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भारतीय संसद का सत्र: संपूर्ण प्रक्रिया
भारतीय संसद का परिचय
भारतीय संसद (Indian Parliament) देश की सर्वोच्च विधायी संस्था (Supreme Legislative Body) है, जो संविधान के तहत स्थापित की गई है।यह लोकतंत्र का केंद्र है, जहां जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि देश के कानूनों का निर्माण, संशोधन और समीक्षा करते हैं।संसद का मुख्य कार्य विधायी प्रक्रिया (Legislative Process)को संचालित करना, सरकार की नीतियों पर चर्चा करना और प्रशासन की जवाबदेही तय करना है।
भारतीय संसद संविधान के अनुच्छेद 79 के तहत स्थापित की गई है और यह तीन घटकों से मिलकर बनती है:
- राष्ट्रपति (PRESIDENT OF INDIA)
- लोकसभा (HOUSE OF THE PEOPLE – LOWER HOUSE)
- राज्यसभा (COUNCIL OF STATES – UPPER HOUSE)
राष्ट्रपति और संसद की भूमिका
भारत के राष्ट्रपति संसद के प्रमुख (Head of the Parliament) होते हैं, लेकिन वे संसदीय कार्यवाही में प्रत्यक्ष रूप से भाग नहीं लेते। उनकी भूमिका मुख्य रूप से निम्नलिखित होती है:
संसद के सत्र बुलाने और स्थगित करने की अधिसूचना जारी करना।
विधेयकों को मंजूरी देना या उन्हें पुनर्विचार के लिए वापस भेजना।
संयुक्त सत्र बुलाना (जब दोनों सदनों के बीच किसी विधेयक पर मतभेद हो)।
अध्यादेश (Ordinance) जारी करना, जब संसद सत्र में न हो।
लोकसभा (HOUSE OF THE PEOPLE)
लोक सभा भारतीय संसद का निचला सदन (Lower House) है, जिसे जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से चुना जाता है।
अधिकतम 552 सदस्य हो सकते हैं।
वर्तमान में 543 सदस्य हैं, जो विभिन्न संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों से चुने जाते हैं।
लोकसभा अध्यक्ष (Speaker) कार्यवाही का संचालन करते हैं।
लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष होता है, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव पारित होने पर सरकार गिर सकती है।
राज्यसभा (COUNCIL OF STATES)
राज्यस भाभारतीय संसद का उच्च सदन (Upper House) है, जिसे स्थायी सदन (Permanent House) भी कहा जाता है।
अधिकतम 250 सदस्य हो सकते हैं।
वर्तमान में 245 सदस्य हैं, जिनमें से 233 को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधान सभाओं द्वारा चुना जाता है और 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नामांकित होते हैं।
राज्यसभा के सभापति (Chairman)भारत के उपराष्ट्रपति होते हैं।
यह सदन कभी भंग नहीं होता, बल्कि प्रत्येक दो वर्षों में इसके 1/3 सदस्य सेवा निवृत्त होते हैं।
भारतीय संसद के कार्य और महत्व
भारतीय संसद लोकतंत्र के स्तंभ के रूप में कार्य करती है और इसके प्रमुख कार्य इस प्रकार हैं:
विधायी कार्य (LEGISLATIVE FUNCTIONS) :
नए कानून बनाना और पुराने कानूनों में संशोधन करना।
वित्तीय कार्य (FINANCIAL FUNCTIONS) :
वार्षिक बजट को पारित करना और सरकारी खर्चों पर नजर रखना।
कार्यपालिका पर नियंत्रण (CONTROL OVER EXECUTIVE) :
प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद को जवाब देह बनाना।
नीतियों पर बहस (DEBATE ON POLICIES):–
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करना।
संवैधानिक संशोधन (CONSTITUTIONAL AMENDMENTS):-
संविधान में आवश्यक बदलाव करना।
भारतीय संसद की यह पूरी व्यवस्था देश में लोकतंत्र को सशक्त और पारदर्शी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
भारतीय संसद के सत्र क्या होते हैं?
संसदीय कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए, प्रत्येक वर्ष संसद के तीन सत्र (Sessions of Parliament)आयोजित किए जाते हैं:
- बजट सत्र (Budget Session) – फरवरी से मई तक
- मानसून सत्र (Monsoon Session) – जुलाई से सितंबर तक
- शीतकालीन सत्र (Winter Session) – नवंबर से दिसंबर तक
संसदीय सत्र की शुरुआत और प्रक्रिया
संसद के प्रत्येक सत्र की शुरुआत भारत के राष्ट्रपति द्वारा बुलाए गए अधिसूचना के माध्यम से होती है। सत्र के दौरान विभिन्न विधेयकों (Bills) पर चर्चा, प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव और अन्य संसदीय गतिविधियां होती हैं।
संसद सत्र की SOP (STANDARD OPERATING PROCEDURE)
भारतीय संसद के सत्र की संपूर्ण प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में पूरी होती है:
सत्र का उद्घाटन (COMMENCEMENT OF SESSION)
प्रत्येक वर्ष संसद का पहला सत्र (बजटसत्र) राष्ट्रपति के अभिभाषण से शुरू होता है।
अन्य सत्रों के लिए सरकारअधिसूचना जारी करती है।
प्रश्नकाल (QUESTION HOUR)
प्रत्येक कार्य दिवस की शुरुआत प्रश्नकाल से होती है।
इसमें सांसद सरकार से विभिन्न मुद्दों पर सवाल पूछते हैं।
प्रश्नकाल (QUESTION HOUR) – प्रक्रियाऔरमहत्व
प्रश्नकाल (Question Hour) भारतीय संसद की कार्यवाही का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जहां सांसद सरकार से विभिन्न नीतियों, योजनाओं और प्रशासनिक मुद्दों पर जवाब मांगते हैं।यह संसद में हर कार्य दिवस की शुरुआत में आयोजित किया जाता है और इसकी अवधि सुबह 11:00 बजे से 12:00 बजे तक होती है ।
प्रश्नकाल का उद्देश्य
सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करना।
प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता लाना।
महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करना।
नीतिगत सुधारों के लिए सुझाव देना।
प्रश्नकाल की प्रक्रिया (PROCEDURE OF QUESTION HOUR)
प्रश्नकाल में सांसद सरकार से लिखित या मौखिक रूप से प्रश्न पूछ सकते हैं।इस के लिए कुछ निश्चित प्रक्रियाएं होती हैं:
1. प्रश्नों के प्रकार (TYPES OF QUESTIONS IN QUESTION HOUR)
संसद में प्रश्नकाल के दौरान तीन प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं:
(i) तारांकितप्रश्न (STARRED QUESTIONS)
इन प्रश्नों के आगे * (तारा) चिह्न होता है।
इनका उत्तर मौखिक रूप से मंत्री द्वारा संसद में दिया जाता है।
सांसद पूरक प्रश्न (Supplementary Questions)भी पूछ सकते हैं।
संसद में प्रतिदिन 15 तारांकित प्रश्नों का उत्तर दिया जाता है।
(ii) अतारांकित प्रश्न (UNSTARRED QUESTIONS)
इन प्रश्नों का उत्तर मंत्री द्वारा लिखित रूप में दिया जाता है।
इन पर कोई पूरक प्रश्न नहीं पूछा जा सकता।
प्रत्येक दिन अधिकतम 160 अतारांकित प्रश्नों का उत्तर दिया जाता है।
(iii) अल्प सूचित प्रश्न (SHORT NOTICE QUESTIONS)
ये वे प्रश्न होते हैं जो अचानक उत्पन्न किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर सरकार का जवाब मांगते हैं।
इन्हें कम से कम 10 दिन पहले नोटिस देकर सूचीबद्ध कराया जाता है।
इनका उत्तर मंत्री द्वारा मौखिक रूप से दिया जाता है और पूरक प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
2. प्रश्न पूछने की प्रक्रिया (HOW QUESTIONS ARE ASKED?)
सांसदों को अपना प्रश्न लोकसभा या राज्यसभा सचिवालय में निश्चित प्रारूप में जमा करना होता है।
प्रश्नों की जाँच संसदीय सचिवालय द्वारा की जाती है कि वे नियमों केअनुसार हैं या नहीं।
प्रश्नों को यादृच्छिक (Random) तरीके से चुना जाता है और उन्हें प्रश्न सूची (List of Questions) में शामिल किया जाता है।
प्रश्नकाल के दौरान पहले तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिए जाते हैं, उसके बाद अन्य प्रश्न लिए जाते हैं।
प्रश्न काल का महत्व (SIGNIFICANCE OF QUESTION HOUR)
1. सरकार की जवाबदेही तय करता है – प्रश्नकाल के दौरान सांसद सरकार से कठिन सवाल पूछते हैं, जिससे कार्यपालिका पर नियंत्रण बना रहता है।
2. जनता की समस्याओं को उठाने का माध्यम – सांसद अपने क्षेत्र से जुड़े मुद्दे और समस्याओं को संसद में रख सकते हैं।
3. पारदर्शिता और सुशासन – सरकार की नीतियों और योजनाओं की जांच करने का यह एक प्रभावी तरीका है।
4. विधायी प्रक्रिया में सहायक – प्रश्नकाल में उठाए गए मुद्दे आगे विधेयकों (Bills) और नीतिगत सुधारों का आधार बन सकते हैं।
5. विपक्ष को सरकार से जवाब मांगने का अवसर – विपक्षी दल प्रश्नकाल का उपयोग सरकार पर दबाव बनाने के लिए करते हैं।
प्रश्नकाल से जुड़ी कुछ प्रमुख बातें (KEY FACTS ABOUT QUESTION HOUR)
प्रश्नकाल केवल संसद के सत्र (Session) के दौरान ही आयोजित किया जाता है।
संसद भंग होने पर या सत्रावसान (Prorogation) होने पर प्रश्नकाल नहीं होता।
प्रश्नों को संसद की नियम समिति (Rules Committee) के दिशा निर्देशों के अनुसार स्वीकार या अस्वीकार किया जा सकता है।
COVID-19 महामारी के दौरान, संसद के मानसून सत्र (2020) में प्रश्नकाल को रद्द कर दिया गया था, जिससे राजनीतिक विवाद हुआ था।
निष्कर्ष
प्रश्न काल भारतीय लोकतंत्र में सरकार और जनता के बीच संवाद का सबसे प्रभावी माध्यम है।यह सरकार की नीतियों की समीक्षा करने और प्रशासन को जिम्मेदार बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण संसदीय प्रक्रिया है।यह प्रक्रिया संसद को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाती है।
शून्यकाल (ZERO HOUR)
प्रश्नकाल के बाद सांसद अपने क्षेत्रीय और राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे उठा सकते हैं।
शून्य काल (ZERO HOUR) – प्रक्रियाऔरमहत्व
शून्य काल (Zero Hour) भारतीय संसद की कार्यवाही का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जहां सांसद बिना पूर्व सूचना दिए जनहित से जुड़े महत्वपूर्ण और तात्कालिक मुद्दों को संसद में उठा सकते हैं।
शून्य काल का अर्थ और उद्देश्य
संसद में प्रश्नकाल (Question Hour) और भोजनावकाश (Lunch Break) के बीच का समय शून्यकाल कहलाता है।
यह लगभग दोपहर 12:00 बजे से शुरू होता है और अधिकतम 30 से 60 मिनट तक चलता है।
इसका मुख्य उद्देश्य जनता से जुड़े आपातकालीन मुद्दों पर तत्काल चर्चा करना और सरकार का ध्यान आकर्षित करना होता है।
शून्य काल की प्रक्रिया (PROCEDURE OF ZERO HOUR)
शून्य काल शुरू होने का समय
शून्यकाल प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद दोपहर 12:00 बजे से शुरू होता है।
इसलिए इसे “Zero Hour” कहा जाता है, क्योंकि यह संसदीय नियमों में पूर्व-निर्धारित नहीं होता।
मुद्दे उठाने की प्रक्रिया
कोई भी सांसद लोकसभा या राज्यसभा के सभापति / अध्यक्ष को पहले से नोटिस देकर किसी तात्कालिक मुद्दे को उठाने का अनुरोध कर सकता है।
सुनिश्चित किया जाता है कि मुद्दा अत्यधिक महत्वपूर्ण हो और जनहित से जुड़ा हो।
शून्यकाल के दौरान किसी एक विषय पर 2-3 मिनट ही चर्चा की अनुमति होती है।
सदन के पीठासीन अधिकारी तय करते हैं कि कौन सा मुद्दा उठाया जाए और उस पर चर्चा हो या नहीं।
मंत्री का जवाब
संबंधित मंत्री को विषय पर जवाब देने के लिए कहा जाता है।
यदि तत्काल उत्तर नहीं दिया जा सकता, तो मंत्री यह वादा कर सकते हैं कि वे बाद में उचित जानकारी देंगे।
शून्य काल का महत्व (IMPORTANCE OF ZERO HOUR)
तात्कालिक मुद्दों को उठाने का माध्यम
प्रश्न काल में केवल पूर्व निर्धारित प्रश्नों पर ही चर्चा हो सकती है, लेकिन शून्य काल में कोई भी महत्वपूर्ण विषय तुरंत उठाया जा सकता है।
उदाहरण: किसी क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा, कानून – व्यवस्था की समस्या, आर्थिक संकट आदि।
सरकार की जवाब देही तय करना
सांसदों को बिना पूर्व सूचना दिए सरकार से जवाब मांगने का अवसर मिलता है।
सरकार को तुरंत प्रतिक्रिया देनी पड़ती है, जिससे सार्वजनिक जवाबदेही (Public Accountability) बनी रहती है।

जनहित से जुड़े मुद्दों पर तत्काल ध्यान आकर्षित करना
कई बार स्थानीय या राष्ट्रीय स्तर पर गंभीर घटनाएं होती हैं, जिन पर तत्काल चर्चा आवश्यक होती है।
शून्य काल के दौरान ऐसे विषयों को सरकार और मीडिया के सामने लाया जा सकता है।
संसदीय कार्यवाही को प्रभावी बनाना
इससे सांसदों को बिना बाधा अपने मुद्दे रखने का अवसर मिलता है।
सरकार भी शून्यकाल से जनता के वास्तविक मुद्दों को समझने में सक्षम होती है।
शून्य काल से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य (KEY FACTS ABOUT ZERO HOUR)
यह भारतीय संसद की एक अनूठी प्रक्रिया है, जिसे संविधान या संसदीय नियमों में पहले से परिभाषित नहीं किया गया है।
1962 में इसे पहली बार लोकसभा में अनौपचारिक रूप से शुरू किया गया था।
संसद में शून्यकाल की कोई निर्धारित समय सीमा नहीं होती, लेकिन आमतौर पर यह 30-60 मिनट तक चलता है।
कई बार शून्य काल के दौरान उठाए गए मुद्दे आगे चलकर संसदीय चर्चा या विधेयक (Bill) का रूप ले सकते हैं।
शून्य काल बनाम प्रश्नकाल (DIFFERENCE BETWEEN QUESTION HOUR & ZERO HOUR)
पहलू | प्रश्न काल (QUESTION HOUR) | शून्य काल (ZERO HOUR) |
समय | सुबह 11:00 से 12:00 बजे | दोपहर 12:00 बजे से (निर्धारित नहीं) |
सूचना की आवश्यकता | प्रश्न पहले से जमा करने होते हैं | बिना पूर्व सूचना के मुद्दे उठाए जा सकते हैं |
प्रकार | तारांकित, अतारांकित और अल्पसूचित प्रश्न | तात्कालिक मुद्दों पर चर्चा |
सरकार की भागीदारी | मंत्री उत्तर देने के लिए बाध्य होते हैं | मंत्री उत्तर दे सकते हैं, लेकिन बाध्यता नहीं होती |
प्रमुख उद्देश्य | सरकार की नीतियों और फैसलों की जांच | जनहित के तात्कालिक मुद्दों को उठाना |
निष्कर्ष:-
शून्य काल भारतीय संसद का एक अनौपचारिक लेकिन अत्यधिक प्रभावी हिस्सा है, जहां सांसद तत्काल मुद्दों को बिना पूर्व सूचना के उठा सकते हैं। यह प्रक्रिया लोकतंत्र में पारदर्शिता और जनता की समस्याओं को उजागर करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।सरकार को तत्काल जवाब देना होता है, जिससे लोकतांत्रिक जवाबदेही बढ़ती है।
विधेयक (BILLS) और उनकी प्रक्रिया
संसद में किसी भी कानून को पारित करने के लिए विधेयक की प्रक्रिया अपनाई जाती है।यह प्रक्रिया इस प्रकार है:
- प्रथम पाठ (First Reading): विधेयक लोक सभा या राज्य सभा में पेश किया जाता है।
- द्वितीय पाठ (Second Reading): विस्तृत चर्चा और संशोधनों के साथ विधेयक पर बहस होती है।
- तृतीय पाठ (Third Reading): अंतिम बार मतदान कर विधेयक को पारित किया जाता है।
- राज्य सभा में प्रस्तुति करण: लोक सभा से पारित होने के बाद विधेयक राज्य सभा में भेजा जाता है।
- राष्ट्रपति की स्वीकृति: संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद विधेयक कानून बन जाता है।
विधेयक (BILLS) औरउनकीप्रक्रिया
विधेयक (Bill) वह प्रस्तावित कानून होता है, जिसे संसद में पेश किया जाता है और दोनों सदनों (लोक सभा व राज्य सभा) से पारित होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी से कानून (Act) का रूप ले लेता है। भारतीय संविधान में संविधान के अनुच्छेद 107 से 111 तक विधेयकों की प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है।
विधेयकों के प्रकार (TYPES OF BILLS IN INDIAN PARLIAMENT)
भारतीय संसद में विधेयकों को मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित किया जाता है:
1. साधारण विधेयक (ORDINARY BILLS)
यह विधेयक सामान्य कानूनों से संबंधित होते हैं।
इन्हें लोक सभा या राज्य सभा में पेश किया जा सकता है।
अनुच्छेद 107 के तहत इनकी प्रक्रिया तय की गई है।
उदाहरण: शिक्षा विधेयक, कृषि विधेयक, पर्यावरण संरक्षण विधेयक आदि।
2. धन विधेयक (MONEY BILL)
यह विधेयक अनुच्छेद 110 के तहत आता है और वित्तीय मामलों (Tax, Loan, Expenditure) से संबंधित होता है।
केवल लोक सभा में पेश किया जा सकता है।
राज्यसभा केवल सुझाव दे सकती है लेकिन उसे 14 दिनों के भीतर पारित करना अनिवार्य होता है।
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद तुरंत कानून बन जाता है।
उदाहरण: वार्षिक बजट (Annual Budget), वित्त विधेयक (Finance Bill)।
3. वित्त विधेयक (FINANCIAL BILL)
इसमें धन विधेयक से संबंधित प्रावधान होते हैं, लेकिन अन्य सामान्य प्रावधान भी शामिल हो सकते हैं।
इसे धन विधेयक की तरह सिर्फ लोक सभा में पेश करना अनिवार्य नहीं है।
इसे सामान्य विधेयक की तरह ही दोनों सदनों से पारित कराना होता है।
उदाहरण: GST कानून, कर सुधार विधेयक।
4. संविधान संशोधन विधेयक (CONSTITUTIONAL AMENDMENT BILL)
यह विधेयक संविधान में संशोधन करने के लिए लाया जाता है।
अनुच्छेद 368 के तहत इसकी प्रक्रिया तय की गई है।
इसे लोक सभा और राज्य सभा दोनों में विशेष बहुमत से पारित करना अनिवार्य होता है।
इस विधेयक को राष्ट्रपति अस्वीकार नहीं कर सकते।
उदाहरण: GST संशोधन विधेयक, अनुच्छेद 370 हटाने का विधेयक।
विधेयक की प्रक्रिया (PROCEDURE FOR PASSING A BILL IN PARLIAMENT)
विधेयक को कानून (Act) बनने के लिए निम्नलिखित चरणों से गुजरना होता है:
चरण 1: विधेयक का प्रारूप तैयार करना (DRAFTING OF THE BILL)
संबंधित मंत्रालय या सांसद विधेयक का मसौदा तैयार करते हैं।
कानूनी विशेषज्ञ इसकी भाषा और वैधता की समीक्षा करते हैं।
चरण 2: विधेयक को संसद में प्रस्तुत करना (FIRST READING)
विधेयक को लोकसभा या राज्य सभा में पेश किया जाता है।
संबंधित मंत्री या सांसद विधेयक की भूमिका बताता है।
इसे आगे बढ़ाने के लिए मतदान किया जाता है।
चरण 3: विधेयक की विस्तृत चर्चा (SECOND READING)
संसद के सदस्य विधेयक की विस्तृत जांच करते हैं।
विधेयक को संसदीय समिति (Standing Committee) के पास भेजा जा सकता है।
विभिन्न धाराओं पर चर्चा और संशोधन (Amendments) किए जाते हैं।
चरण 4: विधेयक पर मतदान और पारित करना (THIRD READING)
अंतिम बार विधेयक पर बहस होती है।
इसे सदन में मतों (Voting) से पारित किया जाता है।
चरण 5: दूसरे सदन में भेजना (SENT TO THE OTHER HOUSE)
यदि विधेयक पहले लोक सभा में पारित हुआ हो, तो इसे राज्य सभा में भेजा जाता है (या इस के विपरीत)।
दूसरे सदन में भी तीनों पढ़न चरण दोहराए जाते हैं।
यदि दोनों सदन सहमत होते हैं, तो विधेयक राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है।
चरण 6: राष्ट्रपति की मंजूरी (PRESIDENT’S ASSENT)
राष्ट्रपति के पास तीन विकल्प होते हैं:
- मंजूरी देना – विधेयक कानून बन जाता है।
- पुनर्विचार के लिए वापस भेजना – लेकिन यदि संसद फिर से विधेयक पारित कर देती है, तो राष्ट्रपति को मंजूरी देनी ही होती है।
- विधेयक को अस्वीकार करना – केवल साधारण विधेयक को ही अस्वीकार कर सकते हैं।धन विधेयक को अस्वीकार नहीं किया जा सकता।
चरण 7: विधेयक कानून (Act) बन जाता है
राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद इसे सरकारी गजट (Official Gazette) में प्रकाशित किया जाता है।
इसके बाद यह पूरे देश में कानूनी रूप से लागू हो जाता है।
संविधान संशोधन विधेयक की विशेष प्रक्रिया
संविधान संशोधन विधेयक को पारित करने के लिए तीन प्रकार की प्रक्रियाएं होती हैं:
- साधारण बहुमत से पारित (BY SIMPLE MAJORITY):
कुछ संवैधानिक प्रावधानों में बदलाव किया जा सकता है।
जैसे – संसद का कार्यकाल, नागरिकता कानून में बदलाव।
- विशेष बहुमत से पारित (BY SPECIAL MAJORITY):
इसे पारित करने के लिए दोनों सदनों में दो–तिहाई बहुमत (2/3rd Majority) आवश्यक होता है।
उदाहरण: मौलिक अधिकारों में बदलाव, न्यायपालिका से जुड़े संशोधन।
- राज्यों की मंजूरी आवश्यक (BY SPECIAL MAJORITY AND RATIFICATION BY STATES):
कुछ महत्वपूर्ण संशोधनों के लिए राज्यों की मंजूरी भी आवश्यक होती है।
जैसे – राष्ट्रपति चुनाव से जुड़े प्रावधान, राज्य की शक्तियों में बदलाव।
लोक सभा और राज्य सभा में मतभेद होने पर क्या होता है?
यदि दोनों सदन किसी विधेयक पर सहमत नहीं होते, तो राष्ट्रपति अनुच्छेद 108 के तहत संयुक्त सत्र (Joint Sitting) बुला सकते हैं।
संयुक्त सत्र में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य मिलकर मतदान करते हैं।
चूंकि लोकसभा के सदस्य अधिक होते हैं, इसलिए आमतौर पर उसका पक्ष ही मजबूत रहता है।
महत्वपूर्ण उदाहरण (EXAMPLES OF NOTABLE BILLS PASSED IN INDIA)
- भारतीय संविधान (1950):संविधान सभा द्वारा पारित किया गया।
- GST विधेयक (2017):सभी अप्रत्यक्ष करों को एक कर में समाहित किया गया।
- नागरिकता संशोधन विधेयक (2019):नागरिकता नियमों में बदलाव किए गए।
- कृषि कानून विधेयक (2020): कृषि सुधारों के लिए प्रस्तावित, बाद में निरस्त कर दिया गया।
निष्कर्ष
भारतीय संसद में विधेयक पारित करने की एक संगठित और जटिल प्रक्रिया होती है। विधेयक को कई चरणों से गुजरना पड़ता है, ताकि वह लोकतांत्रिक और न्यायसंगत कानून बन सके। इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होता है कि किसी भी कानून को बिना बहस और समीक्षा के लागू नहीं किया जाए।
5. राष्ट्रपतिकाअभिभाषणऔरधन्यवादप्रस्ताव
- प्रत्येकवर्षकेपहलेसंसदसत्रमेंराष्ट्रपतिकाअभिभाषणहोताहै।
- इसपरधन्यवादप्रस्तावपारितकियाजाताहै।
राष्ट्रपति का अभिभाषण और धन्यवाद प्रस्ताव
भारतीय संसदीय प्रणाली में राष्ट्रपति का अभिभाषण (President’s Address) एक महत्वपूर्ण संसदीय परंपरा है, जो सरकार की नीतियों और योजनाओं का सार प्रस्तुत करता है। इस अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव (Motion of Thanks) पेश किया जाता है, जिस पर सदन में बहस होती है।
राष्ट्रपति का अभिभाषण (PRESIDENT’S ADDRESS) – परिचय
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 87 के तहत, प्रत्येक संसदीय वर्ष की पहली बैठक और लोक सभा के नए चुनाव के बाद पहले सत्र की शुरुआत में राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हैं।
यह सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों और प्राथमिकताओं का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है।
राष्ट्रपति का अभिभाषण प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा तैयार किया जाता है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण की प्रक्रिया (PROCEDURE OF PRESIDENT’S ADDRESS)
1. अभिभाषण की प्रस्तुति (DELIVERY OF ADDRESS)
संसद के सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति संसद के केंद्रीय कक्ष (Central Hall) में लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हैं।
यह अभिभाषण सरकार की आगामी योजनाओं, आर्थिक नीतियों, विकास कार्यक्रमों, विदेश नीति और राष्ट्रीय महत्व के अन्य विषयों पर केंद्रित होता है।
2. अभिभाषण की विषय वस्तु (CONTENT OF THE ADDRESS)
राष्ट्रपति के अभिभाषण में शामिल विषय:
सरकार की प्रमुख नीतियां और योजनाएं (जैसे – शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, रक्षा, कृषि सुधार आदि)।
पिछले वर्ष की उपलब्धियां।
आगामी वर्ष की प्राथमिकताएं और चुनौतियां।
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य।
3. अभिभाषण के बाद धन्यवाद प्रस्ताव (MOTION OF THANKS)
अभिभाषण समाप्त होने के बाद धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया जाता है।
दोनों सदनों में अभिभाषण पर विस्तृत चर्चा (Debate) होती है।
सांसद सरकार की नीतियों प रसमर्थन या आलोचना कर सकते हैं।
धन्यवाद प्रस्ताव (MOTION OF THANKS) – प्रक्रिया और महत्व
1. धन्यवाद प्रस्ताव पेश करना (INTRODUCTION OF MOTION OF THANKS)
राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद लोकसभा और राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया जाता है।
किसी सत्तारूढ़ दल के वरिष्ठ सांसद द्वारा प्रस्ताव पेश किया जाता है।
प्रस्ताव में राष्ट्रपति के अभिभाषण के लिए आभार व्यक्त किया जाता है।
2. धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस (DEBATE ON MOTION OF THANKS)
इस प्रस्ताव पर सदन में विस्तृत चर्चा होती है।
सांसद सरकार की नीतियों पर अपनी राय रखते हैं।
विपक्ष सरकार की नीतियों की आलोचना और संशोधन प्रस्ताव (Amendments) पेश कर सकता है।
3. प्रधानमंत्री का उत्तर (REPLY BY THE PRIME MINISTER)
बहस समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री जवाब देते हैं।
वे सरकार की नीतियों और कार्यों का सपष्टिकरण (Clarification) देते हैं।
प्रधानमंत्री विपक्ष की आलोचनाओं का जवाब भी देते हैं।
4. मतदान और पारित करना (VOTING AND PASSING THE MOTION)
चर्चा समाप्त होने के बाद धन्यवाद प्रस्ताव पर मतदान (Voting) होती है।
अगर प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो यह माना जाता है कि संसद ने राष्ट्रपति के अभिभाषण को स्वीकार कर लिया है।
यदि प्रस्ताव गिर जाता है, तो यह सरकार के लिए बहुत बड़ा झटका हो सकता है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण और धन्यवाद प्रस्ताव का महत्व
1. सरकार की प्राथमिकताओं की प्रस्तुति
यह अभिभाषण सरकार की वर्तमान और भविष्य की योजनाओं का आधिकारिक दस्तावेज होता है।
2. संसद में व्यापक चर्चा का अवसर
सांसदों को सरकार की नीतियों पर खुलकर बहस करने का अवसर मिलता है।
3. सरकार की जवाब देही सुनिश्चित करना
संसद में बहस के दौरान सरकार को अपने कार्यों का बचाव करना पड़ता है।
4. विपक्ष को अपनी बात रखने का अवसर
विपक्ष सरकार की नीतियों की आलोचना कर सकता है और संशोधन प्रस्ताव रख सकता है।
5. संसदीय प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा
यह प्रक्रिया लोकतंत्र की मजबूती और पारदर्शिता सुनिश्चित करती है।
क्या होगा यदि धन्यवाद प्रस्ताव पारित न हो?
यदि सरकार धन्यवाद प्रस्ताव पर बहुमत खो देती है, तो यह सरकार के लिए एक बड़ा झटका होता है।
ऐतिहासिक रूप से, धन्यवाद प्रस्ताव का अस्वीकृत होना सरकार के लिए अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) जैसा प्रभाव डाल सकता है।
धन्यवाद प्रस्ताव से जुड़े ऐतिहासिक उदाहरण
- 1973 – इंदिरा गांधी सरकार
राष्ट्रपति वी.वी. गिरी के अभिभाषण पर भारी बहस हुई थी।
- 2015 – नरेंद्र मोदी सरकार
भूमि अधिग्रहण विधेयक पर विपक्ष ने सरकार को घेरा था।
- 2019 – मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल
सरकार की नीतियों की आलोचना के बावजूद धन्यवाद प्रस्ताव पारित हो गया।
निष्कर्ष
राष्ट्रपतिका अभिभाषण और धन्यवाद प्रस्ताव भारतीय लोकतंत्र में एक महत्वपूर्ण संवैधानिक परंपरा है। यह प्रक्रिया न केवल सरकार की योजनाओं को संसद में प्रस्तुत करने का अवसर देती है, बल्कि सांसदों को बहस करने और सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करने का मंच भी प्रदान करती है।
6. अविश्वास प्रस्ताव और विश्वास मत (No-Confidence Motion & Trust Vote)
विपक्ष द्वारा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है।
सरकार को बहुमत साबित करने के लिए विश्वास मत प्राप्त करना होता है।
अविश्वास प्रस्ताव (NO-CONFIDENCE MOTION) और विश्वास मत (TRUST VOTE) – पूरी जानकारी
भारतीय संसदीय प्रणाली में अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) और विश्वासमत (Trust Vote) दो महत्वपूर्ण संसदीय प्रक्रियाएँ हैं, जो सरकार की स्थिरता को सुनिश्चित करने और लोकतांत्रिक जवाबदेही को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
1. अविश्वास प्रस्ताव (NO-CONFIDENCE MOTION) – परिचय
अविश्वास प्रस्ताव संसद में प्रस्तुत किया जाने वाला एक प्रस्ताव है, जिसके माध्यम से विपक्ष यह साबित करने की कोशिश करता है कि वर्तमान सरकार को संसद के बहुमत का समर्थन प्राप्त नहीं है।
संवैधानिक प्रावधान:
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 75 (3) के अनुसार, मंत्रिपरिषद (Council of Ministers) सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होती है।
यदि सरकार बहुमत खो देती है, तो उसे इस्तीफा देना पड़ता है।

लोकसभा नियम 198 के तहत कोई भीसांसद अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकता है।
2. अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया (PROCEDURE OF NO-CONFIDENCE MOTION)
1. प्रस्तावकीसूचना (Notice of the Motion)
लोकसभा का कोई भी सदस्य स्पीकर (Speaker) को लिखित रूप में अविश्वास प्रस्ताव की सूचना देता है।
यह केवल लोकसभा में ही पेश किया जा सकता है (राज्यसभा में नहीं)।
प्रस्ताव में यह स्पष्ट होना चाहिए कि सदन को सरकार पर विश्वास नहीं है।
2. अध्यक्ष की स्वीकृति (Acceptance by the Speaker)
स्पीकर यह तय करते हैं कि प्रस्ताव को मंजूरी दी जाए या नहीं।
यदि प्रस्ताव को कम से कम 50 सांसदों का समर्थन मिलता है, तो इसे स्वीकार किया जाता है और सत्र के भीतर मतदान के लिए तारीख तय की जाती है।
3. बहस और चर्चा (DEBATE AND DISCUSSION)
सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होती है।
विपक्ष सरकार की नीतियों और कार्यशैली पर सवाल उठाता है।
सरकार अपने पक्ष में तर्क प्रस्तुत करती है और बहुमत साबित करने की कोशिश करती है।
4. मतदान (VOTING ON NO-CONFIDENCE MOTION)
मतदान प्रक्रिया के बाद यदि सरकार के पक्ष में बहुमत नहीं रहता, तो सरकार को इस्तीफा देना पड़ता है।
यदि सरकार बहुमत साबित कर देती है, तो वह सत्ता में बनी रहती है।
5. परिणाम (OUTCOME OF NO-CONFIDENCE MOTION)
यदि अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाता है:
प्रधानमंत्री को राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंपना होता है।
संसद भंग हो सकती है या नया नेता चुना जा सकता है।
यदि अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो जाता है:
सरकार पहले की तरह कार्य करती रहती है और उसकी स्थिरता बनी रहती है।
3. विश्वास मत (Trust Vote) – परिचय
विश्वास मत (Trust Vote) एक संसदीय प्रक्रिया है, जिसमें सरकार यह सिद्ध करती है कि उसे लोकसभा में बहुमत प्राप्त है। यह आमतौर पर तब किया जाता है जब:
- सरकार पर बहुमत खोने का संदेह हो।
- नई सरकार सत्ता में आती है और उसे बहुमत साबित करना होता है।
- किसी गठबंधन सरकार में घटक दल समर्थन वापस लेते हैं।
- राष्ट्रपति के कहने पर प्रधानमंत्री विश्वासमत हासिल करने के लिए सदन में प्रस्ताव रखते हैं।
4. विश्वासमत की प्रक्रिया (Procedure of Trust Vote)
1. विश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत करना (MOTION FOR TRUST VOTE)
प्रधानमंत्री स्वयं या राष्ट्रपति के निर्देश पर लोकसभा में विश्वास मत प्रस्ताव पेश करते हैं।
इसमें यह दर्शाया जाता है कि सरकार को लोकसभा का विश्वास प्राप्त है।
2. बहस और चर्चा (DEBATE AND DISCUSSION)
सरकार अपने कार्यों का विवरण देती है और बहुमत बनाए रखने का तर्क प्रस्तुत करती है।
विपक्ष सरकार की नीतियों पर सवाल उठाता है और संभा वित बहुमत की कमी को उजागर करने की कोशिश करता है।
3. मतदान (VOTING ON TRUST VOTE)
बहस के बाद लोकसभा में मतदान (Voting) होता है।
सरकार को बहुमत प्राप्त करना आवश्यक होता है ( मतलब 50% + 1 सांसदों का समर्थन)।
4. परिणाम (OUTCOME OF TRUST VOTE)
यदि सरकार बहुमत प्राप्त कर लेती है:
वह सत्ता में बनी रहती है।
यदि सरकार बहुमत खो देती है:
सरकार को इस्तीफा देना पड़ता है।
राष्ट्रपति नई सरकार बनाने के लिए किसी अन्य दल / गठबंधन को आमंत्रित कर सकते हैं।
5. अविश्वा सप्रस्ताव और विश्वास मत में अंतर
विषय | अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) | विश्वास मत (Trust Vote) |
कौन प्रस्तावित करता है? | विपक्षी दल या कोई भी सांसद | सरकार (प्रधानमंत्री) |
लक्ष्य | सरकार को गिराने की कोशिश | सरकार का बहुमत साबित करना |
मतदान का परिणाम | सरकार गिर सकती है | सरकार बनी रह सकती है या गिर सकती है |
किसके कहने पर होता है? | विपक्ष की मांग पर | सरकार या राष्ट्रपति के निर्देश पर |
कहां प्रस्तुत किया जाता है? | केवल लोकसभा में | केवल लोकसभा में |
मतदान में असफल होने पर क्या होगा? | सरकार गिर जाएगी और उसे इस्तीफा देना होगा | सरकार गिर जाएगी और नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति होगी |
6. ऐतिहासिक अविश्वास प्रस्ताव और विश्वास मत
कुछ महत्वपूर्ण अविश्वास प्रस्ताव:
- 1979 : चौधरी चरण सिंह ने मोरारजी देसाई सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया, जिससे सरकार गिर गई।
- 1999 : अटल बिहारी वाजपेयी सरकार केवल 1 वोट से अविश्वास प्रस्ताव हार गई थी।
- 2018 : नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, लेकिन सरकार ने आसानी से बहुमत साबित कर दिया।
कुछ महत्वपूर्ण विश्वास मत:
- 1990 : वी.पी. सिंह ने विश्वासमत खो दिया और इस्तीफा दिया।
- 1996 : अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने 13 दिनों में ही विश्वास मत खो दिया।
- 2008 : मनमोहन सिंह सरकार ने न्यूक्लियर डील (Nuclear Deal) के मुद्दे पर विश्वास मत जीता।
7. निष्कर्ष
अविश्वास प्रस्ताव और विश्वास मत दोनों संसदीय लोकतंत्र में सरकार की जवाबदेही और स्थिरता को सुनिश्चित करने के महत्वपूर्ण उपकरण हैं।

विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सरकार को चुनौती दे सकता है।
सरकार विश्वास मत के जरिए अपना बहुमत साबित कर सकती है।
इन प्रक्रियाओं से संसद में लोकतांत्रिक जवाबदेही (Democratic Accountability) बनी रहती है और सरकार जनता की इच्छाओं के अनुरूप कार्य करने के लिए बाध्य होती है।
7. संसदीय समितियां (PARLIAMENTARY COMMITTEES)
संसद में विभिन्न विषयों की गहराई से जांच के लिए स्थायी और अस्थायी समितियां बनाई जाती हैं।
ये समितियां बजट, विधेयक, सरकारी नीतियों आदि की समीक्षा करती हैं।
संसदीय समितियां (PARLIAMENTARY COMMITTEES) – विस्तृत जानकारी
भारतीय संसद के कामकाज को अधिक प्रभावी, सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनाने के लिए संसदीय समितियां (Parliamentary Committees) महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये समितियां संसद के अंदर होने वाली चर्चाओं को विस्तार से जांचने, विधेयकों की समीक्षा करने और प्रशासनिक कार्यों की निगरानी करने का कार्य करती हैं।
1. संसदीय समितियों का परिचय
संसदीय समितियां सांसदों (MPs) का एक समूह होती हैं, जो संसद के सामान्य कामकाज को अधिक प्रभावी बना ने के लिए विशेष विषयों पर कार्य करती हैं।
ये समितियां नियमित बैठ कें करती हैं, सरकार से रिपोर्ट मांगती हैं और अपनी सिफारिशें संसद को प्रस्तुत करती हैं।
इन समितियों का गठन लोकसभा, राज्यसभा या दोनों सदनों के सांसदों को मिलाकर किया जाता है।
समितियों को स्पीकर (लोकसभा) याचेयरमैन (राज्यसभा) द्वारा निर्देशित किया जाता है।
2. संसदीय समितियों के प्रकार (TYPES OF PARLIAMENTARY COMMITTEES)
संसदीय समितियों को दो प्रमुख भागों में विभाजित किया जाता है:
- स्थायी समितियां (Standing Committees) – ये समितियां स्थायी होती हैं और पूरे वर्ष कार्य करती हैं।
- तात्कालिक समितियां (Ad Hoc Committees) – ये किसी विशेष उद्देश्य के लिए बनाई जाती हैं और कार्य पूरा होने पर समाप्त हो जाती हैं।
3. स्थायी समितियां (Standing Committees) और उनकी भूमिकाएं
स्थायी समितियों को आगे कई उप-श्रेणियों में विभाजित किया जाता है:
(A) वित्तीय समितियां (FINANCIAL COMMITTEES)
- लोक लेखा समिति (PUBLIC ACCOUNTS COMMITTEE – PAC)
सरकारी खर्चों की जांच करती है और यह देखती है कि धन राशि संविधान और संसद द्वारा निर्धारित प्रावधानों के अनुसार खर्च की गई है या नहीं।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट की समीक्षा करती है।
इसमें 22 सदस्य होते हैं (15 लोकसभा से, 7 राज्यसभा से)।
- अनुमान समिति (ESTIMATES COMMITTEE)
सरकारी खर्चों की प्रभावशीलता की समीक्षा करती है और अनावश्यक खर्च को कम करने की सिफारिश करती है।
केवल लोकसभा के 30 सदस्य होते हैं।
- सार्वजनिक उपक्रम समिति (COMMITTEE ON PUBLIC UNDERTAKINGS – COPU)
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) की कार्य प्रणाली की समीक्षा करती है।
इसमें 22 सदस्य होते हैं (15 लोकसभा से, 7 राज्यसभा से)।
(B) विभागीय स्थायी समितियां (DEPARTMENTAL STANDING COMMITTEES)
संसद में कार्यकारी निर्णयों की प्रभावी जांच सुनिश्चित करने के लिए 1993 में 24 विभागीय स्थायी समितियों का गठन किया गया।
ये समितियां सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से संबंधित नीतियों और विधेयकों की जांच करती हैं।
प्रत्येक समिति में 31 सदस्य होते हैं (21 लोकसभा से, 10 राज्यसभा से)।
महत्वपूर्ण विभागीय समितियां:
गृह मामलों की समिति
रक्षा मामलों की समिति
वित्त समिति
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण समिति
विदेश मामलों की समिति
(C) प्रशासनिक समितियां (COMMITTEES TO OVERSEE ADMINISTRATION)
- विशेषाधिकार समिति (COMMITTEE OF PRIVILEGES)
संसद सदस्यों के विशेषाधिकारों का उल्लंघन होने पर जांच करती है।
- नियम समिति (Rules Committee)
संसद के काम काज के नियमों का निर्धारण और समीक्षा करती है।
- संसदीयआचरणसमिति (COMMITTEE ON ETHICS)
संसद सदस्यों के नैतिक आचरण पर निगरानी रखती है।
(D) संयुक्त संसदीय समितियां (JOINT PARLIAMENTARY COMMITTEES – JPCS)
यह विशेष मामलों की जांच के लिए बनाई जाती हैं।
लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सदस्य शामिल होते हैं।
प्रमुख JPCs:
2001 – शेयर बाजार घोटाला
2011 – 2G स्पेक्ट्रम घोटाला
4. तात्कालिक समितियां (AD HOC COMMITTEES) और उनकी भूमिकाएं
तात्कालिक समितियां विशेष उद्देश्यों के लिए बनाई जाती हैं और कार्य पूरा होने के बाद भंग हो जाती हैं।
- संसदीय जांच समितियां (INQUIRY COMMITTEES)
किसी घोटाले या विवाद की जांच के लिए बनाई जाती हैं।
उदाहरण: 2001 तहलका कांड की जांच समिति।
- चयन समितियां (SELECT COMMITTEES)
किसी विशेष विधेयक की जांच के लिए बनाई जाती हैं।
विधेयक पर व्यापक चर्चा और संशोधन के बाद समिति अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करती है।
- संयुक्त चयन समिति (JOINT SELECT COMMITTEE – JSC)
यदि कोई विधेयक बहुत विवादास्पद होता है, तो उसे संयुक्त चयन समिति को भेजा जाता है।
लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सदस्य शामिल होते हैं।
5. संसदीय समितियों का महत्व
संसदीय कार्यों की दक्षता बढ़ाना : संसदीय समितियां विभिन्न मुद्दों की विस्तृत जांच करके संसद का कार्यभार कम करती हैं।
विधायी गुणवत्ता में सुधार : समितियां विधेयकों और नीतियों की गहन समीक्षा करती हैं, जिससे कानून अधिक प्रभावी बनते हैं।
सरकारी जवाब देही: ये समितियां सरकार से रिपोर्ट मांग कर उसकी कार्यशैली की जांच करती हैं और जवाबदेही सुनिश्चित करती हैं।
गैर–पक्षपातपूर्ण विश्लेषण: समितियां राजनीति से हटकर गहन अध्ययन करती हैं, जिससे निष्पक्ष निर्णय लिए जा सकते हैं।
वित्तीय अनुशासन: वित्तीय समितियां सरकार के खर्चों की निगरानी रखती हैं, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।
6. संसदीय समितियों से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं
- लोक लेखा समिति (PAC) और 2G घोटाला – PAC ने 2G स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच की और सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए।
- संयुक्त संसदीय समिति (JPC) और कोयला घोटाला – इस समिति ने कोयला आवंटन में हुई गड़बड़ियों की जांच की।
- सार्वजनिक उपक्रम समिति (COPU) और एयर इंडिया घोटाला – COPU ने एयर इंडिया के वित्तीय नुकसान की समीक्षा की।
7. निष्कर्ष
संसदी यसमितियां भारतीय लोकतंत्र की आधारशिला हैं, जो सरकार की कार्यप्रणाली की निगरानी करने, विधायी प्रक्रियाओं को मजबूत करने और वित्तीय पारदर्शिता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये समितियां संसद के काम काज को सुचारू और प्रभावी बनाती हैं और लोकतंत्र की जड़ों को और मजबूत करती हैं।
8. संसद के सत्रावसान (ADJOURNMENT & PROROGATION)
सत्र के अंत में संसद को स्थगित (Adjourn) कर दिया जाता है।
राष्ट्रपति अधिसूचना जारी कर संसद का सत्रावसान (Prorogation) करते हैं।
THANKS.
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भारतीय संसद का सत्र: प्रक्रिया, नियम और एसओपी – पीएसयू परीक्षा के लिए संपूर्ण मार्गदर्शिका के लिए कुछ संभावित प्रश्न और उत्तर दिए गए हैं:-
1. भारतीय संसद का सत्र क्या होता है?
उत्तर: भारतीय संसद का सत्र वह समय होता है जब संसद का कोई एक या दोनों सदन (लोकसभा और राज्यसभा) विधायी कार्यों के लिए बैठक करते हैं। संसद का सत्र राष्ट्रपति द्वारा बुलाया जाता है और इसमें विभिन्न विधायी चर्चाएँ, प्रश्नोत्तर सत्र, विधेयक पारित करना और अन्य संवैधानिक कार्य होते हैं।
2. भारतीय संसद के कितने प्रकार के सत्र होते हैं?
उत्तर: भारतीय संसद के मुख्य रूप से तीन प्रकार के सत्र होते हैं:
- बजट सत्र (Budget Session) – यह वर्ष का पहला और सबसे लंबा सत्र होता है, जो फरवरी से मई तक चलता है।
- मानसून सत्र (Monsoon Session) – यह जुलाई से सितंबर तक आयोजित होता है।
- शीतकालीन सत्र (Winter Session) – यह नवंबर से दिसंबर तक होता है।
3. संसद के सत्र को बुलाने और समाप्त करने की शक्ति किसके पास होती है?
उत्तर: संसद के सत्र को बुलाने और समाप्त करने की शक्ति भारत के राष्ट्रपति के पास होती है। वह प्रधानमंत्री और कैबिनेट की सलाह पर संसद का सत्र बुलाते हैं और समाप्त करते हैं।
4. संसद में कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिए कौन–कौन से नियम लागू होते हैं?
उत्तर: संसद में कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिए निम्नलिखित नियम लागू होते हैं:
लोकसभा और राज्यसभा के नियमावली (Rules of Procedure and Conduct of Business)
अध्यक्ष (स्पीकर) एवं सभापति (चेयरमैन) के दिशा–निर्देश
व्यवधान एवं निलंबन से संबंधित नियम
संसदीय विशेषाधिकार एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई के नियम
5. संसद की कार्यवाही के दौरान एसओपी (SOP) क्या होता है?
उत्तर: संसद की कार्यवाही के दौरान SOP (Standard Operating Procedure) यानी मानक संचालन प्रक्रिया उन नियमों और प्रक्रियाओं को संदर्भित करती है जो सत्र के दौरान पालन किए जाते हैं। इनमें शामिल हैं:
प्रश्नकाल और शून्यकाल का पालन
विधेयकों को पेश करने और उन पर चर्चा करने की प्रक्रिया
मतदान और निर्णय लेने के तरीके
संसदीय समितियों का संचालन
6. संसद में प्रश्नकाल और शून्यकाल क्या होता है?
उत्तर:
प्रश्नकाल (Question Hour): यह संसद सत्र का पहला घंटा होता है, जिसमें सांसद मंत्रियों से विभिन्न सरकारी नीतियों और योजनाओं पर प्रश्न पूछ सकते हैं।
शून्यकाल (Zero Hour): यह प्रश्नकाल के तुरंत बाद का समय होता है, जिसमें सांसद किसी भी महत्वपूर्ण विषय को बिना पूर्व सूचना के उठा सकते हैं।
7. संसद सत्र के दौरान विधेयक पारित करने की प्रक्रिया क्या होती है?
उत्तर: संसद में विधेयक पारित करने की प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में होती है:
- पहला पठन (First Reading) – विधेयक को सदन में पेश किया जाता है।
- दूसरा पठन (Second Reading) – विधेयक पर चर्चा और संशोधन किए जाते हैं।
- तीसरा पठन (Third Reading) – अंतिम रूप से विधेयक पर मतदान होता है।
- राष्ट्रपति की सहमति (President’s Assent) – दोनों सदनों द्वारा पारित होने के बाद राष्ट्रपति की सहमति से विधेयक कानून बन जाता है।
8. संसद सत्र के दौरान अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) क्या होता है?
उत्तर: अविश्वास प्रस्ताव वह प्रक्रिया है जिसके तहत लोकसभा में सरकार के खिलाफ वोटिंग की जाती है। यदि बहुमत सरकार के खिलाफ वोट करता है, तो सरकार को इस्तीफा देना पड़ता है।
9. संसद का संयुक्त सत्र कब बुलाया जाता है?
उत्तर: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 108 के तहत, यदि लोकसभा और राज्यसभा किसी विधेयक पर सहमत नहीं हो पाते, तो राष्ट्रपति संसद का संयुक्त सत्र बुला सकते हैं। इसमें दोनों सदनों के सदस्य मिलकर विधेयक पर निर्णय लेते हैं।
10. संसद के सत्र के दौरान बजट कैसे प्रस्तुत किया जाता है?
उत्तर:
बजट को वित्त मंत्री संसद में प्रस्तुत करते हैं।
इसमें सरकार की आय-व्यय का विवरण होता है।
बजट प्रस्तावों पर चर्चा और मतदान किया जाता है।
बजट पास होने के बाद वित्तीय योजनाएँ लागू होती हैं।
11. संसद की कार्यवाही का सीधा प्रसारण कहाँ देखा जा सकता है?
उत्तर: संसद की कार्यवाही को लोकसभा टीवी (LSTV) और राज्यसभा टीवी (RSTV) पर सीधा प्रसारित किया जाता है। यह ऑनलाइन भी उपलब्ध होता है।
12. पीएसयू परीक्षा के लिए संसद सत्र से जुड़े कौन–कौन से महत्वपूर्ण टॉपिक्स हैं?
उत्तर: पीएसयू परीक्षा के लिए संसद सत्र से जुड़े निम्नलिखित टॉपिक्स महत्वपूर्ण हैं:
संसद के सत्रों के प्रकार
प्रश्नकाल और शून्यकाल
विधेयक पारित करने की प्रक्रिया
बजट प्रक्रिया
संयुक्त सत्र की भूमिका
अविश्वास प्रस्ताव और निंदा प्रस्ताव
13. संसद के सत्र के दौरान संसदीय समिति (Parliamentary Committee) क्या होती है?
उत्तर: संसदीय समिति संसद के सदस्यों का एक समूह होता है, जो संसद के भीतर विभिन्न मुद्दों की जांच करता है और सरकार को सुझाव देता है। ये दो प्रकार की होती हैं:
- स्थायी समिति (Standing Committee): ये हमेशा बनी रहती हैं, जैसे लोक लेखा समिति, लोक उपक्रम समिति, इत्यादि।
- विषयगत समिति (Ad-hoc Committee): ये किसी विशेष मुद्दे के अध्ययन के लिए बनाई जाती हैं और काम पूरा होने के बाद समाप्त हो जाती हैं।
14. संसद की कार्यवाही में कोरम (Quorum) का क्या महत्व है?
उत्तर: संसद में किसी बैठक को वैध रूप से चलाने के लिए आवश्यक न्यूनतम संख्या को कोरम (Quorum) कहा जाता है।
लोकसभा और राज्यसभा में कोरम कुल सदस्यों का 1/10वां हिस्सा होता है।
यदि कोरम पूरा नहीं होता, तो सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी जाती है।
15. संसद में स्थगन (Adjournment) और सत्रावसान (Prorogation) में क्या अंतर है?
उत्तर:
- स्थगन (Adjournment): यह तब होता है जब सदन की बैठक अस्थायी रूप से रोक दी जाती है और अगली बैठक की तारीख तय की जाती है।
- सत्रावसान (Prorogation): यह तब होता है जब पूरे सत्र को समाप्त कर दिया जाता है। इसे राष्ट्रपति के आदेश से किया जाता है।
16. संसद में मनी बिल (Money Bill) और वित्त विधेयक (Finance Bill) में क्या अंतर है?
उत्तर:
मनी बिल (Money Bill): यह केवल लोकसभा में प्रस्तुत किया जा सकता है और इसमें कर, उधारी, खर्च आदि से जुड़े प्रावधान होते हैं। राज्यसभा इसे अस्वीकार नहीं कर सकती।
वित्त विधेयक (Finance Bill): यह बजट से संबंधित व्यापक विधेयक होता है, जिसमें अन्य आर्थिक विषय भी शामिल हो सकते हैं।
17. संसद में स्थगन प्रस्ताव (Adjournment Motion) क्या होता है?
उत्तर: स्थगन प्रस्ताव एक ऐसा संसदीय उपकरण है जिसके माध्यम से किसी महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दे पर तत्काल चर्चा करने के लिए सदन की सामान्य कार्यवाही रोक दी जाती है।
18. संसदीय विशेषाधिकार (Parliamentary Privileges) क्या होते हैं?
उत्तर:
संसदीय विशेषाधिकार वे अधिकार और सुविधाएँ हैं जो संसद और उसके सदस्यों को स्वतंत्र रूप से कार्य करने के लिए प्रदान की जाती हैं। ये मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:
- सामूहिक विशेषाधिकार: संसद के सदनों से संबंधित (जैसे, स्वतंत्र चर्चा का अधिकार)।
- व्यक्तिगत विशेषाधिकार: प्रत्येक सांसद के व्यक्तिगत अधिकार (जैसे, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, गिरफ्तारी से सुरक्षा आदि)।
19. संसद में संसदीय कार्य मंत्री (Parliamentary Affairs Minister) की भूमिका क्या होती है?
उत्तर: संसदीय कार्य मंत्री सरकार और संसद के बीच समन्वय स्थापित करने का कार्य करता है। वह सरकार की विधायी रणनीति का प्रबंधन करता है और संसद में विधेयकों को प्रस्तुत करने और चर्चा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी निभाता है।
20. संसद में कोई विधेयक कब ‘ध्यानाकर्षण प्रस्ताव’ (Calling Attention Motion) के तहत उठाया जाता है?
उत्तर: यदि कोई महत्वपूर्ण सार्वजनिक मुद्दा है और उस पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की आवश्यकता होती है, तो कोई सांसद इसे ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत संसद में उठा सकता है।
21. संसद में ‘संविधान संशोधन विधेयक‘ कैसे पारित किया जाता है?
उत्तर:
संविधान संशोधन विधेयक को अनुच्छेद 368 के तहत पारित किया जाता है। इसके तीन प्रकार होते हैं:
- सरल बहुमत से संशोधन
- विशेष बहुमत से संशोधन
- विशेष बहुमत + आधे राज्यों की सहमति से संशोधन
22. संसद में किसी सांसद को अयोग्य ठहराने की प्रक्रिया क्या होती है?
उत्तर:
दलबदल विरोधी कानून (Anti-Defection Law) के तहत, यदि कोई सांसद पार्टी लाइन के खिलाफ वोट देता है या इस्तीफा देता है, तो उसे अयोग्य ठहराया जा सकता है।
अयोग्यता का निर्णय लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा सभापति द्वारा लिया जाता है।
23. लोकसभा और राज्यसभा के बीच विधायी प्रक्रियाओं में मुख्य अंतर क्या हैं?
विषय | लोकसभा | राज्यसभा |
सदस्य संख्या | 543 | 250 |
मनी बिल | केवल लोकसभा में पेश हो सकता है | राज्यसभा इसे अस्वीकार नहीं कर सकती |
अविश्वास प्रस्ताव | केवल लोकसभा में लाया जा सकता है | राज्यसभा में नहीं लाया जा सकता |
कार्यकाल | 5 वर्ष | स्थायी सदन (1/3 सदस्य हर 2 साल में रिटायर होते हैं) |
24. संसद में मतदान के प्रकार कौन–कौन से होते हैं?
उत्तर: संसद में विभिन्न प्रकार के मतदान किए जाते हैं:
- वॉइस वोट (Voice Vote): सांसद हां/नहीं बोलकर वोट देते हैं।
- डिवीजन वोट (Division Vote): इलेक्ट्रॉनिक या कागजी प्रणाली से वोटिंग होती है।
- बॉलट वोट (Ballot Vote): गुप्त मतदान के लिए प्रयोग किया जाता है।
25. संसद सत्र के दौरान राष्ट्रपति का अभिभाषण कब और क्यों होता है?
उत्तर:
राष्ट्रपति का अभिभाषण हर वर्ष के पहले संसद सत्र (बजट सत्र) की शुरुआत में होता है।
इसमें सरकार की नीतियाँ, योजनाएँ और विधायी एजेंडा प्रस्तुत किया जाता है।
26. संसद के सत्रों में विपक्ष की भूमिका क्या होती है?
उत्तर: विपक्ष सरकार के कार्यों की समीक्षा करता है, नीतियों पर सवाल उठाता है और जनता के हित में चर्चा करता है। विपक्षी दल अविश्वास प्रस्ताव, स्थगन प्रस्ताव और विभिन्न संसदीय उपकरणों के माध्यम से सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करते हैं।
27. संसद सत्र के दौरान राष्ट्रपति द्वारा अध्यादेश (Ordinance) कब जारी किया जाता है?
उत्तर:
जब संसद का सत्र नहीं चल रहा होता, तब राष्ट्रपति संविधान के अनुच्छेद 123 के तहत अध्यादेश जारी कर सकते हैं।
अध्यादेश संसद के अगले सत्र में प्रस्तुत किया जाना आवश्यक होता है, अन्यथा वह स्वतः समाप्त हो जाता है।
28. संसद में विभाजन (Division) का क्या अर्थ होता है?
उत्तर: विभाजन तब होता है जब सदस्यों के बीच कोई विधेयक पारित करने पर स्पष्ट मतभेद होता है। इस स्थिति में मतों की गिनती करके निर्णय लिया जाता है।
29. संसद के सत्र के दौरान संसदीय विशेषाधिकार हनन (Breach of Privilege) क्या होता है?
उत्तर: यदि कोई व्यक्ति या संस्था संसद के विशेषाधिकारों का उल्लंघन करती है, तो इसे विशेषाधिकार हनन कहा जाता है। इसमें गलत रिपोर्टिंग, सांसदों को बाधित करना या संसद में असत्य भाषण देना शामिल हो सकता है।
30. संसद में निंदा प्रस्ताव (Censure Motion) क्या होता है?
उत्तर: निंदा प्रस्ताव वह प्रक्रिया है जिसमें सरकार की किसी विशेष नीति या कार्य के खिलाफ संसद में बहस की जाती है और उसे निंदा करने का प्रस्ताव पारित किया जाता है।
31. भारत में पहली बार संसद का सत्र कब आयोजित किया गया था?
उत्तर: भारत में पहली बार संसद का सत्र 13 मई 1952 को आयोजित किया गया था। यह भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन था क्योंकि इसी दिन स्वतंत्र भारत की पहली लोकसभा की बैठक हुई थी।
32. संसद में बहस और चर्चा के दौरान कौन–कौन से संसदीय उपकरण (Parliamentary Devices) उपयोग किए जाते हैं?
उत्तर: संसद में बहस और चर्चा के लिए विभिन्न संसदीय उपकरणों का उपयोग किया जाता है, जिनमें शामिल हैं:
- प्रश्नकाल (Question Hour)
- शून्यकाल (Zero Hour)
- ध्यानाकर्षण प्रस्ताव (Calling Attention Motion)
- अल्पकालिक चर्चा (Short Duration Discussion)
- स्थगन प्रस्ताव (Adjournment Motion)
- अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion)
- निंदा प्रस्ताव (Censure Motion)
33. संसद में व्हिप (Whip) क्या होता है और इसकी क्या भूमिका होती है?
उत्तर:
व्हिप एक राजनीतिक दल का सदस्य होता है जो पार्टी के अन्य सदस्यों को सदन में अनुशासित रखने और पार्टी की नीतियों के अनुसार मतदान करने के लिए निर्देश देता है।
यदि कोई सांसद व्हिप के निर्देश का उल्लंघन करता है, तो उसे दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराया जा सकता है।
34. संसद सत्र के दौरान प्रश्नकाल में कौन–कौन से प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं?
उत्तर:
प्रश्नकाल के दौरान सांसद सरकार से तीन प्रकार के प्रश्न पूछ सकते हैं:
- तारांकित प्रश्न (Starred Question): इसका मौखिक उत्तर दिया जाता है और सांसद पूरक प्रश्न पूछ सकते हैं।
- अतारांकित प्रश्न (Unstarred Question): इसका केवल लिखित उत्तर दिया जाता है।
- लघु सूचना प्रश्न (Short Notice Question): यह बहुत ही महत्वपूर्ण और तत्काल ध्यान देने योग्य मुद्दों पर पूछा जाता है।
35. संसद में ‘कटौती प्रस्ताव’ (Cut Motion) क्या होता है?
उत्तर: लोकसभा में सरकार के बजट प्रस्ताव के खिलाफ विपक्ष द्वारा कटौती प्रस्ताव पेश किया जा सकता है। इसके तीन प्रकार होते हैं:
- नीतिगत कटौती (Policy Cut): इसमें किसी विशेष नीति का विरोध किया जाता है।
- सांकेतिक कटौती (Token Cut): इसमें सामान्य मुद्दों पर सरकार को चेतावनी दी जाती है।
- आर्थिक कटौती (Economy Cut): इसमें किसी विशेष मद में खर्च कम करने की मांग की जाती है।
36. राज्यसभा को ‘स्थायी सदन’ क्यों कहा जाता है?
उत्तर: राज्यसभा को स्थायी सदन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसे कभी भंग नहीं किया जाता।
हर दो वर्ष में इसके 1/3 सदस्य सेवानिवृत्त होते हैं और नए सदस्य चुने जाते हैं।
यह प्रणाली इसे लोकसभा की तरह पूरी तरह भंग होने से बचाती है।
37. संसद सत्र के दौरान लॉबीइंग (Lobbying) क्या होती है?
उत्तर: लॉबीइंग एक प्रक्रिया है जिसमें विभिन्न हित समूह (जैसे उद्योग संगठन, एनजीओ आदि) सांसदों और सरकार को अपनी मांगों और हितों के लिए प्रभावित करने का प्रयास करते हैं।
38. संसदीय कार्यवाही में अंतर्राष्ट्रीय मानकों का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: भारत की संसदीय कार्यवाही में अंतर्राष्ट्रीय मानकों का प्रभाव यूएन, कॉमनवेल्थ संसदीय संघ और अन्य लोकतांत्रिक देशों की संसदीय प्रथाओं के रूप में देखा जाता है। इससे पारदर्शिता, जवाबदेही और विधायी कुशलता में सुधार होता है।
39. संसद में ‘गुप्त सत्र’ (Secret Session) क्या होता है?
उत्तर: यदि संसद में कोई संवेदनशील मुद्दा उठाया जाता है, जिसे सार्वजनिक रूप से उजागर नहीं किया जा सकता, तो गुप्त सत्र बुलाया जाता है। इस दौरान मीडिया और बाहरी लोगों को सदन की कार्यवाही देखने की अनुमति नहीं होती।
40. भारत में संसद सत्र का औसत कार्यकाल क्या होता है?
उत्तर:
बजट सत्र: लगभग 60-70 दिन
मानसून सत्र: लगभग 20-30 दिन
शीतकालीन सत्र: लगभग 15-20 दिन
हालांकि, सत्र की अवधि सरकार की जरूरतों और राजनीतिक परिस्थितियों के आधार पर बदल सकती है।
41. संसद की ‘अतिरिक्त सत्र’ (Extraordinary Session) क्या होती है?
उत्तर: यदि कोई विशेष परिस्थिति उत्पन्न होती है, तो राष्ट्रपति सरकार की सलाह पर एक अतिरिक्त सत्र बुला सकते हैं। यह नियमित सत्रों से अलग होता है और किसी महत्वपूर्ण मुद्दे या संकट पर चर्चा करने के लिए बुलाया जाता है।
42. ‘हंग पार्लियामेंट’ (Hung Parliament) क्या होता है?
उत्तर: जब किसी भी राजनीतिक दल को लोकसभा में पूर्ण बहुमत नहीं मिलता, तो उसे हंग पार्लियामेंट कहा जाता है। ऐसी स्थिति में या तो गठबंधन सरकार बनती है या फिर मध्यावधि चुनाव कराए जाते हैं।
43. संसद सत्र के दौरान प्वाइंट ऑफ ऑर्डर (Point of Order) का क्या मतलब है?
उत्तर: यदि किसी सांसद को लगता है कि सदन में कोई कार्यवाही संसदीय नियमों के खिलाफ हो रही है, तो वह प्वाइंट ऑफ ऑर्डर उठाकर स्पीकर से इस पर निर्णय लेने का अनुरोध कर सकता है।
44. भारतीय संसद और ब्रिटिश संसद में क्या प्रमुख अंतर हैं?
विषय | भारतीय संसद | ब्रिटिश संसद |
संविधान | लिखित | अलिखित |
राष्ट्रपति/राजा की भूमिका | कार्यकारी प्रमुख | प्रतीकात्मक प्रमुख |
न्यायिक समीक्षा | संभव | असंभव |
हाउस ऑफ लॉर्ड्स | नहीं है | मौजूद है |
45. संसद सत्र के दौरान ‘विधायी गतिरोध’ (Legislative Deadlock) क्या होता है?
उत्तर: जब लोकसभा और राज्यसभा किसी विधेयक पर सहमत नहीं होते, तो इसे विधायी गतिरोध कहा जाता है। इस स्थिति को सुलझाने के लिए राष्ट्रपति के निर्देश पर संसद का संयुक्त सत्र बुलाया जाता है।
46. भारत में सांसदों को वेतन और भत्ते कौन तय करता है?
उत्तर: संसद सदस्य अपना वेतन और भत्ते स्वयं निर्धारित करते हैं। यह संसद सदस्य वेतन, भत्ता और पेंशन अधिनियम, 1954 के तहत निर्धारित किया जाता है।
47. संसद सत्र में मतदान प्रक्रिया कौन संचालित करता है?
उत्तर:
लोकसभा में: लोकसभा अध्यक्ष (स्पीकर)
राज्यसभा में: उपराष्ट्रपति (सभापति)
48. भारत में राष्ट्रपति संसद सत्र को कितने दिनों तक स्थगित रख सकते हैं?
उत्तर: संविधान के अनुसार, संसद के दो सत्रों के बीच का अधिकतम अंतर छह महीने से अधिक नहीं हो सकता।
49. संसद में बहुमत के प्रकार कौन–कौन से होते हैं?
उत्तर:
- सरल बहुमत (Simple Majority) – उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों का बहुमत।
- विशेष बहुमत (Special Majority) – कुल सदस्यों का दो-तिहाई या तीन-चौथाई बहुमत।
- सर्वसम्मति (Unanimous Vote) – जब सभी सदस्य किसी प्रस्ताव के पक्ष में वोट देते हैं।
50. संसद में किस प्रकार की संसदीय समितियाँ कार्य करती हैं?
उत्तर: संसद में दो प्रमुख प्रकार की समितियाँ होती हैं:
- स्थायी समिति (Standing Committee) – जैसे वित्त समिति, लोक लेखा समिति।
- विशेष समिति (Ad-hoc Committee) – किसी विशेष उद्देश्य के लिए बनाई जाती हैं।
51. भारतीय संविधान के अनुसार संसद के कितने सत्र होने आवश्यक हैं?
उत्तर: संविधान में संसद सत्रों की संख्या का स्पष्ट उल्लेख नहीं है, लेकिन यह प्रावधान है कि कोई भी दो सत्रों के बीच का अंतर 6 महीने से अधिक नहीं होना चाहिए। सामान्यतः, तीन सत्र होते हैं – बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र।
52. संसद में ‘क्वेश्चन ऑवर’ (Question Hour) और ‘जीरो ऑवर’ (Zero Hour) में क्या अंतर है?
उत्तर:
विषय | प्रश्नकाल (Question Hour) | शून्यकाल (Zero Hour) |
समय | प्रतिदिन सत्र की पहली घंटी | प्रश्नकाल के बाद |
उद्देश्य | सरकार से सवाल-जवाब | तत्काल मुद्दों पर चर्चा |
प्रकार | तारांकित, अतारांकित, लघु सूचना प्रश्न | सांसदों द्वारा उठाए गए मुद्दे |
53. संसद सत्र के दौरान ‘संदर्भ समिति’ (Reference Committee) का क्या कार्य होता है?
उत्तर: संदर्भ समिति का कार्य सरकार द्वारा प्रस्तावित नीतियों और विधेयकों का अध्ययन करना और आवश्यक सुझाव देना होता है। यह समिति किसी जटिल विषय पर गहन अध्ययन कर संसद को रिपोर्ट देती है।
54. भारतीय संसद की कार्यवाही में ‘संयुक्त बैठक’ (Joint Sitting) कब बुलाई जाती है?
उत्तर: जब लोकसभा और राज्यसभा किसी विधेयक पर सहमत नहीं होते हैं, तो इसे पारित करने के लिए राष्ट्रपति संसद की संयुक्त बैठक बुलाते हैं।
संविधान के अनुच्छेद 108 के तहत यह प्रावधान है।
इस बैठक की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष (Speaker of Lok Sabha) करते हैं।
55. संसद में ‘लॉबीइंग’ (Lobbying) का क्या प्रभाव होता है?
उत्तर: लॉबीइंग विभिन्न औद्योगिक समूहों, संगठनों और व्यक्तियों द्वारा सांसदों को अपनी नीतियों या विचारों के समर्थन में प्रभावित करने की प्रक्रिया होती है।
यह लोकतंत्र का एक हिस्सा है, लेकिन यदि इसे अनुचित ढंग से किया जाए, तो यह भ्रष्टाचार और पक्षपात का कारण बन सकता है।
56. संसद में ‘मोशन ऑफ थैंक्स’ (Motion of Thanks) क्या होता है?
उत्तर: जब राष्ट्रपति संसद के उद्घाटन सत्र में अभिभाषण देते हैं, तो इसके लिए सांसद धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत करते हैं, जिसे मोशन ऑफ थैंक्स कहा जाता है।
यदि यह प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया जाता है, तो यह सरकार के खिलाफ अविश्वास का संकेत माना जाता है।
57. संसद सत्र के दौरान राष्ट्रपति कौन–कौन से विशेषाधिकारों का उपयोग कर सकते हैं?
उत्तर: राष्ट्रपति संसद सत्र के दौरान निम्नलिखित विशेषाधिकारों का उपयोग कर सकते हैं:
- संसद का आह्वान (Summoning) और सत्रावसान (Prorogation)
- विधेयकों को मंजूरी देना या वापस भेजना
- संयुक्त बैठक बुलाना
- अध्यादेश जारी करना (Article 123)
58. संसद में संसदीय सचिव (Parliamentary Secretary) की भूमिका क्या होती है?
उत्तर: संसदीय सचिव किसी मंत्री की सहायता करने के लिए नियुक्त एक सांसद होता है। यह कार्यकारी शाखा और विधायिका के बीच समन्वय बनाए रखने में मदद करता है।
59. संसदीय समिति और मंत्रिमंडलीय समिति में क्या अंतर होता है?
विषय | संसदीय समिति | मंत्रिमंडलीय समिति |
सदस्यता | सांसदों द्वारा गठित | मंत्रियों द्वारा गठित |
उद्देश्य | विधायी कार्यों की समीक्षा | प्रशासनिक और नीतिगत निर्णय |
उदाहरण | लोक लेखा समिति, आचार समिति | आर्थिक मामलों की समिति, सुरक्षा समिति |
60. भारत में ‘राज्य विधान परिषद’ और ‘राज्यसभा’ में क्या अंतर है?
उत्तर:
- राज्यसभा संसद का ऊपरी सदन है, जबकि राज्य विधान परिषद कुछ राज्यों की द्विसदनीय विधानमंडल का हिस्सा है।
- राज्यसभा केंद्र सरकार के लिए कानून बनाती है, जबकि विधान परिषद राज्य सरकार के मामलों पर कार्य करती है।
61. संसद में ‘नियम 377’ (Rule 377) क्या है?
उत्तर: संसद के नियम 377 के तहत कोई भी सांसद ऐसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दे पर चर्चा के लिए अनुरोध कर सकता है जो किसी अन्य संसदीय प्रक्रिया के तहत नहीं उठाया जा सकता।
62. संसद में कोई विधेयक कितने प्रकार का हो सकता है?
उत्तर: संसद में विधेयक निम्नलिखित प्रकार के हो सकते हैं:
- साधारण विधेयक (Ordinary Bill)
- मनी बिल (Money Bill)
- वित्त विधेयक (Finance Bill)
- संविधान संशोधन विधेयक (Constitution Amendment Bill)
63. संसदीय कार्यवाही में ‘निलंबन प्रस्ताव’ (Suspension Motion) का क्या महत्व है?
उत्तर: यदि संसद की सामान्य कार्यवाही को बाधित कर किसी विशेष मुद्दे पर चर्चा की आवश्यकता हो, तो ‘निलंबन प्रस्ताव’ लाया जाता है।
64. संसद में ‘प्वाइंट ऑफ इनफॉर्मेशन’ (Point of Information) क्या होता है?
उत्तर: जब कोई सांसद किसी महत्वपूर्ण जानकारी को प्रस्तुत करना चाहता है, तो वह प्वाइंट ऑफ इनफॉर्मेशन के तहत स्पीकर से अनुमति ले सकता है।
65. संसद सत्र के दौरान ‘गुप्त मतदान’ (Secret Ballot) कब किया जाता है?
उत्तर:
राष्ट्रपति चुनाव
राज्यसभा उपसभापति का चुनाव
अविश्वास प्रस्ताव के दौरान यदि अध्यक्ष निर्णय ले
66. संसद में ‘प्वाइंट ऑफ ऑर्डर’ (Point of Order) का क्या महत्व है?
उत्तर: यदि किसी सांसद को लगे कि सदन की कार्यवाही संसदीय नियमों के विरुद्ध हो रही है, तो वह प्वाइंट ऑफ ऑर्डर उठाकर इसे सुधारने की मांग कर सकता है।
67. भारत में ‘लोकपाल’ और ‘लोकायुक्त’ क्या होते हैं?
उत्तर: लोकपाल एक राष्ट्रीय स्तर का भ्रष्टाचार विरोधी निकाय है, जो केंद्रीय लोक सेवकों के खिलाफ शिकायतों की जांच करता है। लोकायुक्त राज्य स्तर पर इसी प्रकार का निकाय है।
68. संसद सत्र में ‘बजट पारित करने की प्रक्रिया’ क्या होती है?
उत्तर:
- वार्षिक वित्तीय विवरण (Annual Financial Statement) प्रस्तुत करना
- अनुमानित व्यय पर चर्चा (Demand for Grants)
- वित्त विधेयक पारित करना
- कटौती प्रस्तावों पर मतदान
- अंत में बजट को मंजूरी देना
69. संसद में ‘रिवर्स मोशन’ (Reverse Motion) क्या होता है?
उत्तर: जब संसद में पहले पारित किसी निर्णय को बाद में संशोधित किया जाता है, तो इसे ‘रिवर्स मोशन’ कहा जाता है।
70. भारतीय संसद और अमेरिकी कांग्रेस में क्या अंतर है?
विषय | भारतीय संसद | अमेरिकी कांग्रेस |
संरचना | लोकसभा + राज्यसभा | हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स + सीनेट |
कार्यकारी प्रमुख | प्रधानमंत्री | राष्ट्रपति |
न्यायिक समीक्षा | संसद के कानूनों की न्यायिक समीक्षा संभव | पूर्ण न्यायिक समीक्षा |
71. संसद में ‘क्वोरम’ (Quorum) क्या होता है?
उत्तर:
किसी भी सदन (लोकसभा या राज्यसभा) में बैठक शुरू करने के लिए आवश्यक न्यूनतम संख्या को क्वोरम कहते हैं।
भारतीय संसद में क्वोरम कुल सदस्य संख्या का 1/10 होता है।
यदि सदन में उपस्थित सदस्य निर्धारित संख्या से कम हैं, तो बैठक स्थगित कर दी जाती है।
72. संसद में ‘कैग’ (CAG) की भूमिका क्या होती है?
उत्तर:
कैग (CAG – Comptroller and Auditor General) संसद के लिए सरकारी खर्चों की निगरानी करता है।
यह संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत स्थापित एक संवैधानिक पद है।
कैग सरकारी खातों का ऑडिट करता है और संसद को रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।
73. संसद में ‘मनी बिल’ (Money Bill) और ‘वित्त विधेयक’ (Finance Bill) में क्या अंतर है?
विषय | मनी बिल | वित्त विधेयक |
परिभाषा | वित्तीय मामलों से संबंधित विधेयक | व्यापक रूप से वित्तीय और कर संबंधित विषयों को शामिल करता है |
अनुच्छेद | अनुच्छेद 110 के तहत | अनुच्छेद 117 के तहत |
राज्यसभा की भूमिका | सीमित, केवल 14 दिन तक रोक सकता है | राज्यसभा इसमें संशोधन कर सकती है |
74. संसद में ‘एड हॉक कमेटी’ (Ad-hoc Committee) क्या होती है?
उत्तर:
एड हॉक कमेटी विशेष उद्देश्यों के लिए गठित की जाती है और कार्य पूरा होने के बाद इसे भंग कर दिया जाता है।
उदाहरण: संयुक्त संसदीय समिति (JPC), विशेष जांच समिति
75. भारतीय संसद में किस अनुच्छेद के तहत संयुक्त सत्र बुलाया जाता है?
उत्तर:
संविधान के अनुच्छेद 108 के तहत संसद का संयुक्त सत्र बुलाया जाता है यदि लोकसभा और राज्यसभा किसी विधेयक पर सहमत नहीं होते।
76. ‘विरोध प्रस्ताव’ (Censure Motion) और ‘अविश्वास प्रस्ताव’ (No-Confidence Motion) में क्या अंतर है?
विषय | विरोध प्रस्ताव | अविश्वास प्रस्ताव |
उद्देश्य | सरकार की किसी विशेष नीति की निंदा करना | सरकार को पूरी तरह हटाने का प्रस्ताव |
सरकार गिरती है? | नहीं | हां, यदि पारित हो जाए |
किसके खिलाफ? | किसी मंत्री या सरकार की नीति के खिलाफ | पूरी सरकार के खिलाफ |
77. संसद में ‘लघु अवधि चर्चा’ (Short Duration Discussion) कब की जाती है?
उत्तर:
यह संविधान के नियम 193 के तहत होती है और इसका उद्देश्य संसद में किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा करना होता है।
78. संसद में ‘गिलोटिन’ (Guillotine) का क्या अर्थ है?
उत्तर:
यदि संसद में बजट के विभिन्न मदों पर विस्तृत चर्चा के लिए पर्याप्त समय नहीं होता, तो सरकार बिना चर्चा के ही बजट को पारित करने की प्रक्रिया अपनाती है, जिसे गिलोटिन कहा जाता है।
79. संसद में ‘संशोधन प्रस्ताव’ (Amendment Motion) क्या होता है?
उत्तर:
जब कोई सांसद प्रस्तावित विधेयक में बदलाव (संशोधन) की मांग करता है, तो उसे संशोधन प्रस्ताव कहा जाता है।
80. संसद में ‘स्टार चैंबर’ (Star Chamber) क्या होता है?
उत्तर:
यह एक अनौपचारिक बैठक होती है जिसमें प्रमुख नेता और मंत्री बंद दरवाजों के पीछे महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा करते हैं।
81. संसद सत्र के दौरान ‘सदन स्थगन’ (Adjournment) और ‘सत्रावसान’ (Prorogation) में क्या अंतर है?
विषय | सदन स्थगन (Adjournment) | सत्रावसान (Prorogation) |
परिभाषा | सदन की कार्यवाही अस्थायी रूप से रोकना | एक संपूर्ण सत्र का अंत |
कौन करता है? | अध्यक्ष (Speaker) | राष्ट्रपति |
82. भारतीय संसद में ‘महिला आरक्षण विधेयक’ क्या है?
उत्तर:
यह विधेयक संसद और राज्य विधानसभाओं में 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान करता है।
83. संसद में ‘विशेष उल्लेख’ (Special Mention) का क्या महत्व है?
उत्तर:
विशेष उल्लेख वह प्रक्रिया है जिसमें कोई भी सांसद सदन में किसी महत्वपूर्ण सार्वजनिक मुद्दे को बिना किसी पूर्व सूचना के उठा सकता है।
84. संसद में किसी प्रस्ताव को पारित करने के लिए कितने प्रकार के बहुमत आवश्यक होते हैं?
उत्तर:
- सरल बहुमत (Simple Majority)
- विशेष बहुमत (Special Majority)
- संविधान संशोधन बहुमत (Constitutional Majority)
85. संसद में ‘ध्यानाकर्षण प्रस्ताव’ (Calling Attention Motion) का उद्देश्य क्या होता है?
उत्तर:
यह सरकार का ध्यान किसी गंभीर और तत्काल मुद्दे की ओर आकर्षित करने के लिए विपक्ष द्वारा लाया जाता है।
86. भारत में राज्यसभा को भंग क्यों नहीं किया जा सकता?
उत्तर:
राज्यसभा एक स्थायी सदन है, इसलिए इसे भंग नहीं किया जा सकता। हर दो साल में एक तिहाई सदस्य सेवानिवृत्त होते हैं और नए सदस्य चुने जाते हैं।
87. संसद में ‘सरकारी विधेयक’ और ‘सदस्य विधेयक’ में क्या अंतर होता है?
विषय | सरकारी विधेयक | निजी सदस्य विधेयक |
पेश करने वाला | मंत्री | गैर-मंत्री सांसद |
पारित होने की संभावना | अधिक | कम |
उदाहरण | बजट विधेयक | लोकपाल विधेयक |
88. संसद में ‘राष्ट्रपति संदेश’ (President’s Message) क्या होता है?
उत्तर:
संविधान के अनुच्छेद 86 और 87 के तहत राष्ट्रपति संसद के किसी भी सदन को संदेश भेज सकते हैं और किसी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए कह सकते हैं।
89. भारतीय संसद में सबसे लंबा चलने वाला सत्र कौन–सा था?
उत्तर:
1961 का बजट सत्र जो 123 दिनों तक चला था।
90. संसद में किसी मंत्री को हटाने की प्रक्रिया क्या होती है?
उत्तर:
प्रधानमंत्री राष्ट्रपति को किसी मंत्री को हटाने की सिफारिश कर सकते हैं, या फिर अविश्वास प्रस्ताव पारित होने पर पूरा मंत्रिमंडल इस्तीफा देना पड़ता है।
91. संसद में ‘संसदीय विशेषाधिकार’ (Parliamentary Privileges) क्या होते हैं?
उत्तर:
सांसदों को स्वतंत्रता से कार्य करने के लिए कुछ विशेषाधिकार दिए जाते हैं, जैसे:
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
गिरफ्तारी से छूट
गोपनीयता का अधिकार
92. संसद में ‘ऑर्डिनेंस’ (Ordinance) कब और क्यों जारी किया जाता है?
उत्तर:
जब संसद सत्र में नहीं होती और सरकार को तत्काल कानून बनाने की आवश्यकता होती है, तो राष्ट्रपति संविधान के अनुच्छेद 123 के तहत अध्यादेश (Ordinance) जारी कर सकते हैं।
93. संसद में ‘ब्लैक आउट’ (Blackout) क्या होता है?
उत्तर:
जब किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर मीडिया को संसद की कार्यवाही प्रसारित करने से रोक दिया जाता है, तो इसे ब्लैक आउट कहा जाता है।
94. भारतीय संसद में ‘व्हिप’ (Whip) का क्या कार्य होता है?
उत्तर:
व्हिप किसी राजनीतिक दल द्वारा नियुक्त एक अधिकारी होता है, जिसका कार्य पार्टी के सांसदों को निर्देश देना और सदन में उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करना होता है।
व्हिप पार्टी लाइन के अनुसार वोट डालने के लिए निर्देश देता है।
इसका उल्लंघन करने पर सदस्य को दलबदल विरोधी कानून (Tenth Schedule) के तहत अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
95. भारतीय संसद में कितने प्रकार के ‘व्हिप’ होते हैं?
उत्तर:
भारतीय संसद में तीन प्रकार के व्हिप होते हैं:
- एक पंक्ति व्हिप (One-line Whip) – केवल उपस्थिति अनिवार्य होती है।
- दो पंक्ति व्हिप (Two-line Whip) – बहस और मतदान में भाग लेने का निर्देश।
- तीन पंक्ति व्हिप (Three-line Whip) – पार्टी निर्देश का पालन अनिवार्य, उल्लंघन करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।
96. संसद में ‘अनुदान मांग’ (Demand for Grants) किसके लिए होती है?
उत्तर:
सरकार के प्रत्येक मंत्रालय और विभाग को वित्तीय सहायता देने के लिए संसद में अनुदान मांग प्रस्तुत की जाती है।
यह बजट सत्र के दौरान लोकसभा में पेश की जाती है।
प्रत्येक मंत्रालय के लिए अलग-अलग अनुदान मांगे होती हैं।
97. ‘कटौती प्रस्ताव’ (Cut Motion) क्या होता है?
उत्तर:
लोकसभा में जब किसी सदस्य को सरकार के बजट व्यय पर आपत्ति होती है, तो वह कटौती प्रस्ताव ला सकता है। इसके तीन प्रकार होते हैं:
- नीतिगत कटौती (Policy Cut) – सरकार की नीति पर आपत्ति।
- आर्थिक कटौती (Economy Cut) – धनराशि कम करने की मांग।
- टोकन कटौती (Token Cut) – ₹100 की कटौती का प्रस्ताव, सरकार का ध्यान किसी विशेष मुद्दे पर आकर्षित करने के लिए।
98. ‘प्रश्नकाल’ (Question Hour) और ‘ध्यानाकर्षण प्रस्ताव’ (Calling Attention Motion) में क्या अंतर है?
विषय | प्रश्नकाल | ध्यानाकर्षण प्रस्ताव |
उद्देश्य | सरकार से सवाल पूछने के लिए | सरकार का ध्यान किसी विशेष मुद्दे पर खींचने के लिए |
समय | संसद सत्र के पहले घंटे में | प्रश्नकाल के बाद |
कौन पेश करता है? | सांसद | विपक्षी दल के सदस्य |
99. संसद में ‘सत्ता पक्ष’ और ‘विपक्ष’ में क्या अंतर होता है?
उत्तर:
सत्ता पक्ष – जिस राजनीतिक दल के पास बहुमत होता है, वह सरकार बनाता है।
विपक्ष – जो दल या गठबंधन सत्ता में नहीं होता, वह सरकार की नीतियों की आलोचना और निगरानी करता है।
100. संसद में ‘संयुक्त संसदीय समिति’ (JPC – Joint Parliamentary Committee) का क्या कार्य होता है?
उत्तर:
संयुक्त संसदीय समिति (JPC) विशेष मामलों की जांच करने के लिए गठित की जाती है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सदस्य होते हैं।
यह भ्रष्टाचार, घोटाले और बड़े नीतिगत मुद्दों की जांच करती है।
उदाहरण: बोफोर्स घोटाले (1987), 2G घोटाले (2011) की जांच के लिए JPC गठित की गई थी।
101. ‘लोक लेखा समिति’ (Public Accounts Committee) का कार्य क्या है?
उत्तर:
यह भारत के कैग (CAG) की रिपोर्ट की समीक्षा करती है।
यह 15 लोकसभा सांसद और 7 राज्यसभा सांसद मिलकर बनाते हैं।
अध्यक्ष विपक्षी दल से होता है।
102. संसद में ‘बिजनेस एडवाइजरी कमेटी’ (Business Advisory Committee) का क्या कार्य है?
उत्तर:
यह समिति संसद की कार्यसूची तय करती है।
इसमें लोकसभा और राज्यसभा के अध्यक्ष और सभी प्रमुख दलों के नेता होते हैं।
103. संसद में ‘रूल्स कमेटी’ (Rules Committee) का क्या कार्य होता है?
उत्तर:
यह संसद के संचालन के लिए नियम और प्रक्रियाएं निर्धारित करती है।
लोकसभा अध्यक्ष (Speaker) इसके अध्यक्ष होते हैं।
104. संसद में ‘एथिक्स कमेटी’ (Ethics Committee) का क्या कार्य है?
उत्तर:
यह सांसदों के आचरण की निगरानी करती है।
यह यह सुनिश्चित करती है कि कोई सांसद अनैतिक या भ्रष्ट आचरण में लिप्त न हो।
105. ‘शून्यकाल’ (Zero Hour) क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर:
शून्यकाल में सांसद बिना पूर्व सूचना के महत्वपूर्ण मुद्दों को उठा सकते हैं।
यह प्रश्नकाल और लंच ब्रेक के बीच होता है।
106. संसद में ‘अंतर–सत्र अवकाश’ (Inter-Session Gap) क्या होता है?
उत्तर:
जब संसद का एक सत्र समाप्त हो जाता है और अगले सत्र की शुरुआत होने तक का समय अंतर-सत्र अवकाश कहलाता है।
यह अधिकतम 6 महीने तक हो सकता है।
107. संसद में ‘विज्ञप्ति प्रस्ताव’ (Adjournment Motion) का क्या उद्देश्य होता है?
उत्तर:
जब कोई बहुत गंभीर राष्ट्रीय मुद्दा हो और सरकार का ध्यान उस पर तुरंत आकर्षित करना हो, तो विपक्षी दल विज्ञप्ति प्रस्ताव ला सकते हैं।
यदि यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है, तो सदन की सामान्य कार्यवाही रोक दी जाती है।
108. संसद में ‘पहल विधेयक’ (Private Member’s Bill) और सरकारी विधेयक में क्या अंतर है?
विषय | सरकारी विधेयक | निजी सदस्य विधेयक |
प्रस्तुतकर्ता | मंत्री | कोई भी सांसद |
पारित होने की संभावना | अधिक | कम |
उद्देश्य | सरकार की नीति लागू करना | सामाजिक मुद्दों को उजागर करना |
109. संसद में ‘राष्ट्रपति के विशेष अधिकार’ (President’s Special Powers) क्या होते हैं?
उत्तर:
संसद का सत्र बुलाना और समाप्त करना।
संयुक्त सत्र बुलाना (अनुच्छेद 108)।
अध्यादेश जारी करना (अनुच्छेद 123)।
110. भारतीय संसद और ब्रिटिश संसद में क्या अंतर है?
विषय | भारतीय संसद | ब्रिटिश संसद |
संविधान | लिखित | अलिखित |
राष्ट्रपति | कार्यकारी प्रमुख | प्रतीकात्मक प्रमुख (महारानी/राजा) |
न्यायिक समीक्षा | हां | नहीं |
111. संसद में ‘बजट’ पारित करने की प्रक्रिया क्या होती है?
उत्तर:
- वार्षिक वित्तीय विवरण पेश करना
- विभिन्न मंत्रालयों के लिए अनुदान मांगों पर चर्चा
- कटौती प्रस्तावों पर मतदान
- वित्त विधेयक पारित करना
112. संसद में ‘विलंबन प्रस्ताव’ (Suspension Motion) कब लाया जाता है?
उत्तर:
यदि कोई बहुत ही महत्वपूर्ण और आपातकालीन मुद्दा हो, तो सामान्य कार्यवाही को रोककर इस पर चर्चा की जाती है।
यह आमतौर पर विपक्षी दल लाते हैं।
113. संसद में ‘संसदीय विशेषाधिकार’ (Parliamentary Privileges) क्या होते हैं?
उत्तर:
संसद में बिना किसी डर के बोलने का अधिकार।
गिरफ्तारी से छूट (संसद सत्र के दौरान)।
अध्यक्ष के आदेश पर सदन से निष्कासन।
114. संसद में ‘गुप्त मतदान’ (Secret Ballot) कब किया जाता है?
उत्तर:
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में।
किसी मंत्री के खिलाफ विशेष प्रस्ताव में।
115. संसद में ‘महत्त्वपूर्ण विधेयक’ (Significant Bills) कौन–कौन से हैं?
उत्तर:
संविधान संशोधन विधेयक (Constitutional Amendment Bill) – अनुच्छेद 368 के तहत।
मनी बिल (Money Bill) – अनुच्छेद 110 के तहत।
वित्त विधेयक (Finance Bill) – अनुच्छेद 117 के तहत।
सामान्य विधेयक (Ordinary Bill) – अनुच्छेद 107 के तहत।
116. भारतीय संसद में ‘संवैधानिक संशोधन’ (Constitutional Amendment) कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
संविधान संशोधन तीन प्रकार के होते हैं:
- सरल बहुमत से संशोधन – सामान्य कानूनों में संशोधन।
- विशेष बहुमत से संशोधन – संविधान के कुछ महत्वपूर्ण प्रावधानों में बदलाव।
- राज्यों की सहमति से संशोधन – संघीय ढांचे से जुड़े संशोधन के लिए।
117. भारतीय संसद में ‘लोकसभा अध्यक्ष’ (Speaker) के क्या अधिकार होते हैं?
उत्तर:
सदन की कार्यवाही नियंत्रित करना।
सांसदों को बोलने की अनुमति देना।
व्हिप का उल्लंघन करने वाले सांसदों पर कार्रवाई करना।
टाई ब्रेक की स्थिति में निर्णायक मत देना।
118. ‘राज्यसभा के उपसभापति’ (Deputy Chairman of Rajya Sabha) का चयन कैसे होता है?
उत्तर:
राज्यसभा के सदस्यों द्वारा बहुमत से चुना जाता है।
वर्तमान में यह पद राज्यसभा के सदस्य संख्या 243 के तहत आता है।
119. ‘राज्यसभा’ और ‘लोकसभा’ में कार्यकाल की क्या विशेषताएँ हैं?
उत्तर:
विषय | लोकसभा | राज्यसभा |
कार्यकाल | 5 वर्ष | स्थायी सदन, 6 वर्ष का कार्यकाल (हर 2 वर्ष में 1/3 सदस्य सेवानिवृत्त) |
विघटन | हां | नहीं |
सदस्य संख्या | अधिकतम 552 | अधिकतम 250 |
120. संसद में ‘प्रिविलेज मोशन’ (Privilege Motion) क्या होता है?
उत्तर:
यदि कोई सांसद या मंत्री संसद की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाला कार्य करता है, तो उसके खिलाफ यह प्रस्ताव लाया जाता है।
इसे लोकसभा और राज्यसभा दोनों में लाया जा सकता है।
121. भारतीय संसद में ‘संयुक्त सत्र’ (Joint Sitting) कब बुलाया जाता है?
उत्तर:
जब कोई विधेयक लोकसभा और राज्यसभा में अलग–अलग रूप में पारित होता है या अटका रहता है।
अनुच्छेद 108 के तहत राष्ट्रपति द्वारा संयुक्त सत्र बुलाया जाता है।
अध्यक्षता लोकसभा के अध्यक्ष (Speaker) द्वारा की जाती है।
122. संसद में ‘तीन प्रकार की आपातकालीन घोषणाएँ’ कौन–कौन सी होती हैं?
उत्तर:
प्रकार | अनुच्छेद | कारण |
राष्ट्रीय आपातकाल | अनुच्छेद 352 | बाहरी आक्रमण या आंतरिक विद्रोह |
राज्य आपातकाल | अनुच्छेद 356 | संविधान तंत्र की विफलता |
वित्तीय आपातकाल | अनुच्छेद 360 | देश की वित्तीय स्थिरता खतरे में होना |
123. भारतीय संसद में ‘चुनाव प्रक्रिया’ कैसी होती है?
उत्तर:
लोकसभा चुनाव – प्रत्यक्ष चुनाव के माध्यम से।
राज्यसभा चुनाव – विधायकगण द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली से।
राष्ट्रपति चुनाव – सांसदों और विधायकों के निर्वाचक मंडल द्वारा।
124. संसद में ‘एंग्लो–इंडियन प्रतिनिधित्व’ किस अनुच्छेद के तहत होता था?
उत्तर:
अनुच्छेद 331 के तहत, राष्ट्रपति दो एंग्लो-इंडियन सदस्यों को लोकसभा में नामांकित कर सकते थे।
इसे 2019 में 104वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा समाप्त कर दिया गया।
125. भारतीय संसद में ‘राज्यसभा को उच्च सदन क्यों कहा जाता है?’
उत्तर:
यह स्थायी सदन है, इसे भंग नहीं किया जा सकता।
इसमें अनुभवी और बुद्धिजीवी सदस्य होते हैं।
यह कानूनों की समीक्षा करता है और संघीय ढांचे की रक्षा करता है।
126. संसद में ‘दलबदल कानून’ (Anti-Defection Law) क्या है?
उत्तर:
इसे 52वें संविधान संशोधन (1985) के तहत लागू किया गया था।
किसी सांसद/विधायक के पार्टी बदलने पर अयोग्यता की व्यवस्था करता है।
लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा के सभापति निर्णय लेते हैं।
127. संसद में ‘अल्पसंख्यक आरक्षण’ किस आधार पर दिया जाता है?
उत्तर:
शिक्षा और सरकारी योजनाओं में आरक्षण दिया जाता है।
संविधान के अनुच्छेद 29 और 30 के तहत अल्पसंख्यक अधिकार सुरक्षित हैं।
128. भारतीय संसद में ‘हंग पार्लियामेंट’ (Hung Parliament) का क्या अर्थ है?
उत्तर:
जब किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता, तो इसे हंग पार्लियामेंट कहा जाता है।
ऐसी स्थिति में गठबंधन सरकार बनाई जाती है।
129. संसद में ‘गोपनीय मतदान’ (Secret Ballot) कब किया जाता है?
उत्तर:
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव के दौरान।
अविश्वास प्रस्ताव और महाभियोग प्रस्ताव के दौरान।
130. संसद में ‘न्यायिक पुनरावलोकन’ (Judicial Review) का क्या अर्थ है?
उत्तर:
भारतीय संविधान के तहत सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों को कानूनों की संवैधानिकता की समीक्षा करने का अधिकार दिया गया है।
यदि कोई कानून संविधान के विरुद्ध पाया जाता है, तो उसे अमान्य घोषित किया जा सकता है।
131. संसद में ‘लोकसभा भंग’ (Dissolution of Lok Sabha) का क्या अर्थ है?
उत्तर:
जब लोकसभा का कार्यकाल पूरा हो जाता है या राष्ट्रपति विशेष परिस्थिति में इसे भंग कर देते हैं।
इसके बाद नए चुनाव कराए जाते हैं।
132. भारतीय संसद में ‘महाभियोग प्रक्रिया’ (Impeachment Process) किसके लिए होती है?
उत्तर:
राष्ट्रपति के विरुद्ध अनुच्छेद 61 के तहत।
उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए अनुच्छेद 124(4) और अनुच्छेद 217 के तहत।
133. भारतीय संसद में ‘न्यायिक सक्रियता’ (Judicial Activism) क्या होती है?
उत्तर:
जब न्यायालय किसी सामाजिक या संवैधानिक मुद्दे पर सक्रियता दिखाता है और सरकार को आदेश जारी करता है।
यह जनहित याचिका (PIL) के माध्यम से हो सकता है।
134. संसद में ‘संसदीय विशेषाधिकार’ (Parliamentary Privileges) किस अनुच्छेद में दिए गए हैं?
उत्तर:
संविधान के अनुच्छेद 105 में संसद सदस्यों के विशेषाधिकारों का उल्लेख है।
राज्य विधानसभाओं के लिए अनुच्छेद 194 लागू होता है।
135. संसद में ‘लोक नीति’ (Public Policy) का क्या महत्व है?
उत्तर:
लोक नीति देश की कानूनी, सामाजिक और आर्थिक दिशा तय करती है।
यह संसद द्वारा बनाई जाती है और कार्यपालिका द्वारा लागू की जाती है।
136. संसद में ‘मत विभाजन’ (Division of Votes) कितने प्रकार का होता है?
उत्तर:
वॉयस वोट (Voice Vote)
बटन दबाकर मतदान (Electronic Voting)
गुप्त मतदान (Secret Ballot)
137. भारतीय संसद के तीन प्रमुख सत्र कौन–कौन से हैं?
उत्तर:
भारतीय संसद के तीन प्रमुख सत्र होते हैं:
- बजट सत्र (Budget Session) – फरवरी से मई तक।
- मानसून सत्र (Monsoon Session) – जुलाई से सितंबर तक।
- शीतकालीन सत्र (Winter Session) – नवंबर से दिसंबर तक।
138. संसद में ‘गिलोटिन’ (Guillotine) प्रक्रिया क्या होती है?
उत्तर:
बजट सत्र के दौरान अनुदान मांगों पर चर्चा के लिए समय सीमा तय की जाती है।
समय समाप्त होने पर बिना चर्चा के ही अनुदान मांगों को मंजूरी दी जाती है, इसे गिलोटिन कहा जाता है।
139. भारतीय संसद में ‘प्रश्नकाल’ (Question Hour) का क्या महत्व है?
उत्तर:
संसद की कार्यवाही के पहले घंटे को प्रश्नकाल कहा जाता है।
इसमें सांसद सरकार से प्रश्न पूछते हैं।
प्रश्न तीन प्रकार के होते हैं:
- तारांकित प्रश्न – मौखिक उत्तर, पूरक प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
- अतारांकित प्रश्न – लिखित उत्तर, पूरक प्रश्न नहीं।
- लघु सूचना प्रश्न – किसी विशेष मामले पर तुरंत उत्तर की मांग।
140. संसद में ‘ध्यानाकर्षण प्रस्ताव’ (Calling Attention Motion) क्या होता है?
उत्तर:
सांसद किसी महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए यह प्रस्ताव ला सकते हैं।
इसमें सरकार को तुरंत जवाब देना होता है।
141. संसद में ‘विश्वास मत’ (Vote of Confidence) क्या होता है?
उत्तर:
जब सरकार को सदन में अपना बहुमत साबित करने की आवश्यकता होती है, तो वह विश्वास मत प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव लाती है।
यदि सरकार बहुमत खो देती है, तो उसे इस्तीफा देना पड़ता है।
142. संसद में ‘अविश्वास प्रस्ताव’ (No Confidence Motion) कब लाया जाता है?
उत्तर:
जब विपक्षी दल को लगता है कि सरकार सदन का विश्वास खो चुकी है, तो वह अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है।
यदि प्रस्ताव पास हो जाता है, तो सरकार को इस्तीफा देना पड़ता है।
यह लोकसभा में ही लाया जा सकता है।
143. संसद में ‘संक्षिप्त अवधि चर्चा’ (Short Duration Discussion) क्या होती है?
उत्तर:
संसद में किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर बिना मतदान के चर्चा कराने के लिए यह प्रक्रिया अपनाई जाती है।
इसे Rule 193 (लोकसभा) और Rule 176 (राज्यसभा) के तहत किया जाता है।
144. भारतीय संसद में ‘महत्वपूर्ण समितियाँ’ कौन–कौन सी हैं?
उत्तर:
भारतीय संसद में कई महत्वपूर्ण समितियाँ होती हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
- लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee – PAC)
- अनुमान समिति (Estimates Committee)
- सार्वजनिक उपक्रम समिति (Committee on Public Undertakings)
- संयुक्त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee – JPC)
145. ‘लोक लेखा समिति’ (PAC) का गठन कितने सदस्यों से होता है?
उत्तर:
लोक लेखा समिति में 22 सदस्य होते हैं (15 लोकसभा + 7 राज्यसभा)।
यह भारत के कैग (CAG) की रिपोर्ट की समीक्षा करती है।
इसका अध्यक्ष विपक्षी दल से चुना जाता है।
146. संसद में ‘महिला आरक्षण विधेयक’ क्या है?
उत्तर:
यह विधेयक लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33% आरक्षण देने के लिए लाया गया था।
यह अभी तक पूरी तरह लागू नहीं हुआ है।
147. संसद में ‘मनी बिल’ (Money Bill) और ‘वित्त विधेयक’ (Finance Bill) में क्या अंतर है?
विषय | मनी बिल | वित्त विधेयक |
अनुच्छेद | 110 | 117 |
राज्यसभा की भूमिका | केवल सिफारिश कर सकती है | संशोधन कर सकती है |
लोकसभा का अधिकार | पूर्ण अधिकार | आंशिक अधिकार |
148. संसद में ‘संविधान संशोधन विधेयक’ (Constitutional Amendment Bill) पारित करने की प्रक्रिया क्या है?
उत्तर:
संसद के दोनों सदनों में विशेष बहुमत से पारित किया जाता है।
कुछ मामलों में राज्यों की सहमति भी आवश्यक होती है।
149. भारतीय संसद में ‘महत्वपूर्ण चुनाव’ कौन–कौन से होते हैं?
उत्तर:
- राष्ट्रपति चुनाव (Article 54-55)
- उपराष्ट्रपति चुनाव (Article 66)
- लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव (Article 93)
- राज्यसभा उपसभापति का चुनाव (Article 89)
150. भारतीय संसद में ‘संसदीय कार्य मंत्रलाय’ (Ministry of Parliamentary Affairs) का क्या कार्य होता है?
उत्तर:
यह संसद की कार्यसूची तैयार करता है।
सरकारी विधेयकों और प्रस्तावों का प्रबंधन करता है।
सांसदों के प्रशिक्षण और विकास से जुड़े कार्य करता है।
151. संसद में ‘कैग’ (Comptroller and Auditor General – CAG) की क्या भूमिका होती है?
उत्तर:
कैग सरकार के वित्तीय रिकॉर्ड का ऑडिट करता है।
यह राष्ट्रपति को रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।
इसका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक होता है।
152. भारतीय संसद में ‘सुप्रीम कोर्ट की न्यायिक समीक्षा’ का क्या महत्व है?
उत्तर:
सुप्रीम कोर्ट संसद द्वारा बनाए गए कानूनों की समीक्षा कर सकता है।
यदि कोई कानून संविधान के विरुद्ध पाया जाता है, तो उसे असंवैधानिक घोषित किया जा सकता है।
153. संसद में ‘संवैधानिक संशोधन अधिनियम’ (Constitutional Amendment Act) का क्या महत्व है?
उत्तर:
यह संविधान में संशोधन करने के लिए संसद द्वारा पारित विधेयक होता है।
अब तक 100+ संशोधन अधिनियम पारित हो चुके हैं।
154. संसद में ‘महत्वपूर्ण कानूनी अवधारणाएँ’ कौन–कौन सी हैं?
अवधारणा | अर्थ |
प्रत्यक्ष कर | आयकर, कॉर्पोरेट कर |
अप्रत्यक्ष कर | जीएसटी, सीमा शुल्क |
संघ सूची | केंद्र सरकार के विषय |
राज्य सूची | राज्य सरकार के विषय |
समवर्ती सूची | दोनों सरकारों के विषय |
155. भारतीय संसद में ‘संयुक्त राष्ट्र के साथ संबंध’ कैसे होते हैं?
उत्तर:
संसद यूएन की नीतियों और संधियों पर चर्चा करती है।
भारत संयुक्त राष्ट्र में कई महत्वपूर्ण एजेंसियों का सदस्य है, जैसे UNESCO, WHO, IMF।
156. भारतीय संसद में ‘जनहित याचिका’ (Public Interest Litigation – PIL) का क्या महत्व है?
उत्तर:
जब कोई नागरिक सार्वजनिक हित के मुद्दे पर न्यायालय में याचिका दायर करता है, तो इसे जनहित याचिका कहा जाता है।
यह भारतीय लोकतंत्र को उत्तरदायी और पारदर्शी बनाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
157. संसद में ‘संघीय ढांचा’ (Federal Structure) की रक्षा के लिए कौन–कौन से प्रावधान हैं?
उत्तर:
राज्यसभा को विशेष अधिकार दिए गए हैं।
संविधान के अनुच्छेद 246 में शक्तियों का विभाजन किया गया है।
158. संसद में ‘क्वोरम’ (Quorum) का क्या महत्व है?
उत्तर:
किसी भी सदन की बैठक के लिए न्यूनतम आवश्यक सदस्य संख्या को क्वोरम कहा जाता है।
लोकसभा और राज्यसभा में कुल सदस्य संख्या का 1/10 भाग क्वोरम के रूप में आवश्यक होता है।
159. भारतीय संसद में ‘लोकसभा सचिवालय’ और ‘राज्यसभा सचिवालय’ का कार्य क्या है?
उत्तर:
लोकसभा सचिवालय स्पीकर के अधीन कार्य करता है और संसद की कार्यवाही से जुड़े प्रशासनिक कार्य संभालता है।
राज्यसभा सचिवालय उपराष्ट्रपति (सभापति) के अधीन कार्य करता है और राज्यसभा से संबंधित सभी प्रशासनिक कार्य करता है।
160. संसद में ‘ध्वनि मत’ (Voice Vote) किस प्रकार का मतदान है?
उत्तर:
इसमें सदस्य “हाँ” या “ना” कहकर अपनी सहमति या असहमति प्रकट करते हैं।
यह सबसे आसान और तेज़ मतदान प्रक्रिया होती है।
इसका उपयोग सामान्य विधेयकों और प्रस्तावों के लिए किया जाता है।
161. भारतीय संसद में ‘विपक्ष का नेता’ (Leader of Opposition) किसे माना जाता है?
उत्तर:
वह व्यक्ति जो विपक्षी दल का नेता हो और जिसके पास सदन की कुल सदस्य संख्या का कम से कम 10% समर्थन हो।
यह पद सरकारी नीतियों पर निगरानी रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।
162. संसद में ‘व्हिप’ (Whip) क्या होता है?
उत्तर:
व्हिप राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त एक अधिकारी होता है, जो सांसदों को दल के निर्देशों के अनुसार मतदान करने के लिए बाध्य करता है।
यदि कोई सांसद व्हिप के निर्देशों का उल्लंघन करता है, तो उसे दलबदल कानून के तहत अयोग्य ठहराया जा सकता है।
163. संसद में ‘संवैधानिक संकट’ (Constitutional Crisis) कब उत्पन्न होता है?
उत्तर:
जब किसी सरकार या संस्था के पास संवैधानिक प्रावधानों को लागू करने के लिए पर्याप्त शक्ति या साधन नहीं होते।
उदाहरण: राज्यपाल द्वारा सरकार को भंग करने का विवाद, राष्ट्रपति शासन लागू करने की स्थिति।
164. ‘संवैधानिक सुधार’ (Constitutional Reforms) का क्या महत्व है?
उत्तर:
संवैधानिक सुधार का उद्देश्य संविधान को बदलते समय और आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूल बनाना होता है।
यह प्रक्रिया संविधान संशोधन अधिनियमों के माध्यम से की जाती है।
165. भारतीय संसद में ‘संयुक्त संसदीय समिति’ (Joint Parliamentary Committee – JPC) का क्या कार्य है?
उत्तर:
यह संसद द्वारा गठित एक विशेष समिति होती है जो महत्वपूर्ण मामलों, घोटालों या आर्थिक विषयों की जांच करती है।
उदाहरण: हर्षद मेहता घोटाले की जांच (1992), 2G घोटाले की जांच (2011)।
166. भारतीय संसद में ‘अधिनियम’ (Act) और ‘विधेयक’ (Bill) में क्या अंतर है?
उत्तर:
विषय | विधेयक (Bill) | अधिनियम (Act) |
परिभाषा | संसद में पेश किया गया कोई प्रस्ताव जो कानून बनने की प्रक्रिया में होता है | संसद द्वारा पारित और राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त कोई कानून |
स्थिति | केवल प्रस्तावित | लागू हो चुका |
167. भारतीय संसद में ‘राज्यसभा स्थायी सदन क्यों है?’
उत्तर:
राज्यसभा को कभी भंग नहीं किया जाता।
इसके 1/3 सदस्य हर दो वर्ष में सेवानिवृत्त होते हैं।
इसे संघीय ढांचे की सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के लिए बनाया गया है।
168. संसद में ‘अनुदान मांगें’ (Demand for Grants) क्या होती हैं?
उत्तर:
प्रत्येक मंत्रालय या विभाग के लिए बजट में किए गए व्यय के अनुरोध को अनुदान मांगें कहा जाता है।
इसे लोकसभा द्वारा पारित किया जाता है।
169. संसद में ‘कटौती प्रस्ताव’ (Cut Motion) क्या होता है?
उत्तर:
जब कोई सांसद सरकार द्वारा प्रस्तावित बजट में कटौती की मांग करता है, तो इसे कटौती प्रस्ताव कहा जाता है।
तीन प्रकार के कटौती प्रस्ताव होते हैं:
- नीतिगत कटौती (Policy Cut Motion) – पूरी राशि हटाने की मांग।
- आर्थिक कटौती (Economy Cut Motion) – आंशिक राशि हटाने की मांग।
- सांकेतिक कटौती (Token Cut Motion) – सरकार की किसी विशेष नीति का विरोध करने के लिए।
170. भारतीय संसद में ‘मत विभाजन’ (Division of Vote) के कितने प्रकार होते हैं?
उत्तर:
- ध्वनि मत (Voice Vote) – “हाँ” या “ना” से निर्णय।
- बटन दबाकर मतदान (Electronic Voting) – डिजिटल रूप से वोट डालना।
- गुप्त मतदान (Secret Ballot) – नाम गुप्त रखते हुए मतदान।
- संख्या गणना (Count Vote) – सांसदों को गिना जाता है।
171. भारतीय संसद में ‘प्रेस गैलरी’ (Press Gallery) का क्या कार्य है?
उत्तर:
संसद की कार्यवाही को मीडिया के माध्यम से जनता तक पहुँचाने के लिए प्रेस गैलरी होती है।
इसके लिए मान्यता प्राप्त पत्रकारों को विशेष पास दिए जाते हैं।
172. भारतीय संसद में ‘निलंबन प्रस्ताव’ (Adjournment Motion) क्या होता है?
उत्तर:
जब कोई सांसद किसी महत्वपूर्ण और आपातकालीन मुद्दे पर चर्चा के लिए सदन की कार्यवाही रोकने का प्रस्ताव रखता है, तो इसे निलंबन प्रस्ताव कहा जाता है।
173. भारतीय संसद में ‘प्रिलिमिनरी रोल कॉल’ (Preliminary Roll Call) क्या होता है?
उत्तर:
यह एक प्रक्रिया है जिसमें किसी विशेष विषय पर बहस में भाग लेने वाले सांसदों की सूची तैयार की जाती है।
174. भारतीय संसद में ‘बजट प्रस्ताव’ (Budget Proposal) पास करने की प्रक्रिया क्या है?
उत्तर:
- वित्त मंत्री संसद में बजट पेश करते हैं।
- संसद में बजट पर बहस होती है।
- लोकसभा बजट को पारित करती है।
- राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इसे लागू किया जाता है।
175. भारतीय संसद में ‘फ्लोर टेस्ट’ (Floor Test) का क्या महत्व है?
उत्तर:
जब किसी सरकार को अपने बहुमत को साबित करना होता है, तो इसे फ्लोर टेस्ट कहा जाता है।
यदि सरकार बहुमत खो देती है, तो उसे इस्तीफा देना पड़ता है।
176. भारतीय संसद में ‘विधान परिषद’ (Legislative Council) किन राज्यों में है?
उत्तर:
वर्तमान में भारत के केवल 6 राज्यों में विधान परिषद है:
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उत्तर प्रदेश
- महाराष्ट्र
- कर्नाटक
- बिहार
177. भारतीय संसद में ‘लोक अभियोजक’ (Public Prosecutor) की क्या भूमिका होती है?
उत्तर:
लोक अभियोजक सरकार की ओर से अदालतों में आपराधिक मामलों का संचालन करता है।
यह संविधान के अनुच्छेद 76 और 78 के तहत कार्य करता है।
178. भारतीय संसद में ‘संक्षिप्त अवधि चर्चा’ (Short Duration Discussion) का उद्देश्य क्या होता है?
उत्तर:
यह Rule 193 (लोकसभा) और Rule 176 (राज्यसभा) के तहत संचालित होती है।
इसमें किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर संक्षिप्त बहस होती है, लेकिन मतदान नहीं कराया जाता।
सरकार को इसमें जवाब देना अनिवार्य होता है।
179. संसद में ‘राष्ट्रपति द्वारा संसद का सत्र आहूत करना’ किस अनुच्छेद के तहत आता है?
उत्तर:
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 85 के तहत राष्ट्रपति संसद का सत्र आहूत (बुलाने) और स्थगित करने की शक्ति रखते हैं।
180. भारतीय संसद में ‘संयुक्त बैठक’ (Joint Sitting) का क्या महत्व है?
उत्तर:
जब कोई विधेयक लोकसभा और राज्यसभा में पारित नहीं हो पाता, तो संविधान के अनुच्छेद 108 के तहत संयुक्त बैठक बुलाई जाती है।
इसकी अध्यक्षता लोकसभा के अध्यक्ष (Speaker) करते हैं।
अब तक केवल तीन बार संयुक्त बैठक बुलाई गई है:
- 1961 – दहेज निषेध विधेयक (Dowry Prohibition Bill)
- 1978 – बैंकिंग सेवा आयोग विधेयक (Banking Service Commission Bill)
- 2002 – पीएफआरडीए विधेयक (PFRDA Bill)
181. संसद में ‘राज्य सभा के स्थायी स्वरूप’ का क्या अर्थ है?
उत्तर:
राज्यसभा को कभी भंग नहीं किया जाता।
इसके सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है और प्रत्येक दो वर्षों में 1/3 सदस्य सेवानिवृत्त होते हैं।
182. भारतीय संसद में ‘गोपनीय मतदान’ (Secret Ballot) किस स्थिति में किया जाता है?
उत्तर:
गोपनीय मतदान उन मामलों में किया जाता है जहाँ सांसदों को अपनी राय स्वतंत्र रूप से देने की आवश्यकता होती है।
जैसे राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव, राज्यसभा चुनाव, अविश्वास प्रस्ताव आदि।
183. संसद में ‘मुद्रण समिति’ (Printing Committee) का कार्य क्या होता है?
उत्तर:
यह समिति संसद में प्रस्तुत होने वाले सभी दस्तावेजों और विधेयकों की छपाई से संबंधित कार्यों की निगरानी करती है।
184. भारतीय संसद में ‘शून्यकाल’ (Zero Hour) का क्या महत्व है?
उत्तर:
शून्यकाल संसद के प्रश्नकाल और लंच ब्रेक के बीच का समय होता है।
यह सुबह 12:00 बजे से शुरू होता है, इसलिए इसे “Zero Hour” कहा जाता है।
इसमें सांसद किसी भी महत्वपूर्ण और आपातकालीन मुद्दे को उठा सकते हैं।
185. संसद में ‘राज्यसभा के उपसभापति’ (Deputy Chairman of Rajya Sabha) का क्या कार्य होता है?
उत्तर:
राज्यसभा के उपसभापति राज्यसभा की कार्यवाही को संचालित करते हैं जब उपराष्ट्रपति (सभापति) अनुपस्थित होते हैं।
वे राज्यसभा के सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं।
186. भारतीय संसद में ‘चुनाव आयोग’ (Election Commission) की भूमिका क्या होती है?
उत्तर:
चुनाव आयोग भारत में लोकसभा, राज्यसभा, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनावों का आयोजन करता है।
यह संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत स्थापित एक स्वतंत्र निकाय है।
187. संसद में ‘संसदीय विशेषाधिकार’ (Parliamentary Privileges) क्या होते हैं?
उत्तर:
सांसदों को उनके कार्यों को स्वतंत्र रूप से करने के लिए कुछ विशेषाधिकार दिए जाते हैं, जैसे:
- भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता।
- किसी भी कार्यवाही के लिए न्यायालय में चुनौती न दी जा सकना।
- संसदीय कार्यवाही के दौरान गिरफ्तारी से छूट (कुछ मामलों में)।
188. भारतीय संसद में ‘ध्यानाकर्षण प्रस्ताव’ (Calling Attention Motion) का उद्देश्य क्या होता है?
उत्तर:
सांसद किसी महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए यह प्रस्ताव ला सकते हैं।
इसमें सरकार को तुरंत जवाब देना होता है।
189. संसद में ‘सत्रावसान’ (Prorogation) और ‘स्थगन’ (Adjournment) में क्या अंतर है?
उत्तर:
विषय | सत्रावसान (Prorogation) | स्थगन (Adjournment) |
परिभाषा | संसद के पूरे सत्र की समाप्ति | संसद की कार्यवाही का अस्थायी रूप से समाप्त होना |
अधिकार | राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है | लोकसभा अध्यक्ष / राज्यसभा सभापति द्वारा किया जाता है |
190. भारतीय संसद में ‘महत्वपूर्ण संवैधानिक संशोधन’ कौन–कौन से हैं?
उत्तर:
- 42वां संशोधन (1976) – इसे “मिनी संविधान“ कहा जाता है।
- 44वां संशोधन (1978) – मौलिक अधिकारों की बहाली।
- 61वां संशोधन (1988) – मतदान की उम्र 21 से घटाकर 18 वर्ष की गई।
- 73वां और 74वां संशोधन (1992) – पंचायती राज और नगर पालिकाओं को संवैधानिक दर्जा दिया गया।
191. भारतीय संसद में ‘सरकारी और गैर–सरकारी विधेयक’ (Government vs Private Member Bill) में क्या अंतर है?
उत्तर:
विषय | सरकारी विधेयक | गैर–सरकारी विधेयक |
पेश करने वाला | सरकार का कोई मंत्री | सांसद जो मंत्री नहीं है |
प्राथमिकता | उच्च | कम |
पारित होने की संभावना | अधिक | कम |
192. संसद में ‘विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव’ (Breach of Privilege Motion) क्या होता है?
उत्तर:
यदि कोई व्यक्ति संसद या सांसद के विशेषाधिकारों का उल्लंघन करता है, तो उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाया जाता है।
193. भारतीय संसद में ‘राष्ट्रपति का अभिभाषण’ किस अनुच्छेद के तहत आता है?
उत्तर:
संविधान के अनुच्छेद 87 के तहत राष्ट्रपति संसद के पहले सत्र में दोनों सदनों को संबोधित करते हैं।
194. भारतीय संसद में ‘महत्वपूर्ण समितियों’ के कार्य क्या होते हैं?
उत्तर:
लोक लेखा समिति (PAC) – सरकार के खर्चों की जाँच करती है।
अनुमान समिति (Estimates Committee) – सरकार की नीतियों की प्रभावशीलता का आकलन करती है।
सार्वजनिक उपक्रम समिति (Committee on Public Undertakings) – सरकारी उपक्रमों के प्रदर्शन की समीक्षा करती है।
195. भारतीय संसद में ‘लोकसभा की तुलना में राज्यसभा कमजोर क्यों मानी जाती है?’
उत्तर:
लोकसभा में धन विधेयक पारित करने का विशेषाधिकार है, जबकि राज्यसभा केवल सिफारिश कर सकती है।
सरकार लोकसभा में बनती है, न कि राज्यसभा में।
अविश्वास प्रस्ताव केवल लोकसभा में लाया जा सकता है।
196. भारतीय संसद में ‘संसदीय अधिनियम’ (Parliamentary Act) कैसे लागू होता है?
उत्तर:
- विधेयक संसद में पेश किया जाता है।
- दोनों सदनों द्वारा पारित किया जाता है।
- राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इसे अधिनियम (Act) का रूप दे दिया जाता है।
197. संसद में ‘वित्त विधेयक’ (Finance Bill) और ‘धन विधेयक’ (Money Bill) में क्या अंतर है?
उत्तर:
विषय | धन विधेयक (Money Bill) | वित्त विधेयक (Finance Bill) |
परिभाषा | केवल सरकार की राजस्व और व्यय से संबंधित विधेयक | किसी भी वित्तीय मामले से संबंधित विधेयक |
अनुच्छेद | अनुच्छेद 110 | अनुच्छेद 117 |
राज्यसभा की भूमिका | केवल सिफारिश कर सकती है | संसोधन कर सकती है |
राष्ट्रपति की शक्ति | इसे वापस भेज नहीं सकते | वापस भेज सकते हैं |
198. संसद में ‘मंत्रिपरिषद का सामूहिक उत्तरदायित्व’ (Collective Responsibility) क्या होता है?
उत्तर:
अनुच्छेद 75(3) के अनुसार, मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होती है।
यदि लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पारित होता है, तो पूरी मंत्रिपरिषद को इस्तीफा देना पड़ता है।
199. भारतीय संसद में ‘नियम 377’ (Rule 377) क्या होता है?
उत्तर:
यह एक ऐसा नियम है जो सांसदों को संसद में किसी विशेष सार्वजनिक महत्व के मुद्दे को उठाने की अनुमति देता है।
200. संसद में ‘क्वेश्चन ऑवर’ (Question Hour) और ‘शून्यकाल’ (Zero Hour) में क्या अंतर है?
उत्तर:
विषय | प्रश्नकाल (Question Hour) | शून्यकाल (Zero Hour) |
समय | संसद सत्र के पहले घंटे में | प्रश्नकाल के बाद |
उद्देश्य | सरकार से सवाल पूछने का समय | कोई भी मुद्दा तुरंत उठाने के लिए |
समय सीमा | सुबह 11:00 से 12:00 बजे तक | 12:00 बजे से शुरू |
201. भारतीय संसद में ‘कैबिनेट मिशन योजना’ (Cabinet Mission Plan) का क्या महत्व था?
उत्तर:
1946 में कैबिनेट मिशन योजना के तहत भारतीय संविधान सभा का गठन किया गया।
इसने संविधान के निर्माण के लिए मार्गदर्शक भूमिका निभाई।
202. भारतीय संसद में ‘लोकसभा भंग’ और ‘लोकसभा स्थगन’ में क्या अंतर है?
उत्तर:
विषय | लोकसभा भंग (Dissolution) | लोकसभा स्थगन (Adjournment) |
परिभाषा | पूरी लोकसभा समाप्त हो जाती है | कार्यवाही अस्थायी रूप से रोक दी जाती है |
प्रभाव | नए चुनाव कराए जाते हैं | अगली बैठक निर्धारित होती है |
203. भारतीय संसद में ‘विस्तारित सत्र’ (Extended Session) का क्या अर्थ है?
उत्तर:
जब किसी सत्र की अवधि को बढ़ा दिया जाता है ताकि महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा पूरी हो सके, तो इसे विस्तारित सत्र कहा जाता है।
204. भारतीय संसद में ‘प्रस्तावित संशोधन’ (Proposed Amendment) को पारित करने की प्रक्रिया क्या है?
उत्तर:
- विधेयक संसद में पेश किया जाता है।
- दोनों सदनों में चर्चा होती है।
- आवश्यक बहुमत से पारित होने के बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिलती है।
- इसके बाद इसे संवैधानिक संशोधन का दर्जा दिया जाता है।
205. संसद में ‘संवैधानिक संशोधन अधिनियम’ (Constitution Amendment Act) कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
अनुच्छेद 368 के तहत संवैधानिक संशोधन तीन प्रकार के होते हैं:
- सरल बहुमत से संशोधन (Simple Majority)
- विशेष बहुमत से संशोधन (Special Majority)
- राज्यों की सहमति सहित विशेष बहुमत से संशोधन
206. संसद में ‘संयुक्त संसदीय समिति’ (Joint Parliamentary Committee – JPC) और ‘लोक लेखा समिति’ (Public Accounts Committee – PAC) में क्या अंतर है?
उत्तर:
विषय | संयुक्त संसदीय समिति (JPC) | लोक लेखा समिति (PAC) |
उद्देश्य | घोटालों या विशेष मामलों की जांच | सरकारी खर्चों की निगरानी |
सदस्य संख्या | अलग-अलग मामलों में भिन्न | 22 सदस्य (15 लोकसभा, 7 राज्यसभा) |
207. भारतीय संसद में ‘विधायी प्रस्ताव’ (Legislative Proposal) क्या होता है?
उत्तर:
जब सरकार किसी कानून को लागू करने के लिए एक विधेयक पेश करती है, तो इसे विधायी प्रस्ताव कहा जाता है।
208. संसद में ‘मुद्दत समाप्त होना’ (Lapse of Bill) का क्या अर्थ है?
उत्तर:
यदि लोकसभा भंग हो जाती है और कोई विधेयक अभी भी लंबित है, तो वह स्वतः समाप्त हो जाता है।
209. संसद में ‘नियम 267’ (Rule 267) क्या होता है?
उत्तर:
राज्यसभा के नियम 267 के तहत कोई भी सांसद मौजूदा कार्यवाही को रोककर किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा की मांग कर सकता है।
210. भारतीय संसद में ‘प्रेसिडेंशियल असैंट’ (Presidential Assent) का क्या महत्व है?
उत्तर:
जब कोई विधेयक संसद से पारित हो जाता है, तो उसे कानून बनने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी लेनी पड़ती है।
211. भारतीय संसद में ‘धन विधेयक’ (Money Bill) और ‘संवैधानिक संशोधन विधेयक’ (Constitution Amendment Bill) में क्या अंतर है?
उत्तर:
विषय | धन विधेयक (Money Bill) | संवैधानिक संशोधन विधेयक |
अनुच्छेद | अनुच्छेद 110 | अनुच्छेद 368 |
राज्यसभा की भूमिका | सीमित | संशोधन कर सकती है |
राष्ट्रपति की शक्ति | इसे वापस नहीं भेज सकते | इसे वापस भेज सकते हैं |
212. भारतीय संसद में ‘याचिका समिति’ (Petition Committee) क्या कार्य करती है?
उत्तर:
यह समिति संसद को दी गई जन याचिकाओं की समीक्षा और समाधान का सुझाव देती है।
213. भारतीय संसद में ‘गैर–सरकारी संकल्प’ (Private Member Resolution) क्या होता है?
उत्तर:
जब कोई सांसद, जो मंत्री नहीं होता, संसद में कोई प्रस्ताव रखता है, तो उसे गैर-सरकारी संकल्प कहा जाता है।
214. भारतीय संसद में ‘विधान परिषद की समाप्ति’ (Abolition of Legislative Council) की प्रक्रिया क्या है?
उत्तर:
राज्य की विधान सभा एक प्रस्ताव पारित करके संसद को भेजती है।
संसद इसे विशेष बहुमत से पास करती है।
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद विधान परिषद समाप्त हो जाती है।
215. भारतीय संसद में ‘लोकसभा और राज्यसभा में पीठासीन अधिकारी’ कौन होते हैं?
उत्तर:
सदन | पीठासीन अधिकारी |
लोकसभा | अध्यक्ष (Speaker) |
राज्यसभा | सभापति (Vice President of India) |
216. संसद में ‘गुप्त मतदान’ (Secret Ballot) कब किया जाता है?
उत्तर:
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव, लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा उपसभापति के चुनाव में गुप्त मतदान किया जाता है।
217. भारतीय संसद में ‘कार्य मंत्रणा समिति’ (Business Advisory Committee) का क्या कार्य होता है?
उत्तर:
यह समिति संसद की कार्यसूची (Agenda) तय करने का कार्य करती है।
यह तय करती है कि किस विधेयक या प्रस्ताव पर कितना समय दिया जाएगा।
लोकसभा में इसका अध्यक्ष लोकसभा अध्यक्ष (Speaker) होता है।
राज्यसभा में इसका अध्यक्ष सभापति (Vice President of India) होता है।
218. संसद में ‘लोकसभा की कार्यावधि’ कितनी होती है?
उत्तर:
लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है।
यदि राष्ट्रीय आपातकाल लागू हो जाए, तो इसे अधिकतम 1 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।
219. भारतीय संसद में ‘एटॉर्नी जनरल’ (Attorney General) की भूमिका क्या होती है?
उत्तर:
एटॉर्नी जनरल भारत सरकार का सर्वोच्च विधि अधिकारी (Legal Advisor) होता है।
इन्हें राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 76 के तहत नियुक्त किया जाता है।
ये संसद में भाग ले सकते हैं, लेकिन मतदान नहीं कर सकते।
220. भारतीय संसद में ‘संसदीय लोकतंत्र’ (Parliamentary Democracy) का क्या अर्थ है?
उत्तर:
भारत में संसदीय लोकतंत्र का अर्थ यह है कि कार्यपालिका (Executive) संसद के प्रति उत्तरदायी होती है।
प्रधानमंत्री और मंत्री परिषद को लोकसभा में बहुमत साबित करना होता है।
यदि सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) पारित हो जाए, तो सरकार गिर जाती है।
221. संसद में ‘क्वोरम’ (Quorum) क्या होता है?
उत्तर:
संसद की किसी भी बैठक को वैध (Valid) बनाने के लिए न्यूनतम सदस्यों की उपस्थिति आवश्यक होती है, जिसे क्वोरम कहते हैं।
लोकसभा और राज्यसभा में कुल सदस्यों का 1/10 भाग उपस्थित होना आवश्यक है।
222. भारतीय संसद में ‘संसदीय विशेषाधिकार समिति’ (Parliamentary Privilege Committee) का कार्य क्या होता है?
उत्तर:
यह समिति सांसदों को प्राप्त विशेषाधिकारों (Privileges) के हनन के मामलों की जांच करती है।
यदि कोई व्यक्ति सांसदों के विशेषाधिकारों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की जाती है।
223. भारतीय संसद में ‘संयुक्त सचिवालय’ (Joint Secretariat) क्या होता है?
उत्तर:
संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के प्रशासनिक कार्यों को देखने के लिए संयुक्त सचिवालय का गठन किया जाता है।
यह संसदीय मामलों की देखरेख करता है, जिसमें विधेयकों का मसौदा तैयार करना, रिकॉर्ड रखना, और सत्र की व्यवस्था करना शामिल है।
224. संसद में ‘संविधान संशोधन प्रक्रिया’ कितने प्रकार की होती है?
उत्तर:
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 368 के तहत तीन प्रकार की संशोधन प्रक्रियाएं होती हैं:
- सरल बहुमत से संशोधन – संसद में साधारण बहुमत से पारित किया जाता है।
- विशेष बहुमत से संशोधन – दोनों सदनों में 2/3 बहुमत से पारित किया जाता है।
- राज्यों की सहमति सहित विशेष बहुमत से संशोधन – 2/3 बहुमत के साथ आधे से अधिक राज्यों की सहमति आवश्यक होती है।
225. संसद में ‘शासनादेश’ (Mandate) का क्या अर्थ होता है?
उत्तर:
शासनादेश का अर्थ किसी सरकार को जनता द्वारा दिए गए स्पष्ट समर्थन से होता है।
यदि किसी राजनीतिक दल को चुनाव में बहुमत मिलता है, तो कहा जाता है कि उसे शासनादेश मिला है।
226. संसद में ‘प्रश्नकाल’ (Question Hour) के कितने प्रकार होते हैं?
उत्तर:
संसद में प्रश्नकाल तीन प्रकार का होता है:
- तारांकित प्रश्न (Starred Question) – इसमें मौखिक उत्तर दिया जाता है और पूरक प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
- अतारांकित प्रश्न (Unstarred Question) – इसमें लिखित उत्तर दिया जाता है और पूरक प्रश्न नहीं पूछे जा सकते।
- लघु सूचना प्रश्न (Short Notice Question) – यह ऐसे प्रश्न होते हैं, जिनका उत्तर तत्काल आवश्यक होता है।
227. भारतीय संसद में ‘विधान सभा’ और ‘विधान परिषद’ में क्या अंतर होता है?
उत्तर:
विषय | विधान सभा (Legislative Assembly) | विधान परिषद (Legislative Council) |
सदस्यों की संख्या | 60-500 | राज्यों में भिन्न |
कार्यकाल | 5 वर्ष | स्थायी सदन (1/3 सदस्य हर 2 वर्ष में रिटायर होते हैं) |
सदस्य चुनाव | जनता द्वारा प्रत्यक्ष चुनाव | अप्रत्यक्ष चुनाव (MLA, शिक्षक, स्नातक, राज्यपाल द्वारा नामांकन) |
228. भारतीय संसद में ‘मुद्दत समाप्त होना’ (Lapse of Bill) कब होता है?
उत्तर:
यदि लोकसभा भंग हो जाती है, तो लोकसभा में लंबित विधेयक स्वतः समाप्त हो जाता है।
यदि राज्यसभा में कोई विधेयक लंबित है, तो वह समाप्त नहीं होता।
229. संसद में ‘लोकसभा अध्यक्ष’ (Speaker) को हटाने की प्रक्रिया क्या है?
उत्तर:
लोकसभा अध्यक्ष को हटाने के लिए लोकसभा में बहुमत से प्रस्ताव पारित किया जाता है।
अध्यक्ष को हटाने का प्रस्ताव 14 दिन पहले लिखित रूप में दिया जाना आवश्यक होता है।
यदि बहुमत से प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो अध्यक्ष को पद से हटाया जा सकता है।
230. भारतीय संसद में ‘राज्यसभा में उपसभापति’ (Deputy Chairman of Rajya Sabha) की नियुक्ति कैसे होती है?
उत्तर:
राज्यसभा उपसभापति का चुनाव राज्यसभा के सदस्यों द्वारा किया जाता है।
इसका कार्यकाल 6 वर्षों तक रहता है या जब तक वे राज्यसभा के सदस्य होते हैं।
231. संसद में ‘महत्वपूर्ण स्थायी समितियां’ (Important Standing Committees) कौन–कौन सी होती हैं?
उत्तर:
- लोक लेखा समिति (PAC) – सरकार के खर्चों की जांच करती है।
- अनुमान समिति (Estimates Committee) – बजट और नीतियों का विश्लेषण करती है।
- सार्वजनिक उपक्रम समिति (Public Undertakings Committee) – सरकारी उपक्रमों की समीक्षा करती है।
- संविधान समीक्षा समिति (Constitution Review Committee) – संवैधानिक मामलों की समीक्षा करती है।
232. भारतीय संसद में ‘अल्पमत सरकार’ (Minority Government) क्या होती है?
उत्तर:
जब कोई सरकार संसद में पूर्ण बहुमत प्राप्त नहीं करती, लेकिन अन्य दलों के समर्थन से सरकार बनाती है, तो उसे अल्पमत सरकार कहते हैं।
ऐसी सरकार को सदन में बहुमत साबित करना जरूरी होता है।
233. संसद में ‘संसदीय नियंत्रण’ (Parliamentary Control) के मुख्य साधन क्या होते हैं?
उत्तर:
प्रश्नकाल और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव
अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion)
मुद्रण समिति और लोक लेखा समिति
वित्तीय संसदीय समितियां
234. संसद में ‘स्थगन प्रस्ताव’ (Adjournment Motion) क्या होता है?
उत्तर:
यह एक संसदीय प्रक्रिया है जिसमें सांसद सरकार से किसी अत्यंत महत्वपूर्ण और तात्कालिक मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हैं।
यदि यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है, तो संसद का सामान्य कार्य रोककर उस विशेष मुद्दे पर चर्चा की जाती है।
केवल लोकसभा में इसकी अनुमति होती है।
235. संसद में ‘अर्ध–न्यायिक कार्य’ (Quasi-Judicial Functions) किसे कहते हैं?
उत्तर:
संसद कभी-कभी न्यायिक शक्तियां भी निभाती है, जिसे अर्ध-न्यायिक कार्य कहा जाता है।
उदाहरण:
- राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति या सुप्रीम कोर्ट/हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के खिलाफ महाभियोग प्रक्रिया।
- सांसदों की अयोग्यता से संबंधित निर्णय।
236. संसद में ‘न्यायिक पुनर्विलोकन’ (Judicial Review) क्या होता है?
उत्तर:
जब सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट किसी कानून की संवैधानिकता की जांच करते हैं और यदि वह संविधान के विरुद्ध पाया जाता है तो उसे रद्द कर सकते हैं, तो इसे न्यायिक पुनर्विलोकन कहते हैं।
अनुच्छेद 13, 32 और 226 इसके प्रमुख आधार हैं।
237. संसद में ‘लोकमत’ (Public Opinion) की क्या भूमिका होती है?
उत्तर:
लोकतंत्र में जनता की राय बहुत महत्वपूर्ण होती है।
सरकार को नीतियां बनाने और उन्हें लागू करने में जनमत का ध्यान रखना पड़ता है।
चुनाव, मीडिया, जन आंदोलनों और याचिकाओं के माध्यम से लोकमत व्यक्त किया जाता है।
238. भारतीय संसद में ‘संविधान की द्वैध प्रकृति’ (Dual Nature of Constitution) क्या है?
उत्तर:
भारत का संविधान लिखित और कठोर (Rigid) होने के साथ–साथ लचीला (Flexible) भी है।
इसमें केंद्र और राज्य दोनों के लिए अलग–अलग शक्तियां निर्धारित की गई हैं।
यह संविधान की संघीय (Federal) और एकात्मक (Unitary) विशेषता को दर्शाता है।
239. संसद में ‘सत्रावसान’ (Prorogation) और ‘स्थगन’ (Adjournment) में क्या अंतर है?
उत्तर:
विषय | सत्रावसान (Prorogation) | स्थगन (Adjournment) |
परिभाषा | संसद के पूरे सत्र को समाप्त करना | एक बैठक को अस्थायी रूप से रोकना |
प्रभाव | नए सत्र की शुरुआत होती है | उसी सत्र में दोबारा बैठक होती है |
कौन करता है? | राष्ट्रपति | लोकसभा अध्यक्ष / राज्यसभा सभापति |
240. संसद में ‘गुप्त बैठक’ (Secret Sitting) कब होती है?
उत्तर:
यदि संसद को किसी संवेदनशील मुद्दे पर गोपनीय चर्चा करनी हो, तो वह गुप्त बैठक बुला सकती है।
ऐसी बैठकों में मीडिया और जनता को प्रवेश नहीं मिलता।
241. भारतीय संसद में ‘संविधान सभा’ (Constituent Assembly) का क्या महत्व था?
उत्तर:
संविधान सभा का गठन 1946 में किया गया था।
इसने भारतीय संविधान का निर्माण किया।
इसके अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद और प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. बी.आर. अंबेडकर थे।
242. संसद में ‘मुद्रास्फीति’ (Inflation) से संबंधित कौन–कौन से विधेयक पास किए जाते हैं?
उत्तर:
वित्त विधेयक (Finance Bill)
मुद्रा और ऋण नियंत्रण कानून (Monetary Policy Act)
बजट और वित्तीय विनियमन अधिनियम
243. संसद में ‘विपक्ष का नेता’ (Leader of Opposition) कौन होता है?
उत्तर:
संसद में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी का नेता जिसे सदन के कम से कम 10% सदस्यों का समर्थन प्राप्त हो।
यह नेता सरकार की नीतियों की आलोचना करता है और वैकल्पिक नीतियों का सुझाव देता है।
244. संसद में ‘ध्यानाकर्षण प्रस्ताव’ (Calling Attention Motion) क्या होता है?
उत्तर:
जब कोई सांसद सरकार का ध्यान किसी महत्वपूर्ण मुद्दे की ओर खींचता है, तो इसे ध्यानाकर्षण प्रस्ताव कहते हैं।
इसमें सरकार को तुरंत जवाब देना पड़ता है।
यह सिर्फ लोकसभा में लागू होता है।
245. संसद में ‘राष्ट्रीय आपातकाल’ (National Emergency) कब लागू किया जा सकता है?
उत्तर:
अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल तब लगाया जाता है जब –
- देश पर युद्ध (War), बाहरी आक्रमण (External Aggression) या सशस्त्र विद्रोह (Armed Rebellion) हो।
- इसे राष्ट्रपति द्वारा घोषित किया जाता है और संसद द्वारा अनुमोदित किया जाता है।
246. संसद में ‘राष्ट्रपति शासन’ (President’s Rule) कब लागू किया जाता है?
उत्तर:
यदि किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र विफल हो जाता है, तो अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लागू किया जाता है।
इसे अधिकतम 6 महीने के लिए लगाया जा सकता है, लेकिन संसद की मंजूरी से इसे 3 साल तक बढ़ाया जा सकता है।
247. संसद में ‘संविधान के प्रस्तावना’ (Preamble) का महत्व क्या है?
उत्तर:
प्रस्तावना संविधान के उद्देश्यों और मूल सिद्धांतों को बताती है।
इसमें समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य जैसे शब्द शामिल हैं।
248. संसद में ‘लोकमत और जनमत संग्रह’ (Public Opinion and Referendum) में क्या अंतर है?
उत्तर:
विषय | लोकमत (Public Opinion) | जनमत संग्रह (Referendum) |
अर्थ | जनता की राय | सरकार द्वारा सीधे जनता से किसी मुद्दे पर राय लेना |
प्रक्रिया | चुनाव, मीडिया, प्रदर्शन के माध्यम से | एक औपचारिक मतदान प्रणाली |
उदाहरण | चुनाव, विरोध प्रदर्शन | 1975 का स्विट्जरलैंड जनमत संग्रह |
249. संसद में ‘महाभियोग प्रस्ताव’ (Impeachment Motion) क्या होता है?
उत्तर:
यदि राष्ट्रपति या किसी उच्च पदाधिकारी के खिलाफ गंभीर अपराध के आरोप लगते हैं, तो संसद महाभियोग प्रस्ताव ला सकती है।
राष्ट्रपति को हटाने की प्रक्रिया अनुच्छेद 61 के तहत होती है।
250. संसद में ‘न्यायिक सक्रियता’ (Judicial Activism) का क्या अर्थ है?
उत्तर:
जब न्यायपालिका सरकार की निष्क्रियता को देखते हुए खुद ही फैसले लेती है, तो इसे न्यायिक सक्रियता कहते हैं।
उदाहरण: वोटर आईडी को अनिवार्य बनाना, पर्यावरण संरक्षण से जुड़े फैसले।
251. संसद में ‘न्यायिक स्वायत्तता’ (Judicial Independence) क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर:
यह सिद्धांत न्यायपालिका को कार्यपालिका और विधायिका से स्वतंत्र रखता है।
न्यायपालिका स्वतंत्र होगी तो वह सरकार के गलत फैसलों पर रोक लगा सकेगी।
252. संसद में ‘वित्त आयोग’ (Finance Commission) का क्या कार्य होता है?
उत्तर:
वित्त आयोग केंद्र और राज्यों के बीच राजस्व वितरण का सुझाव देता है।
इसका गठन हर 5 साल में किया जाता है।
253. भारतीय संसद में ‘संसदीय विशेषाधिकार’ (Parliamentary Privileges) क्या होते हैं?
उत्तर:
संसद और उसके सदस्यों को स्वतंत्र रूप से कार्य करने के लिए कुछ विशेषाधिकार प्राप्त होते हैं।
प्रमुख विशेषाधिकार:
- संसद में बोलने की स्वतंत्रता (Freedom of Speech in Parliament)
- संसदीय कार्यवाही में हस्तक्षेप से संरक्षण (Protection from Legal Action on Parliamentary Speech)
- संसद के भीतर और बाहर गिरफ्तारी से छूट (Exemption from Arrest during Session)
254. भारतीय संसद में ‘अनुपूरक अनुदान’ (Supplementary Grant) क्या होता है?
उत्तर:
यदि किसी वित्तीय वर्ष के दौरान सरकार को अतिरिक्त धन की आवश्यकता होती है, तो वह संसद से अनुपूरक अनुदान मांगती है।
इसे वित्त मंत्री द्वारा लोकसभा में पेश किया जाता है।
255. संसद में ‘केंद्रीय बजट’ (Union Budget) किस अनुच्छेद के तहत प्रस्तुत किया जाता है?
उत्तर:
अनुच्छेद 112 के तहत केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया जाता है।
इसे वित्त मंत्री लोकसभा में पेश करते हैं।
256. संसद में ‘शून्यकाल’ (Zero Hour) क्या होता है?
उत्तर:
यह प्रश्नकाल और भोजनावकाश के बीच का समय होता है।
इसमें सांसद किसी भी तत्काल मुद्दे को उठा सकते हैं।
257. संसद में ‘संयुक्त सत्र’ (Joint Sitting) कब बुलाया जाता है?
उत्तर:
यदि कोई विधेयक लोकसभा और राज्यसभा में अलग–अलग रूप से पारित नहीं हो पाता, तो राष्ट्रपति अनुच्छेद 108 के तहत संयुक्त सत्र बुलाते हैं।
इसकी अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष करते हैं।
258. संसद में ‘लोक लेखा समिति’ (Public Accounts Committee – PAC) का कार्य क्या है?
उत्तर:
यह समिति सरकार के वित्तीय लेखों (Financial Accounts) की जांच करती है।
इसके अध्यक्ष को लोकसभा अध्यक्ष द्वारा नियुक्त किया जाता है।
259. भारतीय संसद में ‘ध्यानाकर्षण प्रस्ताव’ (Calling Attention Motion) और ‘अल्पसूचित प्रश्न’ (Short Notice Question) में क्या अंतर है?
उत्तर:
विषय | ध्यानाकर्षण प्रस्ताव (Calling Attention Motion) | अल्पसूचित प्रश्न (Short Notice Question) |
उद्देश्य | सरकार का ध्यान किसी महत्वपूर्ण मुद्दे की ओर आकर्षित करना | किसी तत्काल मामले पर सरकार से त्वरित उत्तर प्राप्त करना |
उत्तर | मौखिक रूप से दिया जाता है | लिखित उत्तर भी हो सकता है |
प्रयोग | केवल लोकसभा में | लोकसभा और राज्यसभा दोनों में |
260. भारतीय संसद में ‘राष्ट्रपति के नामित सदस्य’ कौन होते हैं?
उत्तर:
राज्यसभा में 12 सदस्य और लोकसभा में 2 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नामित किए जाते हैं।
ये सदस्य कला, विज्ञान, साहित्य और समाज सेवा में विशेष योगदान देने वाले लोग होते हैं।
261. संसद में ‘मुद्रण समिति’ (Press Committee) का कार्य क्या है?
उत्तर:
यह संसद में प्रकाशित होने वाले दस्तावेजों और रिपोर्टों का अवलोकन करती है।
इसका मुख्य कार्य संसदीय प्रकाशनों की निगरानी करना है।
262. भारतीय संसद में ‘अधिनियम’ (Act) और ‘विधेयक’ (Bill) में क्या अंतर है?
उत्तर:
विषय | विधेयक (Bill) | अधिनियम (Act) |
परिभाषा | एक प्रस्तावित कानून | संसद द्वारा पारित और लागू किया गया कानून |
स्थिति | चर्चा और संशोधन के अधीन | लागू और बाध्यकारी |
263. संसद में ‘मौद्रिक नीति समिति’ (Monetary Policy Committee – MPC) का कार्य क्या होता है?
उत्तर:
यह समिति मुद्रास्फीति नियंत्रण और ब्याज दरें निर्धारित करने का कार्य करती है।
इसमें RBI के गवर्नर अध्यक्ष होते हैं।
264. संसद में ‘केंद्र–राज्य संबंध’ (Centre-State Relations) कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
विधायी संबंध (Legislative Relations) – अनुच्छेद 245-255
कार्यकारी संबंध (Executive Relations) – अनुच्छेद 256-263
वित्तीय संबंध (Financial Relations) – अनुच्छेद 268-293
265. संसद में ‘लोक नीति’ (Public Policy) का क्या अर्थ है?
उत्तर:
सरकार द्वारा लोगों के कल्याण के लिए बनाई गई योजनाओं और कानूनों को लोक नीति कहते हैं।
उदाहरण: स्वच्छ भारत अभियान, उज्ज्वला योजना।
266. संसद में ‘संविधान संशोधन विधेयक’ (Constitution Amendment Bill) कैसे पारित होता है?
उत्तर:
इसे अनुच्छेद 368 के तहत पारित किया जाता है।
इसके लिए विशेष बहुमत की आवश्यकता होती है।
267. संसद में ‘न्यायिक पुनर्विलोकन’ (Judicial Review) की सीमाएं क्या हैं?
उत्तर:
न्यायपालिका केवल उन्हीं मामलों की समीक्षा कर सकती है जो संविधान के विरुद्ध जाते हैं।
संसद के नीति निर्माण और राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती।
268. भारतीय संसद में ‘कार्य मंत्रणा समिति’ (Business Advisory Committee) के सदस्य कौन होते हैं?
उत्तर:
लोकसभा में इसका अध्यक्ष लोकसभा अध्यक्ष होता है।
इसमें सभी दलों के नेता और वरिष्ठ सांसद शामिल होते हैं।
269. भारतीय संसद में ‘लोक अदालत’ (People’s Court) का क्या महत्व है?
उत्तर:
लोक अदालत एक वैकल्पिक न्याय प्रणाली है।
यह मामलों को तेजी से और कम खर्च में निपटाने में मदद करती है।
270. संसद में ‘सार्वजनिक हित याचिका’ (Public Interest Litigation – PIL) किस अनुच्छेद के तहत दायर की जाती है?
उत्तर:
यह अनुच्छेद 32 (सुप्रीम कोर्ट) और अनुच्छेद 226 (हाई कोर्ट) के तहत दायर की जा सकती है।
इसमें कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक हित में न्यायालय में याचिका दायर कर सकता है।
271. संसद में ‘संवैधानिक निकाय’ (Constitutional Bodies) और ‘गैर–संवैधानिक निकाय’ (Non-Constitutional Bodies) में क्या अंतर है?
उत्तर:
विषय | संवैधानिक निकाय | गैर–संवैधानिक निकाय |
गठन | संविधान के तहत | संसद या सरकार द्वारा |
उदाहरण | चुनाव आयोग, UPSC | नीति आयोग, NHRC |
272. संसद में ‘लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण’ (Democratic Decentralization) का क्या अर्थ है?
उत्तर:
इसमें सत्ता को केंद्र से राज्यों और स्थानीय निकायों तक हस्तांतरित किया जाता है।
73वां और 74वां संविधान संशोधन इसके प्रमुख उदाहरण हैं।
273. संसद में ‘नीति आयोग’ (NITI Aayog) की भूमिका क्या है?
उत्तर:
यह योजनाओं और विकास कार्यों की नीति निर्माण करता है।
इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं।
274. संसद में ‘भारत के महालेखा परीक्षक’ (CAG) का क्या कार्य होता है?
उत्तर:
यह सरकारी खातों की ऑडिटिंग करता है।
इसे अनुच्छेद 148-151 के तहत स्थापित किया गया है।
275. संसद में ‘आर्थिक सर्वेक्षण’ (Economic Survey) कब प्रकाशित किया जाता है?
उत्तर:
यह बजट से एक दिन पहले वित्त मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत किया जाता है।
यह भारतीय अर्थव्यवस्था की वार्षिक रिपोर्ट होती है।
276. संसद में ‘वित्त विधेयक’ (Money Bill) और ‘आम विधेयक’ (Ordinary Bill) में क्या अंतर है?
उत्तर:
विषय | वित्त विधेयक (Money Bill) | आम विधेयक (Ordinary Bill) |
परिभाषा | केवल धन से संबंधित विधेयक | किसी भी विषय से संबंधित विधेयक |
अनुच्छेद | अनुच्छेद 110 | अनुच्छेद 107 |
प्रस्तुतिकरण | केवल लोकसभा में | लोकसभा या राज्यसभा में |
राज्यसभा की भूमिका | केवल सिफारिश कर सकती है | संशोधन कर सकती है |
राष्ट्रपति की सहमति | अनिवार्य | अनिवार्य नहीं |
277. भारतीय संसद में ‘राष्ट्रपति के अभिभाषण’ (President’s Address) का क्या महत्व है?
उत्तर:
यह संसद के प्रत्येक सत्र की शुरुआत में दिया जाता है।
इसमें सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों की घोषणा की जाती है।
278. संसद में ‘अस्तित्वहीन प्रस्ताव’ (No-Day-Yet-Named Motion) क्या होता है?
उत्तर:
यह ऐसा प्रस्ताव होता है, जिसे संसद में चर्चा के लिए कोई निश्चित दिन तय नहीं किया गया होता।
279. संसद में ‘स्थायी समिति’ (Standing Committee) और ‘विशेष समिति’ (Ad Hoc Committee) में क्या अंतर है?
उत्तर:
विषय | स्थायी समिति | विशेष समिति |
गठन | स्थायी रूप से बनी रहती है | विशेष कार्य के लिए बनाई जाती है |
उदाहरण | लोक लेखा समिति (PAC), प्राक्कलन समिति | संयुक्त संसदीय समिति (JPC) |
280. संसद में ‘राष्ट्रीय विकास परिषद’ (National Development Council – NDC) का कार्य क्या है?
उत्तर:
यह देश की आर्थिक नीतियों की समीक्षा करता है।
इसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं।
281. संसद में ‘विधायी कार्यवाही’ (Legislative Procedure) कितने चरणों में होती है?
उत्तर:
- प्रथम पठन (First Reading) – विधेयक को पेश किया जाता है।
- द्वितीय पठन (Second Reading) – चर्चा और संशोधन किए जाते हैं।
- तृतीय पठन (Third Reading) – अंतिम मंजूरी दी जाती है।
- राष्ट्रपति की सहमति – विधेयक कानून बन जाता है।
282. संसद में ‘अनुशासन समिति’ (Committee on Discipline) का कार्य क्या है?
उत्तर:
यह सांसदों के आचरण और अनुशासन की निगरानी करती है।
283. भारतीय संसद में ‘महत्वपूर्ण संसदीय शब्दावलियाँ’ कौन–कौन सी हैं?
उत्तर:
शब्द | अर्थ |
अविश्वास प्रस्ताव | सरकार को हटाने के लिए प्रस्ताव |
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव | सरकार का ध्यान किसी मुद्दे पर आकर्षित करना |
स्थगन प्रस्ताव | किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर संसद की कार्यवाही रोकना |
प्रश्नकाल | सांसदों द्वारा सरकार से सवाल पूछने का समय |
शून्यकाल | प्रश्नकाल के बाद उठाए गए मुद्दों की चर्चा का समय |
284. भारतीय संसद में ‘न्यायिक सक्रियता’ (Judicial Activism) का क्या अर्थ है?
उत्तर:
जब न्यायपालिका सरकार के नीतिगत मामलों में हस्तक्षेप करती है और निर्देश जारी करती है, तो इसे न्यायिक सक्रियता कहते हैं।
उदाहरण: विशाखा बनाम राजस्थान मामला (1997), आधार कार्ड का कानूनी मान्यता (2018)।
285. संसद में ‘संविधान सभा’ (Constituent Assembly) का क्या कार्य था?
उत्तर:
यह संविधान निर्माण के लिए गठित एक विशेष सभा थी।
इसका अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे।
26 नवंबर 1949 को संविधान अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ।
286. संसद में ‘गुप्त मतदान’ (Secret Ballot) कब किया जाता है?
उत्तर:
जब किसी मुद्दे पर सांसदों की स्वतंत्र राय जानने के लिए गुप्त रूप से मतदान कराया जाता है।
उदाहरण: राष्ट्रपति चुनाव, उपराष्ट्रपति चुनाव।
287. भारतीय संसद में ‘प्रतिबंधित क्षेत्र’ (Restricted Area) क्या होता है?
उत्तर:
संसद परिसर में कुछ क्षेत्र जहां आम जनता और गैर-अधिकृत व्यक्तियों का प्रवेश निषिद्ध होता है।
उदाहरण: संसद भवन का केंद्रीय कक्ष (Central Hall)।
288. भारतीय संसद में ‘मत विभाजन’ (Division of Vote) कितने प्रकार का होता है?
उत्तर:
- वॉयस वोट (Voice Vote) – सांसदों की आवाज के आधार पर मतदान।
- गणना मत (Counting of Votes) – सांसदों को गिनकर निर्णय लिया जाता है।
- इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग (Electronic Voting) – इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली से मतदान।
289. भारतीय संसद में ‘अनुशासनात्मक कार्रवाई’ (Disciplinary Action) कब की जाती है?
उत्तर:
यदि कोई सांसद संसद की गरिमा भंग करता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
इसके तहत सदस्य को सदन से निलंबित किया जा सकता है।
290. संसद में ‘आयोगों’ (Commissions) का क्या कार्य होता है?
उत्तर:
विभिन्न आयोगों का कार्य नीति निर्माण, सुझाव देना और निगरानी करना होता है।
उदाहरण: वित्त आयोग, चुनाव आयोग, मानवाधिकार आयोग।
291. भारतीय संसद में ‘वित्त आयोग’ (Finance Commission) की भूमिका क्या है?
उत्तर:
यह राज्यों और केंद्र के बीच वित्तीय संसाधनों के बंटवारे की सिफारिश करता है।
इसे हर 5 साल में राष्ट्रपति द्वारा गठित किया जाता है।
292. भारतीय संसद में ‘राज्यपाल के विशेषाधिकार’ (Governor’s Special Powers) क्या होते हैं?
उत्तर:
- राज्यपाल को राज्य विधानसभा के सत्र बुलाने, अध्यादेश जारी करने और विधेयकों पर हस्ताक्षर करने का अधिकार होता है।
293. संसद में ‘मूल अधिकार’ (Fundamental Rights) और ‘मौलिक कर्तव्य’ (Fundamental Duties) में क्या अंतर है?
उत्तर:
विषय | मूल अधिकार | मौलिक कर्तव्य |
परिभाषा | नागरिकों को दिए गए संवैधानिक अधिकार | नागरिकों के लिए अनिवार्य कर्तव्य |
अनुच्छेद | अनुच्छेद 12-35 | अनुच्छेद 51A |
उदाहरण | अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शिक्षा का अधिकार | राष्ट्रगान का सम्मान, कर का भुगतान |
294. भारतीय संसद में ‘नीति निर्देशक तत्व’ (DPSP) का क्या महत्व है?
उत्तर:
ये सरकार को लोक कल्याणकारी नीतियाँ बनाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
ये संविधान के भाग 4 में शामिल हैं।
295. भारतीय संसद में ‘मिश्रित अर्थव्यवस्था’ (Mixed Economy) का क्या अर्थ है?
उत्तर:
यह सरकारी और निजी क्षेत्र दोनों की भागीदारी वाली अर्थव्यवस्था होती है।
भारत एक मिश्रित अर्थव्यवस्था है।
296. भारतीय संसद में ‘संसदीय लोकतंत्र’ (Parliamentary Democracy) का क्या अर्थ है?
उत्तर:
इसमें सरकार संसद के प्रति जवाबदेह होती है।
प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद राष्ट्रपति को सलाह देते हैं।
297. भारतीय संसद में ‘लोकसभा अध्यक्ष’ (Speaker of Lok Sabha) की भूमिका क्या होती है?
उत्तर:
लोकसभा अध्यक्ष संसद की कार्यवाही को सुनिश्चित और नियंत्रित करते हैं।
वे लोकसभा के अनुशासन और नियमों को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
जरूरत पड़ने पर निर्णायक वोट (Casting Vote) डाल सकते हैं।
298. संसद में ‘प्रश्नकाल’ (Question Hour) और ‘शून्यकाल’ (Zero Hour) में क्या अंतर है?
उत्तर:
विषय | प्रश्नकाल | शून्यकाल |
समय | सत्र के पहले घंटे में | प्रश्नकाल के बाद |
उद्देश्य | सरकार से सवाल पूछने के लिए | महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने के लिए |
प्रकार | तारांकित, अतारांकित और अल्पसूचित प्रश्न | कोई निश्चित प्रारूप नहीं |
299. संसद में ‘संसदीय विशेषाधिकार’ (Parliamentary Privileges) क्या होते हैं?
उत्तर:
संसद और सांसदों को उनके कार्यों के लिए विशेष अधिकार दिए जाते हैं।
उदाहरण:
भाषण की स्वतंत्रता – संसद में बोले गए शब्दों के लिए कानूनी कार्रवाई नहीं होती।
गिरफ्तारी से छूट – संसद सत्र के दौरान बिना अनुमति गिरफ्तारी नहीं हो सकती।
300. भारतीय संसद में ‘संयुक्त सत्र’ (Joint Session) कब बुलाया जाता है?
उत्तर:
जब लोकसभा और राज्यसभा किसी विधेयक पर मतभेद दूर नहीं कर पाते।
इसे अनुच्छेद 108 के तहत राष्ट्रपति द्वारा बुलाया जाता है।
अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष करते हैं।
उदाहरण: बैंकिंग सेवा आयोग विधेयक (1968) पर संयुक्त सत्र हुआ था।
301. संसद में ‘अल्पसंख्यक सरकार’ (Minority Government) क्या होती है?
उत्तर:
जब सत्ताधारी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता, लेकिन वह अन्य दलों के समर्थन से सरकार चलाता है।
उदाहरण: 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी की 13 दिन की सरकार।
302. भारतीय संसद में ‘प्रतिनिधित्व की आनुपातिक पद्धति’ (Proportional Representation) का क्या अर्थ है?
उत्तर:
यह एक मतदान प्रणाली है जिसमें सीटों का आवंटन वोट प्रतिशत के आधार पर होता है।
राष्ट्रपति और राज्यसभा के चुनाव इसी प्रणाली से होते हैं।
303. भारतीय संसद में ‘विधानसभा’ और ‘विधान परिषद’ में क्या अंतर है?
उत्तर:
विषय | विधानसभा | विधान परिषद |
सदस्य संख्या | 60-500 | 1/3 विधानसभा सदस्यों के बराबर |
चुनाव | प्रत्यक्ष चुनाव | अप्रत्यक्ष चुनाव |
अस्तित्व | सभी राज्यों में | कुछ राज्यों में (जैसे, बिहार, उत्तर प्रदेश) |
304. संसद में ‘अवमानना’ (Contempt of Parliament) का क्या अर्थ है?
उत्तर:
जब कोई व्यक्ति संसद या उसकी कार्यवाही का अनादर करता है, तो इसे संसद की अवमानना कहते हैं।
सजा: दोषी व्यक्ति को संसद से निष्कासित या दंडित किया जा सकता है।
305. भारतीय संसद में ‘आवश्यक विधेयक’ (Essential Bill) क्या होता है?
उत्तर:
यह ऐसा विधेयक होता है जो सरकार की नीतियों को लागू करने के लिए आवश्यक होता है।
उदाहरण: आधार अधिनियम (2016), वस्तु एवं सेवा कर (GST) अधिनियम (2017)।
306. संसद में ‘हंगामा’ (Disruption) होने पर क्या होता है?
उत्तर:
संसद की कार्यवाही स्थगित की जा सकती है।
दोषी सांसद को निलंबित किया जा सकता है।
307. भारतीय संसद में ‘द्रुत विधायी प्रक्रिया’ (Fast-Track Legislation) कब अपनाई जाती है?
उत्तर:
जब किसी विधेयक को जल्दी पास करना आवश्यक हो।
उदाहरण: अनुच्छेद 370 हटाने से जुड़ा विधेयक (2019)।
308. भारतीय संसद में ‘लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम’ क्या है?
उत्तर:
यह 2013 में पारित एक कानून है जो भ्रष्टाचार को रोकने के लिए बना।
लोकपाल केंद्र सरकार के खिलाफ जांच करता है।
लोकायुक्त राज्य सरकारों के खिलाफ जांच करता है।
309. संसद में ‘संसदीय समिति’ (Parliamentary Committee) कितने प्रकार की होती हैं?
उत्तर:
- वित्तीय समिति (Financial Committees) – लोक लेखा समिति (PAC)
- विधायी समिति (Legislative Committees) – विधेयकों की समीक्षा करती हैं।
- अनुसंधान समिति (Inquiry Committees) – किसी विशेष मामले की जांच करती हैं।
310. संसद में ‘अनुच्छेद 356’ (राष्ट्रपति शासन) कब लागू किया जाता है?
उत्तर:
जब किसी राज्य में संवैधानिक संकट उत्पन्न होता है।
इसे राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर राष्ट्रपति लागू कर सकते हैं।
311. भारतीय संसद में ‘कब्जा विधेयक’ (Guillotine Bill) क्या होता है?
उत्तर:
यह ऐसा विधेयक है जिसे बिना पूरी चर्चा के पारित किया जाता है।
इसे संसद का समय बचाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
312. भारतीय संसद में ‘न्यायिक समीक्षा’ (Judicial Review) क्या है?
उत्तर:
जब न्यायपालिका किसी विधेयक को असंवैधानिक घोषित कर सकती है।
उदाहरण: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य मामला (1973)।
313. संसद में ‘लोकनीति’ (Public Policy) और ‘निजी नीति’ (Private Policy) में क्या अंतर है?
उत्तर:
विषय | लोकनीति | निजी नीति |
उद्देश्य | जनता के कल्याण के लिए | निजी संस्थाओं के लिए |
उदाहरण | शिक्षा नीति, स्वास्थ्य नीति | कंपनी की व्यावसायिक रणनीति |
314. भारतीय संसद में ‘संविधान संशोधन प्रक्रिया’ (Constitution Amendment Process) कितनी होती हैं?
उत्तर:
- सरल बहुमत से – जैसे राज्यों के पुनर्गठन।
- विशेष बहुमत से – जैसे मौलिक अधिकारों में संशोधन।
- विशेष बहुमत + राज्य की सहमति से – जैसे संघीय ढांचे में परिवर्तन।
315. भारतीय संसद में ‘मौलिक अधिकारों की रक्षा’ कौन करता है?
उत्तर:
न्यायपालिका (Supreme Court और High Court) मौलिक अधिकारों की रक्षा करती है।
अनुच्छेद 32 और 226 के तहत लोग कोर्ट में जा सकते हैं।
316. भारतीय संसद में ‘लोकसभा सचिवालय’ (Lok Sabha Secretariat) क्या कार्य करता है?
उत्तर:
यह लोकसभा की सभी प्रशासनिक गतिविधियों को नियंत्रित करता है।
इसका प्रमुख लोकसभा महासचिव (Secretary-General of Lok Sabha) होता है।
317. भारतीय संसद में ‘चुनाव प्रक्रिया’ (Election Process) कैसे होती है?
उत्तर:
लोकसभा चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होते हैं।
राज्यसभा चुनाव अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली से होते हैं।
राष्ट्रपति चुनाव एकल संक्रमणीय मत पद्धति से होता है।
Excellent