मुद्रा और भारत में बैंकिंग का इतिहास – PSU परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उत्तर

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भारत में मुद्रा और बैंकिंग प्रणाली का इतिहास अत्यंत प्राचीन और समृद्ध है। यह प्रणाली समय के साथ विकसित होती रही है और आज भारत की अर्थव्यवस्था में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। प्राचीन काल से लेकर वर्तमान डिजिटल बैंकिंग तक, भारतीय बैंकिंग प्रणाली ने कई परिवर्तनों का सामना किया है।

प्राचीन भारत में मुद्रा और बैंकिंग

प्राचीन भारत में वस्तु विनिमय प्रणाली प्रचलित थी, लेकिन समय के साथ धातु मुद्रा (सोने, चांदी, तांबे) का उपयोग शुरू हुआ। वैदिक काल में व्यापार और विनिमय की प्रक्रियाएँ सुव्यवस्थित थीं।

महाजन और साहूकार प्रणाली

प्राचीन काल में व्यापार और धन विनिमय के लिए साहूकार एवं महाजन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। वे धन उधार देने, लेन-देन करने और व्यापारिक गतिविधियों को सुगम बनाने का कार्य करते थे। महाजन व्यापारियों को ऋण प्रदान करते थे और साहूकार ब्याज पर धन देते थे।

मुद्राएँ

मौर्य और गुप्त काल में विभिन्न प्रकार की मुद्राएँ प्रचलित थीं, जो शासकों द्वारा जारी की जाती थीं। तांबे, चांदी, और सोने की मुद्राओं का प्रचलन व्यापक रूप से देखा गया। मौर्यकाल में ‘पण’ और ‘कार्षापण’ नामक सिक्के प्रचलित थे, जबकि गुप्त काल में स्वर्ण मुद्राओं का विशेष रूप से प्रयोग किया गया।

हुण्डी प्रणाली

हुण्डी प्रणाली एक प्रकार की प्राचीन बैंकिंग व्यवस्था थी, जिसमें व्यापारी और साहूकार अपने धन का सुरक्षित और सुविधाजनक लेन-देन कर सकते थे। यह प्रणाली आधुनिक बैंकिंग में चेक और ड्राफ्ट जैसी सेवाओं के समान थी।

मध्यकालीन भारत में बैंकिंग

मध्यकाल में बैंकिंग प्रणाली अधिक संगठित हुई। व्यापार और धन विनिमय के लिए “हुण्डी” जैसी प्रणाली विकसित हुई। मुगल काल में व्यापारियों और साहूकारों द्वारा बैंकिंग गतिविधियाँ संचालित की जाती थीं। मुगल प्रशासन के तहत विभिन्न व्यापारिक समूह और समुदाय बैंकिंग और वित्तीय सेवाएँ प्रदान करते थे।

प्रमुख बैंकिंग संस्थान

मध्यकाल में व्यापारिक समुदायों, विशेष रूप से मारवाड़ी, गुजराती और चेट्टी साहूकारों ने बैंकिंग व्यवस्था को विकसित किया। वे व्यापारिक मार्गों पर वित्तीय सहायता प्रदान करते थे। उस समय के प्रमुख वित्तीय केंद्रों में दिल्ली, आगरा, अहमदाबाद और बनारस शामिल थे।

हुण्डी और सर्राफा प्रणाली

हुण्डी प्रणाली का विस्तार मुगलकाल में हुआ, जिससे व्यापारियों को दूरस्थ व्यापारिक केंद्रों पर धन हस्तांतरित करने में सुविधा मिली। सर्राफा व्यापारियों ने वित्तीय लेन-देन और मुद्रा विनिमय की जिम्मेदारी संभाली।

राजकीय बैंकिंग

कुछ शासकों ने अपने प्रशासन में बैंकिंग प्रणाली को शामिल किया। उदाहरण के लिए, शेरशाह सूरी ने मुद्रा प्रणाली को सुदृढ़ किया और सुव्यवस्थित सिक्का प्रणाली लागू की, जिससे व्यापार को बढ़ावा मिला।

आधुनिक भारत में बैंकिंग का विकास

ब्रिटिश शासनकाल में बैंकिंग प्रणाली

ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में बैंकिंग प्रणाली को औपचारिक रूप मिला और आधुनिक बैंकिंग की नींव रखी गई।

प्रारंभिक बैंकिंग प्रयास

ब्रिटिश शासन से पहले भारत में बैंकिंग प्रणाली अव्यवस्थित थी, लेकिन ईस्ट इंडिया कंपनी के आगमन के साथ बैंकिंग का व्यवस्थित विकास शुरू हुआ।

प्रमुख बैंक और उनकी स्थापना

  1. बैंक ऑफ हिंदुस्तान (1770) – भारत का पहला बैंक, जिसे अलेक्जेंडर एंड कंपनी ने स्थापित किया। यह 1832 में बंद हो गया।
  2. बंगाल बैंक (1806) – 1921 में इसे बॉम्बे बैंक और मद्रास बैंक के साथ मिलाकर “इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया” बनाया गया।
  3. इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया (1921) – बाद में इसे 1955 में भारतीय स्टेट बैंक में परिवर्तित किया गया।
  4. रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (1935) – यह भारत की मौद्रिक नीति का संचालन करता है और भारतीय बैंकिंग प्रणाली की आधारशिला है।

ब्रिटिश शासन के दौरान बैंकिंग सुधार

  1. व्यापारिक बैंकों की स्थापना – ब्रिटिश व्यापारियों ने अपने हितों की सुरक्षा के लिए कई बैंक स्थापित किए।
  2. भारतीय बैंकों का उदय – 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में भारतीय उद्यमियों ने भी बैंक स्थापित किए, जैसे कि पंजाब नेशनल बैंक (1894) और बैंक ऑफ इंडिया (1906)
  3. कोऑपरेटिव बैंकिंग का प्रारंभ – 1904 में सहकारी क्रेडिट सोसायटी अधिनियम लागू किया गया, जिससे सहकारी बैंकिंग प्रणाली की शुरुआत हुई।
  4. बैंकिंग विनियमन – 1934 में भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम पारित किया गया, जिसके तहत 1935 में आरबीआई की स्थापना हुई।

ब्रिटिश काल में बैंकिंग प्रणाली की विशेषताएँ

बैंकिंग प्रणाली का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश व्यापारियों और सरकार की आर्थिक आवश्यकताओं को पूरा करना था।

भारतीय किसानों और छोटे व्यापारियों को बैंकिंग सेवाओं से वंचित रखा गया।

केवल कुछ भारतीय बैंक अस्तित्व में आए, जिनका उद्देश्य भारतीय व्यापारियों को वित्तीय सहायता देना था।

बैंकिंग प्रणाली शहरी केंद्रों तक सीमित थी और ग्रामीण क्षेत्रों की उपेक्षा की गई।

स्वतंत्र भारत में बैंकिंग सुधार

3. डिजिटल और ऑनलाइन बैंकिंग

21वीं सदी में डिजिटल बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिंग का तेजी से विकास हुआ।

मुख्य डिजिटल बैंकिंग सेवाएँ

  1. यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) – एकीकृत भुगतान प्रणाली जो मोबाइल ऐप के माध्यम से तत्काल बैंकिंग लेनदेन की सुविधा प्रदान करती है।
  2. मोबाइल बैंकिंग – बैंकिंग सेवाओं को मोबाइल ऐप के माध्यम से सुगम और त्वरित बनाया गया।
  3. इंटरनेट बैंकिंग – उपभोक्ताओं को ऑनलाइन बैंकिंग सेवाओं जैसे फंड ट्रांसफर, बिल भुगतान, और खाता प्रबंधन की सुविधा दी गई।
  4. QR कोड और वॉलेट पेमेंट – पेटीएम, फोनपे, गूगल पे जैसे मोबाइल वॉलेट्स का उपयोग बढ़ा।
  5. आधार आधारित भुगतान प्रणाली – आधार लिंक्ड बैंक खातों के माध्यम से भुगतान और सरकारी सब्सिडी हस्तांतरण को आसान बनाया गया।
  6. निओ बैंकिंग – बिना फिजिकल ब्रांच के डिजिटल बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करने वाले बैंक उभरकर आए।

डिजिटल बैंकिंग के लाभ

त्वरित और सुविधाजनक बैंकिंग सेवाएँ।

कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा।

धोखाधड़ी और वित्तीय अपराधों में कमी।

ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों तक बैंकिंग सेवाओं की पहुँच।

निष्कर्ष

भारत की बैंकिंग प्रणाली ने प्राचीन काल से अब तक एक लंबा सफर तय किया है। यह अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है और भविष्य में डिजिटल क्रांति के साथ और अधिक सशक्त होगी।

2014 के बाद बैंक विलय

2014 के बाद, भारतीय बैंकिंग प्रणाली को मजबूत करने और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए कई बैंकों का विलय किया गया। इस विलय का मुख्य उद्देश्य कमजोर बैंकों को मजबूत बैंकों के साथ मिलाकर उनकी पूंजी स्थिति को सुदृढ़ करना और कार्यक्षमता बढ़ाना था। प्रमुख विलय निम्नलिखित हैं:

वर्षविलय हुआ बैंकविलय के बाद बैंक
2017स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद और भारतीय महिला बैंकस्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)
2019देना बैंक, विजया बैंकबैंक ऑफ बड़ौदा
2020इलाहाबाद बैंकभारतीय बैंक
2020ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडियापंजाब नेशनल बैंक (PNB)
2020सिंडिकेट बैंककेनरा बैंक
2020आंध्रा बैंक, कॉर्पोरेशन बैंकयूनियन बैंक ऑफ इंडिया

बैंक विलय के लाभ:

  1. मजबूत बैंकिंग संस्थान: विलय के बाद बैंकों की वित्तीय स्थिति मजबूत हुई और वे अधिक प्रतिस्पर्धी बने।
  2. बेहतर ग्राहक सेवा: डिजिटल बैंकिंग और एकीकृत शाखाओं के माध्यम से ग्राहकों को बेहतर सेवाएँ प्राप्त हुईं।
  3. लागत में कमी: प्रशासनिक लागत और परिचालन खर्चों में कमी आई।
  4. क्रेडिट वितरण में सुधार: बड़ी इकाइयों के रूप में उभरने से बैंकों की उधारी क्षमता बढ़ी।
  5. डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा: एकीकृत टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म्स के जरिए ग्राहकों को बेहतर डिजिटल सेवाएँ प्राप्त हुईं।

इस बैंकिंग समेकन का उद्देश्य बैंकों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाना, पूंजी आधार को मजबूत करना और अर्थव्यवस्था को समर्थन देना था। यह प्रक्रिया आगे भी जारी रह सकती है, जिससे भारतीय बैंकिंग प्रणाली अधिक कुशल और स्थिर बनेगी।

मुद्रा और भारत में बैंकिंग का इतिहास – PSU परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर

भाग 1: मुद्रा (CURRENCY)

प्रश्न 1: मुद्रा क्या है, और इसकी मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर: मुद्रा वह माध्यम है जिसका उपयोग वस्तुओं और सेवाओं के विनिमय के लिए किया जाता है। इसकी मुख्य विशेषताएँ हैं – स्वीकार्यता, पोर्टेबिलिटी, स्थायित्व, विभाज्यता, और मूल्य का मानक होना।

प्रश्न 2: भारत में वर्तमान में प्रचलित मुद्रा कौन सी है, और इसे कौन जारी करता है?
उत्तर: भारत में वर्तमान में भारतीय रुपया (₹) प्रचलित है। इसे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) जारी करता है, जबकि 1 रुपये के नोट और सिक्के भारत सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं।

प्रश्न 3: फिएट मनी (Fiat Money) और कमोडिटी मनी (Commodity Money) में क्या अंतर है?
उत्तर:

फिएट मनी वह मुद्रा होती है जिसकी कोई आंतरिक मूल्य नहीं होता लेकिन सरकार द्वारा इसे वैध मुद्रा घोषित किया जाता है, जैसे भारतीय रुपया।

कमोडिटी मनी का अपना आंतरिक मूल्य होता है, जैसे सोने या चांदी के सिक्के।

प्रश्न 4: भारत में डिजिटल मुद्रा (CBDC) क्या है?
उत्तर: भारतीय रिज़र्व बैंक ने डिजिटल रुपया (e₹) के रूप में केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) जारी की है। यह ब्लॉकचेन और डिजिटल तकनीक पर आधारित होती है और इसे भौतिक मुद्रा के डिजिटल रूप में प्रयोग किया जाता है।

भाग 2: भारत में बैंकिंग का इतिहास

प्रश्न 5: भारत में आधुनिक बैंकिंग प्रणाली की शुरुआत कब हुई?
उत्तर: भारत में आधुनिक बैंकिंग प्रणाली की शुरुआत 1770 में हुई, जब हिंदुस्तान बैंक की स्थापना की गई। बाद में, 1806 में बैंक ऑफ कलकत्ता की स्थापना हुई, जो बाद में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का हिस्सा बना।

प्रश्न 6: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की स्थापना कब हुई, और इसका मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर:

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को हुई थी।

इसका मुख्य उद्देश्य मुद्रा का नियमन, बैंकिंग व्यवस्था का पर्यवेक्षण, मौद्रिक नीति का क्रियान्वयन, और वित्तीय स्थिरता बनाए रखना है।

प्रश्न 7: बैंक राष्ट्रीयकरण क्या था, और यह कब हुआ?
उत्तर: 1969 और 1980 में भारत सरकार ने क्रमशः 14 और 6 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया। इसका उद्देश्य बैंकिंग सेवाओं को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँचाना और आर्थिक विकास को समर्थन देना था।

प्रश्न 8: प्राथमिकता क्षेत्र उधार (Priority Sector Lending – PSL) क्या है?
उत्तर: RBI द्वारा निर्देशित एक नीति जिसके तहत बैंकों को कृषि, लघु उद्योग, शिक्षा, निर्यात, आवास और कमजोर वर्गों के लिए न्यूनतम ऋण देना अनिवार्य होता है।

प्रश्न 9: भुगतान बैंक (Payment Banks) क्या हैं?
उत्तर: भुगतान बैंक ऐसे बैंक होते हैं जो छोटे बचत खाते खोल सकते हैं, डिजिटल भुगतान की सुविधा देते हैं, लेकिन ऋण नहीं दे सकते। भारत में Airtel Payments Bank, India Post Payments Bank, Paytm Payments Bank आदि प्रमुख भुगतान बैंक हैं।

प्रश्न 10: भारत में वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) से क्या आशय है?
उत्तर: वित्तीय समावेशन का अर्थ सभी वर्गों, विशेष रूप से गरीब और कमजोर वर्गों तक बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित करना है। इसके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) जैसी योजनाएँ चलाई हैं।

भाग 3: आधुनिक बैंकिंग और वित्तीय सुधार

प्रश्न 11: NPA (Non-Performing Asset) क्या होता है?
उत्तर: NPA (ग़ैर-निष्पादित परिसंपत्ति) वह ऋण होता है जिसका भुगतान 90 दिनों से अधिक समय तक नहीं किया गया हो। इसे बैंकों के लिए वित्तीय जोखिम माना जाता है।

प्रश्न 12: UPI (Unified Payments Interface) क्या है, और इसे किसने विकसित किया?
उत्तर: UPI एक डिजिटल भुगतान प्रणाली है, जो National Payments Corporation of India (NPCI) द्वारा विकसित की गई है। यह विभिन्न बैंकों के खातों के बीच तत्काल फंड ट्रांसफर की सुविधा देता है।

प्रश्न 13: BASEL मानदंड क्या हैं?
उत्तर: BASEL मानदंड अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग विनियमन के लिए दिशानिर्देश हैं, जो बैंकों की पूंजी पर्याप्तता, जोखिम प्रबंधन और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करते हैं।

प्रश्न 14: बैंकिंग सेक्टर में विलय (Merger) से क्या लाभ होते हैं?
उत्तर: बैंकिंग सेक्टर में विलय से पूंजीकरण में वृद्धि, परिचालन लागत में कमी, प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि, और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होता है।

प्रश्न 15: भारत में वर्तमान में कितने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSBs) हैं?
उत्तर: भारत में 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSBs) कार्यरत हैं, जिनमें प्रमुख हैं – SBI, PNB, Bank of Baroda, Canara Bank, Union Bank of India आदि।

भाग 4: मुद्रा से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न 16: मुद्रा के प्रकार कितने होते हैं?
उत्तर: मुद्रा मुख्य रूप से निम्नलिखित प्रकार की होती है:

  1. धातु मुद्रा (Metallic Money) – सोने, चांदी, तांबे के सिक्के।
  2. कागजी मुद्रा (Paper Money) – सरकार या केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए नोट।
  3. क्रेडिट मुद्रा (Credit Money) – बैंक द्वारा जारी चेक, डिमांड ड्राफ्ट आदि।
  4. डिजिटल मुद्रा (Digital Money) – UPI, डिजिटल वॉलेट, क्रिप्टोकरेंसी आदि।

प्रश्न 17: कागजी मुद्रा और प्लास्टिक मुद्रा में क्या अंतर है?
उत्तर:

कागजी मुद्रा – भौतिक रूप में मुद्रित नोट, जैसे ₹10, ₹50, ₹2000 के नोट।

प्लास्टिक मुद्रा – डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, प्रीपेड कार्ड आदि जो डिजिटल भुगतान में मदद करते हैं।

प्रश्न 18: मुद्रा स्फीति (Inflation) क्या होती है?
उत्तर: मुद्रा स्फीति वह स्थिति होती है जब वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें बढ़ जाती हैं और मुद्रा की क्रय शक्ति घट जाती है।

प्रश्न 19: भारत में पहली कागजी मुद्रा कब जारी की गई थी?
उत्तर: भारत में पहली कागजी मुद्रा 1861 में ब्रिटिश सरकार द्वारा जारी की गई थी।

प्रश्न 20: भारत में सिक्कों का निर्माण कहाँ होता है?
उत्तर: भारत में सिक्कों का निर्माण चार टकसालों में होता है –

  1. मुंबई
  2. कोलकाता
  3. हैदराबाद
  4. नोएडा

भाग 5: भारत में बैंकिंग प्रणाली के महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न 21: स्वदेशी बैंकिंग आंदोलन क्या था?
उत्तर: स्वदेशी बैंकिंग आंदोलन (Swadeshi Banking Movement) 1906 में शुरू हुआ, जिसका उद्देश्य भारतीयों के लिए भारतीय बैंकों की स्थापना करना था। इसी दौरान बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, इंडियन बैंक जैसे बैंक स्थापित हुए।

प्रश्न 22: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का गठन कब हुआ?
उत्तर: 1955 में, इम्पीरियल बैंक ऑफ इंडिया (Imperial Bank of India) को राष्ट्रीयकरण करके स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) बनाया गया।

प्रश्न 23: भारत में पहला पूर्ण डिजिटल बैंक कौन सा है?
उत्तर: NiyoX और Jupiter जैसे नए बैंक भारत में पूर्ण डिजिटल बैंकिंग सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं।

प्रश्न 24: बैंकिंग पर्यवेक्षण समिति (BSC) का क्या कार्य है?
उत्तर: बैंकिंग पर्यवेक्षण समिति (BSC) बैंकों के संचालन की निगरानी करती है और यह सुनिश्चित करती है कि वे आरबीआई के दिशा-निर्देशों का पालन करें।

प्रश्न 25: भारत में बैंकिंग प्रणाली कितने प्रकार की होती है?
उत्तर: भारत में बैंकिंग प्रणाली मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है:

  1. व्यावसायिक बैंक (Commercial Banks) – SBI, PNB, HDFC, ICICI आदि।
  2. सहकारी बैंक (Cooperative Banks) – NABARD के तहत काम करने वाले बैंक।
  3. विकास बैंक (Development Banks) – SIDBI, NABARD, NHB आदि।

भाग 6: बैंकिंग क्षेत्र के सुधार और नई पहल

प्रश्न 26: भारत में बैंकिंग सुधार की आवश्यकता क्यों पड़ी?
उत्तर: 1991 में आर्थिक सुधारों के बाद भारत में बैंकों को अधिक प्रतिस्पर्धी, पारदर्शी और आधुनिक बनाने के लिए सुधार आवश्यक हो गए।

प्रश्न 27: भारत में बैंकिंग सुधार के लिए कौन-कौन से आयोग बने?
उत्तर:

  1. नरसिंहम समिति (1991 और 1998) – बैंकिंग सुधारों के लिए प्रमुख सिफारिशें दीं।
  2. रघुराम राजन समिति (2008) – वित्तीय क्षेत्र में सुधारों की सिफारिश की।

प्रश्न 28: BASEL-III मानदंड क्या हैं?
उत्तर: BASEL-III एक अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग नियमन है, जो बैंकों की वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए पूंजी अनुपात और जोखिम प्रबंधन से संबंधित दिशानिर्देश देता है।

प्रश्न 29: मर्जर और एक्विजिशन (Merger & Acquisition) से बैंकिंग सेक्टर में क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:

  • बैंक मजबूत और अधिक प्रतिस्पर्धी बनते हैं।
  • सेवा की गुणवत्ता में सुधार होता है।
  • खराब ऋण (NPA) की समस्या को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

प्रश्न 30: भारत में सबसे बड़ा बैंक कौन सा है?
उत्तर: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) संपत्ति और शाखाओं के मामले में भारत का सबसे बड़ा बैंक है।

भाग 7: डिजिटल बैंकिंग और फिनटेक (FINTECH)

प्रश्न 31: फिनटेक (FinTech) क्या है?
उत्तर: फिनटेक का अर्थ वित्तीय सेवाओं में तकनीक (Technology) का उपयोग करना है, जैसे – UPI, डिजिटल पेमेंट्स, क्रिप्टोकरेंसी, AI आधारित बैंकिंग।

प्रश्न 32: भारत में UPI का शुभारंभ कब हुआ?
उत्तर: UPI (Unified Payments Interface) का शुभारंभ 2016 में हुआ, जिसे NPCI ने विकसित किया।

प्रश्न 33: IMPS (Immediate Payment Service) क्या है?
उत्तर: IMPS एक त्वरित डिजिटल फंड ट्रांसफर सेवा है, जो 24×7 उपलब्ध होती है और मोबाइल बैंकिंग तथा ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से कार्य करती है।

प्रश्न 34: भारत में डिजिटल भुगतान बढ़ाने के लिए कौन-कौन सी सरकारी योजनाएँ हैं?
उत्तर:

  1. BHIM UPI
  2. RuPay कार्ड
  3. डिजिटल इंडिया प्रोग्राम
  4. Jan Dhan Yojana

प्रश्न 35: भारतीय बैंकिंग प्रणाली में ब्लॉकचेन (Blockchain) का क्या उपयोग है?
उत्तर: ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग सुरक्षित भुगतान, स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स और डिजिटल मुद्रा में किया जा रहा है।

भाग 8: मुद्रा प्रणाली और मौद्रिक नीति

प्रश्न 36: भारत में मौद्रिक नीति कौन नियंत्रित करता है?
उत्तर: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) भारत की मौद्रिक नीति को नियंत्रित करता है।

प्रश्न 37: मौद्रिक नीति के मुख्य उद्देश्य क्या हैं?
उत्तर:

  1. मूल्य स्थिरता बनाए रखना
  2. आर्थिक विकास को समर्थन देना
  3. वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करना
  4. मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना

प्रश्न 38: मौद्रिक नीति के कितने प्रकार होते हैं?
उत्तर:

  1. सख्त मौद्रिक नीति (Tight Monetary Policy) – जब मुद्रास्फीति अधिक होती है, तो RBI ब्याज दरें बढ़ाकर धन की आपूर्ति को कम करता है।
  2. उदार मौद्रिक नीति (Loose Monetary Policy) – जब आर्थिक मंदी होती है, तो RBI ब्याज दरें घटाकर बाजार में धन की आपूर्ति बढ़ाता है।

प्रश्न 39: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति के प्रमुख उपकरण क्या हैं?
उत्तर:

  1. रेपो रेट (Repo Rate) – वह दर जिस पर RBI वाणिज्यिक बैंकों को ऋण देता है।
  2. रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) – वह दर जिस पर RBI बैंकों से धन उधार लेता है।
  3. सीआरआर (CRR – Cash Reserve Ratio) – बैंकों को अपनी कुल जमा राशि का एक निश्चित हिस्सा RBI के पास नकद के रूप में रखना पड़ता है।
  4. एसएलआर (SLR – Statutory Liquidity Ratio) – बैंकों को अपनी कुल जमा राशि का एक निश्चित हिस्सा सरकारी बॉन्ड या अन्य सुरक्षित संपत्तियों में रखना होता है।

प्रश्न 40: महंगाई दर को नियंत्रित करने के लिए RBI कौन-कौन से उपाय करता है?
उत्तर:

  1. ब्याज दरें बढ़ाना – महंगाई कम करने के लिए।
  2. बाजार में नकदी घटाना – CRR और SLR बढ़ाकर।
  3. बॉन्ड जारी करना – जिससे धन की तरलता नियंत्रित होती है।

भाग 9: बैंकिंग क्षेत्र में राष्ट्रीयकरण और निजीकरण

प्रश्न 41: 1969 में भारत में बैंक राष्ट्रीयकरण क्यों किया गया था?
उत्तर: बैंकिंग सेवाओं को गरीबों और ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँचाने, औद्योगीकरण को समर्थन देने और अर्थव्यवस्था में सरकारी नियंत्रण बढ़ाने के लिए।

प्रश्न 42: 1980 में किस-किस बैंक का राष्ट्रीयकरण किया गया?
उत्तर:

  1. पंजाब एंड सिंध बैंक
  2. विजया बैंक
  3. ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स
  4. कॉर्पोरेशन बैंक
  5. आंध्रा बैंक
  6. न्यू बैंक ऑफ इंडिया

प्रश्न 43: निजीकरण के बाद भारतीय बैंकिंग प्रणाली में क्या परिवर्तन हुए?
उत्तर:

  1. प्रतिस्पर्धा बढ़ी और सेवाओं में सुधार हुआ।
  2. डिजिटल बैंकिंग का विकास हुआ।
  3. विदेशी बैंकों का प्रभाव बढ़ा।
  4. NPA की समस्या के समाधान के लिए सख्त उपाय किए गए।

प्रश्न 44: हाल ही में किन बैंकों का विलय किया गया है?
उत्तर:
2019-20 में भारत सरकार ने 10 सार्वजनिक बैंकों का विलय कर 4 बड़े बैंक बनाए:

  1. PNB + OBC + United Bank of India
  2. Canara Bank + Syndicate Bank
  3. Union Bank + Andhra Bank + Corporation Bank
  4. Indian Bank + Allahabad Bank

प्रश्न 45: भारत में सबसे पहले निजी क्षेत्र का बैंक कौन सा था?
उत्तर: ICICI बैंक पहला निजी क्षेत्र का बैंक था, जिसकी स्थापना 1994 में हुई थी।

भाग 10: नॉनपरफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) और बैंकिंग संकट

प्रश्न 46: NPA (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) किसे कहते हैं?
उत्तर: जब कोई ऋण 90 दिनों से अधिक समय तक बकाया रहता है और उसका ब्याज या मूलधन नहीं चुकाया जाता, तो उसे NPA कहा जाता है।

प्रश्न 47: NPA को कम करने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जाते हैं?
उत्तर:

  1. ऋण पुनर्गठन (Loan Restructuring)
  2. दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (IBC)
  3. ऋण वसूली अधिकरण (Debt Recovery Tribunal)
  4. SARFAESI अधिनियम

प्रश्न 48: भारत में बैड बैंक (Bad Bank) क्या है?
उत्तर: बैड बैंक एक विशेष प्रकार का बैंक होता है जो NPA वाले ऋणों को खरीदकर बैंकों को राहत देता है। भारत में National Asset Reconstruction Company Ltd (NARCL) एक बैड बैंक के रूप में कार्य करता है।

प्रश्न 49: स्ट्रेस्ड एसेट (Stressed Assets) क्या होते हैं?
उत्तर: जिन ऋणों को बैंकों द्वारा पुनर्गठित किया जाता है लेकिन अभी भी डूबने का खतरा रहता है, उन्हें स्ट्रेस्ड एसेट कहा जाता है।

प्रश्न 50: बैंकिंग क्षेत्र में फ्रॉड रोकने के लिए कौन-कौन से उपाय अपनाए जाते हैं?
उत्तर:

  1. KYC (Know Your Customer) नियमों को सख्ती से लागू करना।
  2. CIBIL स्कोर और क्रेडिट हिस्ट्री की निगरानी।
  3. ट्रांसपेरेंट बैंकिंग सिस्टम अपनाना।
  4. डेटा एनालिटिक्स और AI का उपयोग।

भाग 11: अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग और भारतीय बैंकिंग प्रणाली

प्रश्न 51: SWIFT प्रणाली क्या है?
उत्तर: SWIFT (Society for Worldwide Interbank Financial Telecommunication) एक अंतरराष्ट्रीय भुगतान प्रणाली है जो दुनिया भर के बैंकों को सुरक्षित वित्तीय संदेश भेजने की अनुमति देती है।

प्रश्न 52: भारत में विदेशी बैंक कौन-कौन से हैं?
उत्तर:

  1. HSBC Bank
  2. Citibank
  3. Standard Chartered Bank
  4. Deutsche Bank
  5. Barclays Bank

प्रश्न 53: भारत का सबसे बड़ा विदेशी बैंक कौन सा है?
उत्तर: Standard Chartered Bank भारत में सबसे बड़ा विदेशी बैंक है।

प्रश्न 54: मुद्रा संकट (Currency Crisis) क्या होता है?
उत्तर: जब किसी देश की मुद्रा का मूल्य अचानक बहुत अधिक गिर जाता है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था अस्थिर हो जाती है, तो इसे मुद्रा संकट कहा जाता है।

प्रश्न 55: क्रिप्टोकरेंसी और भारतीय बैंकिंग प्रणाली के बीच क्या संबंध है?
उत्तर: RBI ने क्रिप्टोकरेंसी के जोखिमों के बारे में चेतावनी दी है और 2022 में CBDC (Central Bank Digital Currency – डिजिटल रुपया) को लॉन्च किया।

भाग 12: भारत में भुगतान प्रणाली और नई बैंकिंग तकनीकें

प्रश्न 56: भारत में सबसे पहले ATM किस बैंक ने शुरू किया?
उत्तर: भारत में पहला ATM HSBC बैंक ने 1987 में मुंबई में स्थापित किया था।

प्रश्न 57: NEFT और RTGS में क्या अंतर है?
उत्तर:

NEFT (National Electronic Funds Transfer) – बैच-आधारित भुगतान प्रणाली, जो थोड़े समय अंतराल पर पैसे ट्रांसफर करती है।

RTGS (Real-Time Gross Settlement) – तात्कालिक फंड ट्रांसफर प्रणाली, जिसका उपयोग बड़े लेनदेन के लिए किया जाता है।

प्रश्न 58: भारत में IMPS सेवा कब शुरू की गई?
उत्तर: IMPS (Immediate Payment Service) को 2010 में NPCI (National Payments Corporation of India) द्वारा लॉन्च किया गया था।

प्रश्न 59: NPCI क्या है और इसकी क्या भूमिका है?
उत्तर: NPCI (National Payments Corporation of India) एक संगठन है जो भारत में डिजिटल भुगतान प्रणालियों को विकसित और प्रबंधित करता है, जैसे – UPI, IMPS, RuPay, NACH, Bharat Bill Payment System (BBPS) आदि।

प्रश्न 60: भारत में डिजिटल बैंकिंग के बढ़ते प्रभाव के क्या कारण हैं?
उत्तर:

  1. स्मार्टफोन और इंटरनेट की उपलब्धता।
  2. डिजिटल भुगतान सेवाओं (UPI, Paytm, Google Pay) का विकास।
  3. सरकार की योजनाएँ – डिजिटल इंडिया, जन धन योजना आदि।
  4. कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने वाली नीतियाँ।

भाग 13: भारतीय बैंकिंग में साइबर सुरक्षा और वित्तीय धोखाधड़ी

प्रश्न 61: बैंकिंग क्षेत्र में साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए कौन-कौन से उपाय अपनाए जाते हैं?
उत्तर:

  1. टूफैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) – ओटीपी और बायोमेट्रिक्स का उपयोग।
  2. AI और मशीन लर्निंग – धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए।
  3. KYC और AML (Anti Money Laundering) प्रक्रियाएँ – ग्राहक सत्यापन के लिए।
  4. फिशिंग और स्पूफिंग पर जागरूकता – ग्राहकों को साइबर अपराधों के प्रति सचेत करना।

प्रश्न 62: भारत में सबसे बड़ी बैंकिंग साइबर धोखाधड़ी कौन सी रही है?
उत्तर: PNB-Nirav Modi घोटाला (2018) भारत की सबसे बड़ी बैंकिंग धोखाधड़ी थी, जिसमें लगभग ₹11,400 करोड़ का नुकसान हुआ।

प्रश्न 63: बैंकिंग धोखाधड़ी से बचने के लिए ग्राहकों को क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए?
उत्तर:

  1. संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
  2. बैंकिंग विवरण किसी के साथ साझा न करें।
  3. हमेशा बैंक की आधिकारिक वेबसाइट और ऐप का उपयोग करें।
  4. अपने बैंक स्टेटमेंट की नियमित जाँच करें।

भाग 14: सहकारी बैंकिंग और ग्रामीण बैंकिंग

प्रश्न 64: सहकारी बैंक (Cooperative Bank) क्या होते हैं?
उत्तर: सहकारी बैंक वे बैंक होते हैं जो छोटे किसानों, व्यापारियों और निम्न-आय वर्ग के लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए गठित किए जाते हैं।

प्रश्न 65: सहकारी बैंकों के प्रमुख प्रकार कौन-कौन से हैं?
उत्तर:

  1. राज्य सहकारी बैंक (State Cooperative Bank – SCB)
  2. जिला सहकारी बैंक (District Cooperative Bank – DCCB)
  3. शहरी सहकारी बैंक (Urban Cooperative Bank – UCB)

प्रश्न 66: भारत में सबसे पहला ग्रामीण बैंक कौन सा था?
उत्तर: भारत में पहला क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB) प्रथमा बैंक था, जिसे 1975 में स्थापित किया गया था।

प्रश्न 67: नाबार्ड (NABARD) क्या है और इसकी क्या भूमिका है?
उत्तर:
NABARD (National Bank for Agriculture and Rural Development) भारत में कृषि और ग्रामीण विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली एक प्रमुख संस्था है।

प्रश्न 68: प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) क्या है?
उत्तर: प्रधानमंत्री जन धन योजना 2014 में शुरू की गई, जिसके तहत गरीबों के लिए बैंक खाते, बीमा और क्रेडिट सुविधा प्रदान की जाती है।

भाग 15: अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग और भारतीय रिज़र्व बैंक की भूमिका

प्रश्न 69: भारत में सबसे पहला विदेशी बैंक कौन सा था?
उत्तर: भारत में सबसे पहला विदेशी बैंक Standard Chartered Bank था, जो 1858 में स्थापित हुआ था।

प्रश्न 70: भारत में विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves) कौन प्रबंधित करता है?
उत्तर: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) भारत के विदेशी मुद्रा भंडार का प्रबंधन करता है।

प्रश्न 71: भारत में कितने प्रकार के बैंकों को RBI नियंत्रित करता है?
उत्तर:

  1. वाणिज्यिक बैंक (Commercial Banks)
  2. सहकारी बैंक (Cooperative Banks)
  3. वित्तीय संस्थान (Financial Institutions)
  4. भुगतान बैंक (Payment Banks)
  5. लघु वित्त बैंक (Small Finance Banks)

प्रश्न 72: विश्व बैंक (World Bank) और IMF (International Monetary Fund) में क्या अंतर है?
उत्तर:

विश्व बैंक – यह विकासशील देशों को बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के लिए ऋण प्रदान करता है।

IMF – यह देशों को आर्थिक संकट से बचाने के लिए अल्पकालिक ऋण प्रदान करता है।

प्रश्न 73: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की स्थापना कब हुई थी?
उत्तर: भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को हुई थी।

प्रश्न 74: भारतीय रिज़र्व बैंक के पहले गवर्नर कौन थे?
उत्तर: भारतीय रिज़र्व बैंक के पहले गवर्नर सर ओसबोर्न स्मिथ थे।

प्रश्न 75: भारत में भुगतान बैंक (Payment Bank) क्या है?
उत्तर: भुगतान बैंक वे बैंक होते हैं जो छोटे बचत खातों, डिजिटल भुगतान और अन्य बैंकिंग सेवाओं की सुविधा प्रदान करते हैं, लेकिन ऋण प्रदान नहीं कर सकते।

भाग 16: बैंकिंग सुधार और हालिया नीतियाँ

प्रश्न 76: भारत में बैंकिंग सुधारों के लिए नरसिम्हन समिति का क्या योगदान था?
उत्तर:
नरसिम्हन समिति (1991 और 1998) ने भारतीय बैंकिंग प्रणाली में सुधार के लिए कई सिफारिशें कीं, जैसे:

  1. PSU बैंकों का निजीकरण और विलय
  2. NPAs को कम करने के लिए सख्त नियम
  3. बैंकिंग क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए नए निजी बैंक शुरू करना
  4. बाजार आधारित ब्याज दर प्रणाली अपनाना

प्रश्न 77: 2016 में लागू किए गए दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (IBC) का उद्देश्य क्या था?
उत्तर: IBC का उद्देश्य बैंकों के खराब ऋण (NPA) को कम करना और ऋण वसूली प्रक्रिया को तेज करना था।

प्रश्न 78: बेसल III मानदंड क्या हैं और यह बैंकिंग में क्यों महत्वपूर्ण हैं?
उत्तर:
बेसल III मानदंड बैंकों के पूंजी पर्याप्तता अनुपात (Capital Adequacy Ratio – CAR) और जोखिम प्रबंधन में सुधार लाने के लिए लागू किए गए हैं। ये सुनिश्चित करते हैं कि बैंक वित्तीय संकट का सामना कर सकें।

प्रश्न 79: बैंकों के लिए PCA (Prompt Corrective Action) फ्रेमवर्क क्या है?
उत्तर:
PCA एक ऐसा तंत्र है, जिसमें RBI उन बैंकों पर प्रतिबंध लगाता है जिनका वित्तीय प्रदर्शन कमजोर हो जाता है, जैसे कि:

  1. अधिक NPA
  2. पूंजी पर्याप्तता अनुपात कम होना
  3. कम लाभप्रदता

प्रश्न 80: हाल ही में कौन से PSU बैंकों को PCA फ्रेमवर्क से बाहर किया गया है?
उत्तर: 2021 में, RBI ने IDBI बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को PCA फ्रेमवर्क से बाहर किया।

भाग 17: बैंकिंग में नई डिजिटल तकनीकें

प्रश्न 81: CBDC (Central Bank Digital Currency) क्या है?
उत्तर: CBDC एक डिजिटल रुपया है, जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने जारी किया है। यह क्रिप्टोकरेंसी की तरह डिजिटल होगा, लेकिन इसे सरकार नियंत्रित करेगी।

प्रश्न 82: UPI (Unified Payments Interface) किसने विकसित किया?
उत्तर: UPI को NPCI (National Payments Corporation of India) ने 2016 में विकसित किया था।

प्रश्न 83: भारत में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए कौन-कौन सी सरकारी योजनाएँ हैं?
उत्तर:

  1. डिजिटल इंडिया मिशन
  2. भीम (BHIM) ऐप
  3. RuPay कार्ड योजना
  4. मुद्रा योजना

प्रश्न 84: ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी बैंकिंग में कैसे मदद कर सकती है?
उत्तर:

  1. लेनदेन में पारदर्शिता और सुरक्षा
  2. फ्रॉड रोकने में सहायक
  3. क्रेडिट स्कोरिंग और स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट

प्रश्न 85: Open Banking क्या है?
उत्तर: Open Banking एक ऐसा सिस्टम है, जिसमें बैंकिंग डेटा को सुरक्षित API के माध्यम से फिनटेक कंपनियों और अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ साझा किया जाता है

भाग 18: भारतीय मुद्रा और विदेशी मुद्रा विनिमय

प्रश्न 86: भारतीय रुपया किस आधार पर मुद्रित किया जाता है?
उत्तर: भारतीय रुपया मिनिमम रिज़र्व सिस्टम (Minimum Reserve System – MRS) के आधार पर मुद्रित किया जाता है।

प्रश्न 87: भारत में मुद्रा नोट कौन जारी करता है?
उत्तर:

₹2 और उससे अधिक के सभी नोट – RBI जारी करता है।

₹1 का नोट – भारत सरकार जारी करती है।

प्रश्न 88: भारत में सबसे पहले कागजी मुद्रा (Paper Currency) कब जारी की गई?
उत्तर: 1861 में ब्रिटिश सरकार ने भारत में पहली बार कागजी मुद्रा जारी की।

प्रश्न 89: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves) किन घटकों से बनता है?
उत्तर:

  1. विदेशी मुद्रा आस्तियाँ (Foreign Currency Assets – FCA)
  2. सोना (Gold Reserves)
  3. IMF में विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights – SDRs)
  4. IMF के पास जमा राशि (RBI’s Reserve Position with IMF)

प्रश्न 90: भारत का सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार कब दर्ज किया गया था?
उत्तर: 2021 में, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार $642.45 बिलियन के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था।

भाग 19: बैंकिंग घोटाले और उनके प्रभाव

प्रश्न 91: भारत में सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला कौन सा था?
उत्तर: 2018 में, PNB-Nirav Modi घोटाला हुआ, जिसमें ₹11,400 करोड़ का नुकसान हुआ।

प्रश्न 92: भारत में हुए कुछ प्रमुख बैंकिंग घोटाले कौन-कौन से हैं?
उत्तर:

  1. Satyam Scam (2009)
  2. Vijay Mallya Loan Default Case (2016)
  3. PMC Bank Scam (2019)
  4. Yes Bank Crisis (2020)

प्रश्न 93: बैंकों में धोखाधड़ी रोकने के लिए सरकार ने कौन-कौन से उपाय किए हैं?
उत्तर:

  1. KYC (Know Your Customer) नियमों को सख्त बनाना
  2. दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (IBC) लागू करना
  3. Fugitive Economic Offenders Act, 2018 लागू करना

भाग 20: भारत में वित्तीय समावेशन (FINANCIAL INCLUSION)

प्रश्न 94: वित्तीय समावेशन का क्या अर्थ है?
उत्तर: वित्तीय समावेशन का अर्थ है सभी नागरिकों को बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं तक पहुँच प्रदान करना, विशेष रूप से ग्रामीण और गरीब वर्गों को।

प्रश्न 95: वित्तीय समावेशन को बढ़ाने के लिए कौन-कौन सी सरकारी योजनाएँ हैं?
उत्तर:

  1. प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY)
  2. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY)
  3. प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY)
  4. मुद्रा योजना (MUDRA Yojana)

प्रश्न 96: माइक्रोफाइनेंस क्या है?
उत्तर: माइक्रोफाइनेंस छोटे और गरीब व्यवसायों को छोटे ऋण प्रदान करने की प्रक्रिया है, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जाता है।

प्रश्न 97: भारत में सबसे बड़ा माइक्रोफाइनेंस संस्थान (MFI) कौन सा है?
उत्तर: BANDHAN Bank भारत में सबसे बड़ा माइक्रोफाइनेंस संस्थान है।

प्रश्न 98: SHG-Bank Linkage Programme (SHG-BLP) क्या है?
उत्तर: यह NABARD द्वारा शुरू किया गया एक कार्यक्रम है, जिसमें स्वयं सहायता समूह (SHG) को बैंकों से जोड़कर वित्तीय सहायता दी जाती है

प्रश्न 99: मुद्रा बैंक (MUDRA Bank) क्या है?
उत्तर: मुद्रा बैंक छोटे उद्यमियों को किफायती ब्याज दरों पर ऋण प्रदान करने वाला एक वित्तीय संस्थान है।

प्रश्न 100: PM SVANidhi योजना क्या है?
उत्तर: यह एक सरकारी योजना है, जिसके तहत रेहड़ीपटरी वालों (Street Vendors) को कम ब्याज दर पर ऋण प्रदान किया जाता है।

भाग 21: रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और उसकी नीतियाँ

प्रश्न 101: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) का मुख्यालय कहाँ स्थित है?
उत्तर: भारतीय रिज़र्व बैंक का मुख्यालय मुंबई में स्थित है।

प्रश्न 102: भारतीय रिज़र्व बैंक का राष्ट्रीयकरण कब हुआ?
उत्तर: RBI का राष्ट्रीयकरण 1 जनवरी 1949 को हुआ था।

प्रश्न 103: RBI कितने प्रकार की मौद्रिक नीतियाँ लागू करता है?
उत्तर: RBI दो प्रकार की मौद्रिक नीतियाँ लागू करता है:

  1. Expansionary Monetary Policy (विस्तारित मौद्रिक नीति) – जब अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की आवश्यकता होती है।
  2. Contractionary Monetary Policy (संकीर्ण मौद्रिक नीति) – जब मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 104: भारतीय रिज़र्व बैंक का मुख्य कार्य क्या है?
उत्तर:

  1. मुद्रा जारी करना
  2. बैंकों का नियमन और नियंत्रण
  3. मौद्रिक नीति का संचालन
  4. विदेशी मुद्रा भंडार का प्रबंधन
  5. वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करना

प्रश्न 105: भारत में मौद्रिक नीति कौन तय करता है?
उत्तर: मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee – MPC), जिसकी अध्यक्षता RBI गवर्नर करते हैं।

भाग 22: बैंकों के प्रकार और उनकी विशेषताएँ

प्रश्न 106: भारतीय बैंकिंग प्रणाली के प्रमुख प्रकार कौन-कौन से हैं?
उत्तर:

  1. वाणिज्यिक बैंक (Commercial Banks)
  2. सहकारी बैंक (Cooperative Banks)
  3. वित्तीय संस्थान (Financial Institutions)
  4. भुगतान बैंक (Payments Banks)
  5. लघु वित्त बैंक (Small Finance Banks)

प्रश्न 107: भारत में पहला लघु वित्त बैंक कौन सा था?
उत्तर: पहला लघु वित्त बैंक Capital Small Finance Bank था।

प्रश्न 108: भुगतान बैंक (Payment Banks) की विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर:

  1. अधिकतम ₹2 लाख तक की जमा स्वीकार कर सकते हैं।
  2. ऋण या क्रेडिट कार्ड जारी नहीं कर सकते।
  3. डिजिटल और ऑनलाइन लेनदेन की सुविधा देते हैं।

प्रश्न 109: भारत में कितने भुगतान बैंक कार्यरत हैं?
उत्तर: भारत में वर्तमान में 6 भुगतान बैंक कार्यरत हैं, जिनमें प्रमुख हैं – Airtel Payments Bank, Paytm Payments Bank, और India Post Payments Bank।

प्रश्न 110: भारत में पहला विदेशी बैंक कौन सा था?
उत्तर: पहला विदेशी बैंक Standard Chartered Bank था, जो 1858 में भारत में आया।

भाग 23: बैंकिंग में ब्याज दरें और वित्तीय अनुपात

प्रश्न 111: रेपो रेट (Repo Rate) क्या होता है?
उत्तर: रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक ऋण प्रदान करता है।

प्रश्न 112: बैंक दर (Bank Rate) और रेपो रेट में क्या अंतर है?
उत्तर:

रेपो रेट – यह अल्पकालिक ऋण पर लागू होता है और इसमें बैंक RBI को सरकारी प्रतिभूतियाँ गिरवी रखते हैं।

बैंक दर – यह दीर्घकालिक ऋण पर लागू होता है और इसमें कोई प्रतिभूति गिरवी नहीं रखी जाती।

प्रश्न 113: CRR (Cash Reserve Ratio) क्या होता है?
उत्तर: CRR वह न्यूनतम नकद राशि है, जिसे बैंक अपनी कुल जमा राशि का एक भाग RBI के पास जमा रखते हैं।

प्रश्न 114: SLR (Statutory Liquidity Ratio) क्या होता है?
उत्तर: SLR वह न्यूनतम निधि होती है, जिसे बैंक सरकारी बॉन्ड, सोना, और नकद के रूप में रखना होता है।

प्रश्न 115: अगर RBI रेपो रेट बढ़ाता है तो इसका बैंकों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:

  1. बैंकों के लिए कर्ज महंगा हो जाता है।
  2. ब्याज दरें बढ़ती हैं।
  3. मुद्रा आपूर्ति कम होती है।
  4. महंगाई नियंत्रित होती है।

भाग 24: बैंकिंग घोटाले और उनके प्रभाव

प्रश्न 116: हाल के वर्षों में भारत में कौन-कौन से बड़े बैंकिंग घोटाले हुए हैं?
उत्तर:

  1. PNB-Nirav Modi Scam (2018) – ₹11,400 करोड़
  2. PMC Bank Scam (2019) – ₹6,500 करोड़
  3. Yes Bank Crisis (2020) – ₹3,700 करोड़
  4. ABG Shipyard Scam (2022) – ₹22,842 करोड़

प्रश्न 117: बैंकों में धोखाधड़ी रोकने के लिए सरकार ने कौन-कौन से उपाय किए हैं?
उत्तर:

  1. KYC नियमों को सख्त बनाना
  2. फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम लागू करना
  3. IBC (Insolvency and Bankruptcy Code) लागू करना
  4. Fugitive Economic Offenders Act, 2018 लागू करना

प्रश्न 118: दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (IBC) क्या है?
उत्तर: IBC एक कानून है, जो बैंकिंग घोटालों और अनियमितताओं को रोकने के लिए प्रभावी समाधान प्रदान करता है।

भाग 25: बैंकिंग में हालिया सुधार और भविष्य की योजनाएँ

प्रश्न 119: वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर:

  1. गरीब और ग्रामीण वर्ग को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ता है।
  2. अर्थव्यवस्था में नकदी प्रवाह को बढ़ाता है।
  3. अनौपचारिक वित्तीय प्रणाली को नियंत्रित करता है।

प्रश्न 120: प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) क्या है?
उत्तर: PMMY एक सरकारी योजना है, जिसमें छोटे व्यवसायों को बिना गारंटी के ऋण दिया जाता है

प्रश्न 121: भारतीय बैंकों के लिए हाल के वर्षों में कौन-कौन से सुधार किए गए हैं?
उत्तर:

  1. बैंकों का विलय (Bank Mergers) – SBI, BOB आदि का विलय।
  2. डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा – UPI, IMPS, NEFT का विकास।
  3. PSU बैंकों का निजीकरण – IDBI बैंक का निजीकरण।

प्रश्न 122: भारत का सबसे बड़ा सरकारी बैंक कौन सा है?
उत्तर: State Bank of India (SBI)

प्रश्न 123: भारत में सबसे अधिक शाखाओं वाला बैंक कौन सा है?
उत्तर: State Bank of India (SBI) की सबसे अधिक शाखाएँ हैं।

प्रश्न 124: 2023 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार कितना था?
उत्तर: 2023 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग $600 बिलियन था।

प्रश्न 125: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र का भविष्य क्या है?
उत्तर:

  1. डिजिटल बैंकिंग में वृद्धि।
  2. क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन का अधिक उपयोग।
  3. बैंकों का और अधिक विलय।
  4. वैश्विक बैंकिंग के साथ अधिक समेकन।

THANKS.

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