परिस्थिति

इस कहानी का किसी जीवित या मृत या जाती धर्म या सम्प्रदाय या क्षेत्र से कोई संबंध नहीं है। कहानी के सिर्फ पात्र है। ये कहानी सिर्फ शिक्षा या मनोरंजन के लिए बनाया गया है।

मानव प्रकृति का अनमोल रत्न है। मनुष्य इस धरती पर आकर बहुत से उपयोगी काम किया और ये निरंतर जारी है। वहीं प्रकृति भी अपना काम सही समय पर करता रहता है।

मानव प्रकृति का अनमोल रत्न है। मनुष्य इस धरती पर आकर बहुत से उपयोगी काम किया और ये निरंतर जारी है। वहीं प्रकृति भी अपना काम सही समय पर करता रहता है।

प्रकृति पशु हो या मानव सभी को एक समान रूप से देखती है और अपना फल या अपना उपयोगी मूल्य समान रूप से प्रदान करती है।

प्रकृति का समय निश्चित है। जैसे कब बारिश होना है कब गर्मी का मौसम होगा कब सर्दी आयेगा। सबका समय निर्धारित है।

कब आम का फल आयेगा। कब अंगूर का या कब हरि ताजी सब्जियां आयेगा सब निर्धारित है समय।

प्रकृति के पास असीमित भंडार भरा है। मनुष्य या पशु ये असीमित भंडार का उपयोग कर जीवित है।

पेड़ पौधा या पशु विपरीत परिस्थिति में भी अपना जीवन आपन करके अपना नेकी करना नहीं भूलते है।

इस पेड़ को देखे, क्या इसकी स्थितियां फल देने वाली है? समस्याएं सभी के पास है। जितना है उतने में ही प्रयत्न करते रहे। रिजल्ट देने वाले ही इतिहास बनाते है। आप जहां है वही से शुरू करे।

मनुष्य के जीवन भी समस्याओं से भरा परा है। इस धरती पर शायद ही कोई मनुष्य होगा जिसके पास कोई समस्या नहीं होगा। अमीर हो या गरीब सभी के पास समस्याओं का भंडार भरा परा है।

नदी कल कल करती हुई अपनी जलधारा के साथ निरंतर बहती जा रही है। सूर्य अपने समय के साथ निकल रहा है। हवा भी अपनी गति के साथ वह रहा है। समय भी अपने हिसाब से गतिमान है। सारा प्रकृति समय से समय के साथ चल रहा है। चिड़िया भी अपने हिसाब से चल रही है।

चोरियों का घोंसला बरसात में तेज हवा और पानी से उड़ गया था। चिड़िया फिर से अपनी घोंसला बनाने ले लग गई है

कई जीव जंतु का घर बरसात में पानी से बर्बाद हो गया है। चींटियों का घर भी बर्बाद हो गया है। सभी जीव अपने आप को फिर से नव निर्माण में लग गए है। किसी को कोई शिकायत नहीं है। ये सभी जीव विपरीत परिस्थिति में भी अपने आप को फिर से डालने को कोशिश कर रहे है।

सुख और दुख को एक सामान समझना चाहिए।

जिस तरह सोना आग में तपने से निखार आता है। सोने की सारे विकार दूर हो जाता है। उसी तरह मानव के जीवन में भी दुख आए तो बिना घबराए उससे संघर्ष करना चाहिए। मानव दुख के समय में संघर्ष करता है तो उसके मन में आत्मविश्वास पैदा होता है और एक नए लक्ष्य के साथ आगे बढ़ता है। परिस्थिति चाहे जो हो हमेशा मानव को फलदाई पेड़ की तरह मानव मानव की सेवा में तत्पर रहे।

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