथी लहर (21वीं सदी):-
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और ऑटोमेशन द्वारा संचालित औद्योगिकीकरण।
प्रभाव:-
स्मार्ट तकनीक, स्वचालन, और उत्पादन प्रक्रियाओं में क्रांतिकारी बदलाव।
जलवायु क्रांति (21वीं सदी):-
पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने के लिए जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक आंदोलन।
प्रभाव:-
हरित ऊर्जा प्रौद्योगिकियों का विकास और वैश्विक जलवायु नीतियाँ।
औषधि क्रांति (20वीं सदी):-
टीकों, एंटीबायोटिक्स और सर्जिकल तकनीकों का विकास।
प्रभाव:-
मानव जीवन प्रत्याशा में वृद्धि और बीमारियों पर नियंत्रण।
ज्ञान क्रांति (16वीं – 17वीं शताब्दी):-
यूरोप में ज्ञान और शिक्षा का तेजी से प्रसार।
प्रभाव:-
वैज्ञानिक और दार्शनिक विचारों का विकास।
सांस्कृतिक पुनर्जागरण (रेनेसां) (14वीं – 17वीं सदी):-
कला, साहित्य और विज्ञान में मानवतावादी विचारों का पुनर्जागरण।
प्रभाव:-
आधुनिक यूरोप की नींव और वैज्ञानिक प्रगति।
बौद्धिक क्रांति (17वीं – 19वीं सदी):-
प्रबोधन काल (Enlightenment) जिसने तर्कसंगत विचार और सामाजिक सुधार को बढ़ावा दिया।
प्रभाव:-
लोकतंत्र, मानवाधिकार और आधुनिक राजनीति की नींव।
औद्योगिक ऊर्जा क्रांति (19वीं सदी):-
पेट्रोलियम, कोयला और बिजली का औद्योगिक उपयोग।
प्रभाव:-
परिवहन, उद्योग, और संचार में क्रांति।
स्पेस क्रांति (1957 – वर्तमान):-
स्पेस टेक्नोलॉजी और अन्वेषण में बड़े कदम।
प्रभाव:-
अंतरिक्ष यात्रा, सैटेलाइट संचार और सौर मंडल का अन्वेषण।
शिक्षण क्रांति (20वीं सदी):-
वैश्विक शिक्षा प्रणालियों का विकास और आधुनिक पद्धतियों का प्रयोग।
प्रभाव:-
साक्षरता में वृद्धि और तकनीकी शिक्षा का विस्तार।
स्वास्थ्य क्रांति (20वीं – 21वीं सदी):-
जन स्वास्थ्य, वैक्सीन, और टेलीमेडिसिन का विकास।
प्रभाव:-
स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच और रोग प्रबंधन में सुधार।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्रांति (21वीं सदी):-
AI के माध्यम से डेटा विश्लेषण और स्वचालित प्रणालियाँ।
प्रभाव:-
रोबोटिक्स, हेल्थकेयर, शिक्षा और व्यापार में बड़े बदलाव।
डेटा क्रांति (21वीं सदी):-
बिग डेटा और क्लाउड कंप्यूटिंग के माध्यम से सूचना प्रबंधन में सुधार।
प्रभाव:-
व्यावसायिक निर्णय, अनुसंधान, और डेटा सुरक्षा।
मानवाधिकार क्रांति (20वीं सदी):-
दुनिया भर में मानव अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष।
प्रभाव:-
महिलाओं, अल्पसंख्यकों और अन्य समुदायों के अधिकारों में सुधार।
वैश्वीकरण क्रांति (20वीं – 21वीं सदी):-
दुनिया भर में सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक जुड़ाव।
प्रभाव:-
व्यापार, यात्रा और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का विकास।
इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति (21वीं सदी):-
इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरी प्रौद्योगिकी में प्रगति।
प्रभाव:-
परिवहन क्षेत्र में पर्यावरण अनुकूल तकनीकों का उपयोग।
जैव विविधता क्रांति (21वीं सदी):-
प्राकृतिक संसाधनों और वन्यजीव संरक्षण के लिए वैश्विक प्रयास।
प्रभाव:-
पर्यावरण संतुलन और पारिस्थितिकी का संरक्षण।
वित्तीय क्रांति (20वीं – 21वीं सदी):-
फिनटेक, मोबाइल बैंकिंग और क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से वित्तीय सेवाओं का विस्तार।
प्रभाव:-
वित्तीय लेनदेन में सरलता और पारदर्शिता।
उपभोक्ता क्रांति (20वीं सदी):-
उपभोक्तावाद का उदय और उत्पाद डिजाइन में उपभोक्ता केंद्रित दृष्टिकोण।
प्रभाव:-
वैश्विक व्यापार और ब्रांड संस्कृति का विकास।
जैव प्रौद्योगिकी क्रांति (21वीं सदी):-
जैविक अनुसंधान और डीएनए तकनीक में नई खोजें।
प्रभाव:-
चिकित्सा, कृषि और पर्यावरणीय समस्याओं में समाधान।
साइबर सुरक्षा क्रांति (21वीं सदी):-
इंटरनेट और डेटा सुरक्षा के क्षेत्र में तकनीकी प्रगति।
प्रभाव:-
डिजिटल दुनिया को सुरक्षित बनाने के लिए नई तकनीकें।
कार्यक्षेत्र क्रांति (21वीं सदी):-
हाइब्रिड वर्क मॉडल, गिग इकोनॉमी, और डिजिटल वर्कप्लेस का विकास।
प्रभाव:-
कार्य संस्कृति और उत्पादकता में बदलाव।
हरित ऊर्जा क्रांति (21वीं सदी):-
नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों (सौर, पवन, जल) के व्यापक उपयोग की ओर कदम।
प्रभाव:-
जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता में कमी और पर्यावरण संरक्षण।
औद्योगिक डिजाइन क्रांति (20वीं सदी):-
उत्पादों के सौंदर्य और कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन में बदलाव।
प्रभाव:-
उपयोगकर्ता-अनुकूल और आकर्षक उत्पादों का निर्माण।
जनसंचार क्रांति (20वीं सदी):-
रेडियो, टेलीविजन और इंटरनेट के माध्यम से वैश्विक संचार का विस्तार।
प्रभाव:-
समाचार, मनोरंजन और शिक्षा में पहुंच में वृद्धि।
महिला मताधिकार क्रांति (19वीं – 20वीं सदी):-
महिलाओं को मतदान का अधिकार दिलाने का आंदोलन।
प्रभाव:-
महिला अधिकारों और सामाजिक समानता में सुधार।
औद्योगिक खाद्य क्रांति (20वीं सदी):-
फूड प्रोसेसिंग और पैकेजिंग तकनीकों में नवाचार।
प्रभाव:-
खाद्य संरक्षण और वितरण में सुधार।
औद्योगिक जल क्रांति (19वीं – 20वीं सदी):-
पानी के प्रबंधन और स्वच्छता के लिए नई तकनीकों का विकास।
प्रभाव:-
सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार और बीमारियों में कमी।
सार्वजनिक परिवहन क्रांति (20वीं सदी):-
मेट्रो, बुलेट ट्रेन, और साझा परिवहन साधनों का विकास।
प्रभाव:-
शहरीकरण और यातायात की समस्या में सुधार।
विज्ञान कथा क्रांति (20वीं सदी):-
साहित्य और सिनेमा में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के भविष्य को दर्शाने वाले विचारों का प्रसार।
प्रभाव:-
विज्ञान और नवाचार के प्रति रुचि बढ़ी।
मानव अंतरिक्ष क्रांति (1961 – वर्तमान):-
यूरी गगारिन के अंतरिक्ष में जाने से लेकर चंद्रमा और मंगल पर मिशन।
प्रभाव:-
अंतरिक्ष अन्वेषण में नई संभावनाओं का उदय।
तकनीकी उद्यमिता क्रांति (21वीं सदी):-
स्टार्टअप और टेक्नोलॉजी आधारित व्यवसायों का उदय।
प्रभाव:-
आर्थिक विकास और नवाचार को बढ़ावा।
विकेंद्रीकरण क्रांति (21वीं सदी):-
ब्लॉकचेन तकनीक और विकेंद्रीकृत वित्तीय प्रणालियों का विकास।
प्रभाव:-
वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता और स्वतंत्रता।
न्यूरोसाइंस क्रांति (21वीं सदी):-
मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के अध्ययन में प्रगति।
प्रभाव:-
मानसिक स्वास्थ्य और न्यूरोलॉजिकल विकारों के उपचार में सुधार।
औद्योगिक स्वास्थ्य क्रांति (20वीं – 21वीं सदी):-
औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा और स्वास्थ्य मानकों का सुधार।
प्रभाव:-
श्रमिकों की सुरक्षा और उत्पादकता में वृद्धि।
टिकाऊ विकास क्रांति (21वीं सदी):-
पर्यावरणीय, आर्थिक और सामाजिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए नीतियाँ।
प्रभाव:-
संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग और भविष्य के लिए योजना।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्रांति (20वीं सदी):-
वैश्विक व्यापार संगठनों और मुक्त व्यापार समझौतों का उदय।
प्रभाव:-
अंतरराष्ट्रीय व्यापार में बाधाओं का कम होना।
जीनोम क्रांति (21वीं सदी):-
मानव डीएनए अनुक्रमण और अनुवांशिकी अनुसंधान में प्रगति।
प्रभाव:-
व्यक्तिगत चिकित्सा और रोग निदान में सुधार।
सामाजिक न्याय क्रांति (20वीं – 21वीं सदी):-
नस्लवाद, जातिवाद और असमानता के खिलाफ वैश्विक आंदोलन।
प्रभाव:-
अधिक समावेशी और समान समाज का निर्माण।
खेल क्रांति (20वीं सदी):-
खेल आयोजनों और पेशेवर खेल संरचनाओं का विकास।
प्रभाव:-
वैश्विक खेल संस्कृति और खिलाड़ियों के लिए अवसर।
शिक्षा प्रौद्योगिकी क्रांति (21वीं सदी):-
ऑनलाइन शिक्षा प्लेटफॉर्म और ई-लर्निंग का विस्तार।
प्रभाव:-
शिक्षा तक पहुंच में वृद्धि और सीखने के नए तरीके।
जेंडर पहचान क्रांति (21वीं सदी):-
लैंगिक विविधता और पहचान के अधिकारों की स्वीकृति।
प्रभाव:-
सामाजिक समावेश और समानता।
सौर ऊर्जा क्रांति (21वीं सदी):-
सौर पैनलों और ऊर्जा भंडारण तकनीकों का उन्नत विकास।
प्रभाव:-
अक्षय ऊर्जा स्रोतों की बढ़ती स्वीकृति।
रचनात्मकता क्रांति (21वीं सदी):-
कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डिजिटल टूल्स के माध्यम से कला और डिज़ाइन में नवाचार।
प्रभाव:-
कला और मीडिया के नए रूपों का उदय।
नैनो टेक्नोलॉजी क्रांति (21वीं सदी):-
नैनोमीटर स्तर पर सामग्री के निर्माण और उपयोग की तकनीक।
प्रभाव:-
चिकित्सा, इलेक्ट्रॉनिक्स, और पर्यावरण में अभूतपूर्व प्रगति।
जैव ऊर्जा क्रांति (21वीं सदी):-
जैविक कचरे और वनस्पतियों से ऊर्जा उत्पादन की तकनीक।
प्रभाव:-
नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता।
प्लास्टिक क्रांति (20वीं सदी):-
प्लास्टिक के उत्पादन और उपयोग में तेजी।
प्रभाव:-
आधुनिक उपभोक्ता वस्तुओं का विकास और पर्यावरणीय चुनौतियाँ।
हरित क्रांति का दूसरा चरण (20वीं सदी):-
खेती के लिए अधिक टिकाऊ और जैविक तरीकों का उपयोग।
प्रभाव:-
खाद्य उत्पादन में स्थिरता और पर्यावरण संरक्षण।
औद्योगिक शीतलन क्रांति (20वीं सदी):-
रेफ्रिजरेशन और एयर कंडीशनिंग तकनीकों का विकास।
प्रभाव:-
खाद्य भंडारण और आरामदायक जीवनशैली।
समुद्री अन्वेषण क्रांति (15वीं – 16वीं सदी):-
समुद्र के माध्यम से नई भूमि और व्यापार मार्गों की खोज।
प्रभाव:-
उपनिवेशवाद और वैश्विक व्यापार का विस्तार।
डिजिटल भुगतान क्रांति (21वीं सदी):-
मोबाइल वॉलेट, यूपीआई और क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग में वृद्धि।
प्रभाव:-
नकद रहित अर्थव्यवस्था और वित्तीय समावेश।
पर्यावरण जागरूकता क्रांति (20वीं सदी):-
पर्यावरण संरक्षण के प्रति वैश्विक जागरूकता का प्रसार।
प्रभाव:-
अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणीय नीतियों और कानूनों का निर्माण।
स्वच्छता क्रांति (19वीं – 20वीं सदी):-
पानी और स्वच्छता सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने के लिए प्रयास।
प्रभाव:-
जन स्वास्थ्य में सुधार और बीमारियों में कमी।
वैज्ञानिक उपकरण क्रांति (17वीं – 19वीं सदी):-
दूरबीन, सूक्ष्मदर्शी और अन्य वैज्ञानिक उपकरणों का आविष्कार।
प्रभाव:-
वैज्ञानिक अनुसंधान और खोजों में वृद्धि।
इलेक्ट्रॉनिक्स क्रांति (20वीं सदी):-
रेडियो, ट्रांजिस्टर और सेमीकंडक्टर का विकास।
प्रभाव:-
आधुनिक कंप्यूटर और उपकरणों की नींव।
मानवता विकास क्रांति (21वीं सदी):-
संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को बढ़ावा।
प्रभाव:-
गरीबी उन्मूलन, समानता और टिकाऊ विकास।
अर्बन प्लानिंग क्रांति (20वीं सदी):-
शहरों की संरचना और प्रबंधन में सुधार।
प्रभाव:-
स्मार्ट सिटी और शहरीकरण का विकास।
सिंचाई क्रांति (19वीं सदी):-
नहरों और सिंचाई प्रणालियों का निर्माण।
प्रभाव:-
कृषि उत्पादकता में सुधार और ग्रामीण विकास।
संगीत क्रांति (20वीं सदी):-
जैज, रॉक, पॉप, और हिप-हॉप जैसी नई संगीत शैलियों का उदय।
प्रभाव:-
सांस्कृतिक विविधता और वैश्विक मनोरंजन उद्योग का विस्तार।
फोटो और फिल्म क्रांति (19वीं – 20वीं सदी):-
फोटोग्राफी और सिनेमा का आविष्कार।
प्रभाव:-
मनोरंजन, कला और मीडिया उद्योग में बदलाव।
सोलर पावर ग्रिड क्रांति (21वीं सदी):-
सोलर ग्रिड और माइक्रोग्रिड तकनीकों का विकास।
प्रभाव:-
ऊर्जा आत्मनिर्भरता और हरित ऊर्जा में प्रगति।
पुनर्नवीकरणीय सामग्रियों की क्रांति (21वीं सदी):-
पुनर्नवीकरणीय और जैविक सामग्रियों के उपयोग में वृद्धि।
प्रभाव:-
पर्यावरणीय स्थिरता और अपशिष्ट प्रबंधन।
कला पुनर्जागरण क्रांति (19वीं सदी):-
आधुनिक कला आंदोलनों जैसे प्रभाववाद, अभिव्यक्तिवाद, और क्यूबिज्म का उदय।
प्रभाव:-
कला की नई शैलियों और दृष्टिकोणों का विकास।
शीत युद्ध तकनीकी क्रांति (1947 – 1991):-
अंतरिक्ष, सैन्य और तकनीकी नवाचार।
प्रभाव:-
कंप्यूटर, उपग्रह और इंटरनेट का प्रारंभ।
सार्वजनिक स्वास्थ्य क्रांति (19वीं – 20वीं सदी):-
टीकाकरण अभियानों और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार।
प्रभाव:-
बीमारियों की रोकथाम और जीवन प्रत्याशा में वृद्धि।
समुद्री ऊर्जा क्रांति (21वीं सदी):-
समुद्री लहरों और ज्वार से ऊर्जा उत्पन्न करने की तकनीक।
प्रभाव:-
हरित ऊर्जा उत्पादन में नई संभावनाएँ।
अंतरिक्ष निजीकरण क्रांति (21वीं सदी):-
स्पेसएक्स और ब्लू ओरिजिन जैसे निजी स्पेस प्रोग्राम का उदय।
प्रभाव:-
अंतरिक्ष यात्रा और अनुसंधान का निजीकरण।
औद्योगिक परिवहन क्रांति (19वीं सदी):-
रेलवे, भाप इंजन और स्टीमशिप के आविष्कार के साथ परिवहन का विस्तार।
प्रभाव:-
माल और यात्रियों की तेज़ और सस्ती आवाजाही।
वैकल्पिक चिकित्सा क्रांति (20वीं सदी):-
आयुर्वेद, होम्योपैथी, योग और एक्यूपंक्चर जैसी चिकित्सा पद्धतियों का पुनरुत्थान।
प्रभाव:-
समग्र स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति जागरूकता।
कृषि यांत्रिकी क्रांति (19वीं सदी):-
कृषि में ट्रैक्टर, हार्वेस्टर और अन्य उपकरणों का उपयोग।
प्रभाव:-
कृषि कार्य में दक्षता और उत्पादन में वृद्धि।
जैव विविधता संरक्षण क्रांति (20वीं – 21वीं सदी):-
लुप्तप्राय प्रजातियों और प्राकृतिक आवासों को बचाने के लिए वैश्विक प्रयास।
प्रभाव:-
पारिस्थितिक संतुलन और स्थायी विकास।
औषधि अनुसंधान क्रांति (20वीं सदी):-
पेनिसिलिन, वैक्सीन, और कैंसर उपचार जैसी दवाओं का आविष्कार।
प्रभाव:-
घातक बीमारियों का उपचार और मानव जीवनकाल में वृद्धि।
जलवायु परिवर्तन क्रांति (21वीं सदी):-
जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए नीतियाँ और अंतर्राष्ट्रीय समझौते।
प्रभाव:-
पर्यावरणीय जागरूकता और नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश।
रोबोटिक्स क्रांति (21वीं सदी):-
स्वचालित मशीनों और रोबोट्स का विकास।
प्रभाव:-
औद्योगिक उत्पादन, चिकित्सा और घरेलू जीवन में परिवर्तन।
महिला सशक्तिकरण क्रांति (20वीं – 21वीं सदी):-
महिला शिक्षा, रोजगार, और राजनीतिक भागीदारी को बढ़ावा।
प्रभाव:-
लैंगिक समानता और समाज में प्रगति।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्रांति (21वीं सदी):-
कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग का विकास।
प्रभाव:-
कार्यक्षेत्रों में स्वचालन और नई खोजों की शुरुआत।
ब्लू इकोनॉमी क्रांति (21वीं सदी):-
महासागरों और समुद्री संसाधनों का सतत उपयोग।
प्रभाव:-
आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण।
न्यूक्लियर ऊर्जा क्रांति (20वीं सदी):-
परमाणु ऊर्जा का उपयोग बिजली उत्पादन और हथियार निर्माण में।
प्रभाव:-
ऊर्जा संकट का समाधान और सुरक्षा संबंधी चिंताएँ।
क्यूबिक आर्किटेक्चर क्रांति (21वीं सदी):-
आधुनिक भवन निर्माण में टिकाऊ और अभिनव डिज़ाइन।
प्रभाव:-
शहरीकरण और पर्यावरणीय अनुकूल निर्माण।
पर्यावरण शिक्षा क्रांति (20वीं सदी):-
पर्यावरणीय अध्ययन को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल करना।
प्रभाव:-
युवा पीढ़ी में जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना।
3D प्रिंटिंग क्रांति (21वीं सदी):-
उत्पादन और निर्माण में 3D प्रिंटर का उपयोग।
प्रभाव:-
विनिर्माण प्रक्रिया में लागत और समय की बचत।
डेटा विज्ञान क्रांति (21वीं सदी):-
बिग डेटा और डेटा एनालिटिक्स तकनीकों का विकास।
प्रभाव:-
व्यवसाय, स्वास्थ्य, और अनुसंधान में नई संभावनाएँ।
क्रिप्टोकरेंसी क्रांति (21वीं सदी):-
डिजिटल मुद्राओं जैसे बिटकॉइन और एथेरियम का उदय।
प्रभाव:-
पारंपरिक वित्तीय प्रणालियों में बदलाव।
अंतरिक्ष पर्यटन क्रांति (21वीं सदी):-
आम लोगों के लिए अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत।
प्रभाव:-
अंतरिक्ष के व्यवसायीकरण में वृद्धि।
जैव प्रौद्योगिकी क्रांति (20वीं सदी):-
जीन संपादन और जैविक अनुसंधान में नई तकनीकों का उपयोग।
प्रभाव:-
चिकित्सा, कृषि और पर्यावरण में सुधार।
एथिकल उपभोक्ता क्रांति (21वीं सदी):-
नैतिक रूप से उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं की मांग में वृद्धि।
प्रभाव:-
सतत और जिम्मेदार उपभोक्ता व्यवहार।
मानसिक स्वास्थ्य क्रांति (21वीं सदी):-
मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और इलाज के साधनों में सुधार।
प्रभाव:-
समाज में कलंक में कमी और समर्थन में वृद्धि।
क्वांटम यांत्रिकी क्रांति (20वीं सदी):-
क्वांटम भौतिकी के सिद्धांतों का विकास और अनुप्रयोग।
प्रभाव:-
कंप्यूटर, संचार और ऊर्जा भंडारण में उन्नति।
डिजिटल मीडिया क्रांति (21वीं सदी):-
सोशल मीडिया, पॉडकास्टिंग, और ऑनलाइन वीडियो प्लेटफार्म का उदय।
प्रभाव:-
पारंपरिक मीडिया को बदलकर डिजिटल युग का निर्माण।
जैविक खेती क्रांति (21वीं सदी):-
जैविक और प्राकृतिक कृषि पद्धतियों का विस्तार।
प्रभाव:-
स्वास्थ्यवर्धक भोजन और पर्यावरण संरक्षण।
जल प्रबंधन क्रांति (21वीं सदी):-
जल संरक्षण, पुनर्चक्रण, और प्रबंधन में तकनीकी प्रगति।
प्रभाव:-
पानी की कमी की समस्या का समाधान।
खाद्य वितरण क्रांति (21वीं सदी):-
डिलीवरी सेवाओं और स्मार्ट लॉजिस्टिक्स का उदय।
प्रभाव:-
उपभोक्ता सुविधाओं में वृद्धि और उद्योग का विस्तार।
ऊर्जा भंडारण क्रांति (21वीं सदी):-
उन्नत बैटरी और ऊर्जा भंडारण प्रणालियों का विकास।
प्रभाव:-
अक्षय ऊर्जा के उपयोग में वृद्धि।
रासायनिक क्रांति (18वीं सदी):-
रसायन विज्ञान के वैज्ञानिक सिद्धांतों का विकास।
प्रभाव:-
औद्योगिक प्रक्रियाओं और चिकित्सा में क्रांति।
मेमोरी स्टोरेज क्रांति (20वीं – 21वीं सदी):-
डिजिटल डिवाइस और क्लाउड स्टोरेज में डेटा भंडारण की प्रगति।
प्रभाव:-
सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उन्नति।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग क्रांति (20वीं सदी):-
संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों का निर्माण।
प्रभाव:-
वैश्विक शांति और सुरक्षा में सुधार।
न्यूरोटेक्नोलॉजी क्रांति (21वीं सदी):-
मानव मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र पर आधारित तकनीकों का विकास।
प्रभाव:-
मानसिक और न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का समाधान।
जलवायु प्रौद्योगिकी क्रांति (21वीं सदी):-
कार्बन कैप्चर और जलवायु निगरानी तकनीकों का विकास।
प्रभाव:-
जलवायु संकट को नियंत्रित करने में सहायता।
मॉडर्न वास्तुकला क्रांति (20वीं सदी):-
गगनचुंबी इमारतों और ऊर्जा-कुशल संरचनाओं का निर्माण।
प्रभाव:-
शहरीकरण और आधुनिक जीवनशैली को बढ़ावा।
उपग्रह संचार क्रांति (20वीं सदी):-
उपग्रहों के माध्यम से वैश्विक संचार प्रणाली का विकास।
प्रभाव:-
इंटरनेट और मोबाइल संचार का विस्तार।
वर्चुअल रियलिटी क्रांति (21वीं सदी):-
वीआर और एआर तकनीकों का उपयोग।
प्रभाव:-
गेमिंग, शिक्षा, और चिकित्सा में नई संभावनाएँ।
पनबिजली क्रांति (20वीं सदी):-
नदियों और जल प्रवाह से बिजली उत्पादन।
प्रभाव:-
ऊर्जा उत्पादन में स्थिरता।
लिथियम बैटरी क्रांति (21वीं सदी)
लिथियम-आधारित बैटरी का विकास।
प्रभाव:-
इलेक्ट्रिक वाहनों और इलेक्ट्रॉनिक्स में सुधार।
पर्यावरण वास्तुकला क्रांति (21वीं सदी):-
हरित इमारतें और ऊर्जा-कुशल डिज़ाइन।
प्रभाव:
शहरी क्षेत्रों में स्थायी विकास।
अंतरिक्ष विज्ञान क्रांति (20वीं – 21वीं सदी):-
मंगल और अन्य ग्रहों के अन्वेषण के लिए मिशन।
प्रभाव:-
अंतरिक्ष अन्वेषण और ज्ञान में वृद्धि।
खेल प्रौद्योगिकी क्रांति (21वीं सदी):-
खेल उपकरण, प्रशिक्षण, और डेटा एनालिटिक्स में उन्नति।
प्रभाव:-
खिलाड़ी प्रदर्शन और प्रशंसक अनुभव में सुधार।
औद्योगिक रोबोटिक्स क्रांति (20वीं सदी):-
स्वचालित रोबोट्स का उपयोग।
प्रभाव:-
उत्पादन प्रक्रिया में दक्षता और लागत में कमी।
ऑटोमेशन क्रांति (21वीं सदी):-
स्वचालन प्रणाली और मशीन लर्निंग के विकास।
प्रभाव:-
उद्योगों और सेवाओं में उत्पादकता बढ़ी और मानवीय हस्तक्षेप घटा।
न्यूरोसाइंस क्रांति (21वीं सदी):-
मस्तिष्क और तंत्रिका प्रणाली पर वैज्ञानिक अध्ययन का विस्तार।
प्रभाव:-
मानसिक स्वास्थ्य और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में प्रगति।
औद्योगिक डिजाइन क्रांति (20वीं सदी):-
कार्यात्मक और सौंदर्यपूर्ण उत्पाद डिज़ाइन का विकास।
प्रभाव:-
आधुनिक उपभोक्ता वस्तुओं और ब्रांडिंग में क्रांति।
पेपरलेस क्रांति (21वीं सदी):-
डिजिटल दस्तावेज़ और क्लाउड स्टोरेज का उपयोग।
प्रभाव:-
पर्यावरण संरक्षण और कार्यालय प्रक्रियाओं में सुधार।
ऊर्जा दक्षता क्रांति (21वीं सदी):-
ऊर्जा-कुशल उपकरण और प्रौद्योगिकियों का विकास।
प्रभाव:-
ऊर्जा बचत और पर्यावरणीय प्रभाव में कमी।
ओपन–सोर्स क्रांति (21वीं सदी):-
फ्री और ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर का व्यापक उपयोग।
प्रभाव:-
तकनीकी नवाचार और वैश्विक सहयोग में वृद्धि।
डिजिटल क्रांति का दूसरा चरण (21वीं सदी):-
इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), 5G, और ब्लॉकचेन का उदय।
प्रभाव:-
स्मार्ट उपकरणों और कनेक्टेड सेवाओं का विकास।
कार्बन न्यूट्रल क्रांति (21वीं सदी):-
कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने के लिए वैश्विक प्रयास।
प्रभाव:-
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करना।
ई–कॉमर्स क्रांति (21वीं सदी):-
ऑनलाइन खरीदारी और डिजिटल मार्केटिंग का प्रसार।
प्रभाव:-
वैश्विक व्यापार और खुदरा उद्योग में परिवर्तन।
समुद्री विज्ञान क्रांति (20वीं – 21वीं सदी):-
महासागरों और समुद्री जीवन पर अनुसंधान।
प्रभाव:-
समुद्री पारिस्थितिकी और संसाधनों की बेहतर समझ।
एग्रीटेक क्रांति (21वीं सदी):-
कृषि में डेटा, ड्रोन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग।
प्रभाव:-
उत्पादन बढ़ाने और लागत घटाने में मदद।
नवीकरणीय सामग्री क्रांति (21वीं सदी):-
प्लास्टिक और गैर-पुनरावृत्त सामग्रियों के विकल्प का विकास।
प्रभाव:-
पर्यावरणीय स्थिरता और अपशिष्ट प्रबंधन।
क्वांटम कंप्यूटिंग क्रांति (21वीं सदी):-
क्वांटम कंप्यूटर का विकास और उपयोग।
प्रभाव:-
गणना की गति और क्षमता में वृद्धि।
माइक्रोफाइनेंस क्रांति (20वीं सदी):-
कम आय वाले व्यक्तियों और छोटे व्यवसायों के लिए वित्तीय सेवाएँ।
प्रभाव:-
गरीबी उन्मूलन और वित्तीय समावेशन।
डिजिटल शिक्षा क्रांति (21वीं सदी):-
ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफार्म और ई-लर्निंग का उदय।
प्रभाव:-
शिक्षा तक व्यापक पहुँच और लचीले अध्ययन के अवसर।
बायोफ्यूल क्रांति (21वीं सदी):-
जैव ईंधन और हरित ऊर्जा स्रोतों का उपयोग।
प्रभाव:-
पारंपरिक ईंधनों पर निर्भरता कम हुई।
स्वास्थ्य डेटा क्रांति (21वीं सदी):-
इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग।
प्रभाव:-
रोग निदान और उपचार में सुधार।
ग्लोबल पॉलिटिकल क्रांति (20वीं सदी):-
लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए वैश्विक संघर्ष।
प्रभाव:-
उपनिवेशवाद का अंत और नई सरकारों का निर्माण।
स्पेस स्टेशन क्रांति (20वीं सदी):-
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) और अन्य कक्षीय परियोजनाएँ।
प्रभाव:-
अंतरिक्ष विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय सहयोग।
बायोइंजीनियरिंग क्रांति (21वीं सदी):-
जीव विज्ञान और इंजीनियरिंग के सम्मिलन से नई तकनीकों का विकास।
प्रभाव:-
कृत्रिम अंग और जैविक नवाचार।
दुनिया की क्रांतियाँ (देश के साथ)
कृषि क्रांति (ग्रीन रिवोल्यूशन)
देश:-
भारत, चीन, मैक्सिको
प्रभाव:-
फसल उत्पादन में वृद्धि और खाद्य सुरक्षा।
औद्योगिक क्रांति;-
देश:-
यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन)
प्रभाव:-
भाप इंजन और मशीनों के उपयोग से उत्पादन प्रक्रियाओं में बदलाव।
अमेरिकी क्रांति:-
देश:-
संयुक्त राज्य अमेरिका
प्रभाव:-
स्वतंत्रता संग्राम और लोकतांत्रिक प्रणाली की नींव।
फ्रांसीसी क्रांति:-
देश:-
फ्रांस
प्रभाव:-
गणराज्य की स्थापना, समानता, और स्वतंत्रता के सिद्धांतों का प्रसार।
साइंस क्रांति (वैज्ञानिक क्रांति):-
देश:-
यूरोप (मुख्य रूप से इंग्लैंड, इटली, और पोलैंड)
प्रभाव:-
भौतिकी, गणित और खगोलशास्त्र में प्रमुख परिवर्तन।
डिजिटल क्रांति:-
देश:-
संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान
प्रभाव:-
कंप्यूटर और इंटरनेट का विकास, वैश्विक संचार प्रणाली का विकास।
रुसियन क्रांति (1917):-
देश:-
रूस
प्रभाव:-
बोल्शेविक क्रांति के बाद सोवियत संघ का गठन और समाजवादी शासन की शुरुआत।
महिला सशक्तिकरण क्रांति:-
देश:-
संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, भारत
प्रभाव:-
महिलाओं के अधिकारों के लिए वैश्विक संघर्ष, मतदान का अधिकार, शिक्षा, और श्रम के अधिकार।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम:-
देश:-
भारत
प्रभाव:-
ब्रिटिश साम्राज्य से भारत की स्वतंत्रता की प्राप्ति।
हिप्पी क्रांति:-
देश:-
संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप (विशेष रूप से ब्रिटेन और नीदरलैंड्स)
प्रभाव:-
सामाजिक स्वतंत्रता, शांति, और प्रेम के सिद्धांतों का प्रसार।
मानवाधिकार क्रांति:-
देश:-
संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, भारत
प्रभाव:-
नस्लभेद और भेदभाव के खिलाफ वैश्विक आंदोलन।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्रांति:-
देश:-
संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, जापान
प्रभाव:-
अंतरिक्ष अन्वेषण, इंटरनेट, और नवाचार।
गांधीजी के नेतृत्व में असहमति और सत्याग्रह क्रांति:-
देश:-
भारत
प्रभाव:-
अहिंसक प्रतिरोध आंदोलन, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा था।
ग्रीन क्रांति:-
देश:-
भारत, पाकिस्तान, मेक्सिको
प्रभाव:-
उच्च उत्पादकता वाले बीज, उर्वरक, और सिंचाई तकनीकों के उपयोग से कृषि उत्पादन में वृद्धि।
सूचना क्रांति:-
देश:-
संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, जापान
प्रभाव:–
सूचना प्रौद्योगिकी और कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति।
रासायनिक क्रांति:-
देश:-
यूरोप (विशेष रूप से जर्मनी और इंग्लैंड)
प्रभाव:-
रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नवाचार और औद्योगिकीकरण।
पुनर्जागरण (Renaissance):-
देश:-
इटली, फ्रांस, इंग्लैंड
प्रभाव:-
कला, साहित्य और विज्ञान में नवाचार।
प्रौद्योगिकी क्रांति (स्मार्टफोन और इंटरनेट):-
देश:-
संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण कोरिया, जापान
प्रभाव:-
डिजिटल उपकरणों और इंटरनेट का विकास।
समग्र चिकित्सा क्रांति:-
देश:-
भारत, चीन, पश्चिमी देशों (संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी)
प्रभाव:-
आयुर्वेद, योग, और समग्र चिकित्सा पद्धतियों का वैश्विक प्रसार।
नवीकरणीय ऊर्जा क्रांति:-
देश:-
जर्मनी, डेनमार्क, चीन, भारत
प्रभाव:-
सौर, पवन, और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का विकास।
क्यूबिकल आर्किटेक्चर क्रांति:-
देश:-
संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप
प्रभाव:-
इमारतों और कार्यालयों के डिज़ाइन में बदलाव।
वर्टिकल फार्मिंग क्रांति:-
देश:-
संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया
प्रभाव:-
शहरी क्षेत्रों में कृषि की तकनीक।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्रांति:-
देश: –
युक्त राज्य अमेरिका, चीन
प्रभाव:-
मशीन लर्निंग और AI तकनीकों का उपयोग, उद्योगों में स्वचालन।
ब्लॉकचेन क्रांति:-
देश:-
संयुक्त राज्य अमेरिका, स्विट्ज़रलैंड
प्रभाव:-
डिजिटल मुद्रा, स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स और वितरित लेज़र तकनीक का विकास।
स्मार्ट सिटी क्रांति:-
देश:-
संयुक्त राज्य अमेरिका, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात
प्रभाव:-
शहरीकरण के स्मार्ट समाधानों का विकास।
THANKS.
PLEASE COMMENT IN COMMENT BOX.
Excellent