भारतीय रेलवे में प्रतीकों और अक्षरों का महत्व: यात्रियों के लिए एक विस्तृत गाइड

भारत की रेलवे प्रणाली एक विशाल और जटिल नेटवर्क है, जिसमें विभिन्न प्रकार की ट्रेन सेवाएं उपलब्ध हैं। इन सेवाओं को अलग-अलग पहचानने के लिए रेलवे ने प्रतीकों और अक्षरों का उपयोग किया है। ये प्रतीक और अक्षर न केवल ट्रेन की श्रेणी और प्रकार को दर्शाते हैं, बल्कि यात्रियों को उनकी यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने में भी मदद करते हैं। विशेष रूप से यात्री ट्रेन, एक्सप्रेस ट्रेन, राजधानी ट्रेन और शताब्दी ट्रेन के संदर्भ में प्रतीकों और अक्षरों का उपयोग अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। इस लेख में, हम इन ट्रेनों के प्रतीकों और अक्षरों के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे।

यात्री ट्रेन (PASSENGER TRAIN) प्रतीक और अक्षर:-

यात्री ट्रेनें भारतीय रेलवे की बुनियादी और सामान्य श्रेणी की ट्रेनों में आती हैं। इन ट्रेनों का उद्देश्य यात्रियों को एक शहर से दूसरे शहर या कस्बे तक ले जाना है। यात्री ट्रेनों के लिए कोई विशेष प्रतीक नहीं होते, लेकिन इनकी पहचान और वर्गीकरण के लिए अक्षरों का उपयोग किया जाता है।

ट्रेन संख्या:-

यात्री ट्रेनों की पहचान उनकी ट्रेन संख्या से होती है। आमतौर पर, यात्री ट्रेनों की संख्या 1000 से 9999 के बीच होती है। उदाहरण के लिए, “12345” या “67890” एक सामान्य यात्री ट्रेन की संख्या हो सकती है।

कोडिंग:-

कई बार, इन ट्रेनों के लिए “P” (Passenger) अक्षर का उपयोग भी किया जाता है, जो दर्शाता है कि यह ट्रेन यात्री सेवा है।

एक्सप्रेस ट्रेन (EXPRESS TRAIN) प्रतीक और अक्षर:-

एक्सप्रेस ट्रेनों को अधिक गति और सुविधाओं के साथ डिजाइन किया जाता है। ये ट्रेनें आमतौर पर तेज़ी से यात्रा करती हैं और कम स्टेशनों पर रुकती हैं। एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए कुछ विशिष्ट प्रतीकों और अक्षरों का उपयोग किया जाता है।

“EXP” या “EX” प्रतीक:-

एक्सप्रेस ट्रेनों के नाम के आगे “EXP” (Express) या “EX” जोड़ा जाता है, जो यह संकेत करता है कि यह एक एक्सप्रेस सेवा है। जैसे “Rajdhani Express” या “Shatabdi Express”।

ट्रेन संख्या:-

एक्सप्रेस ट्रेनों की ट्रेन संख्या आमतौर पर 100 से 9999 के बीच होती है, जैसे “12001” या “15012”।

स्पीड और सीमित स्टॉप:-

एक्सप्रेस ट्रेनों की पहचान उनके तेज़ मार्ग और कम स्टॉप से भी होती है। ये ट्रेनें लंबी दूरी की यात्रा करने के लिए उपयुक्त होती हैं।

राजधानी ट्रेन (RAJDHANI TRAIN) प्रतीक और अक्षर:-

राजधानी ट्रेनें भारतीय रेलवे की प्रीमियम ट्रेन सेवाओं में आती हैं और यह दिल्ली को विभिन्न प्रमुख शहरों से जोड़ने वाली विशेष ट्रेनों के रूप में जानी जाती हैं। इन ट्रेनों की पहचान उनके नाम और प्रतीकों से होती है।

“Rajdhani” प्रतीक:-

“राजधानी” शब्द का उपयोग इन ट्रेनों के नाम में किया जाता है, जो इनकी उच्च गुणवत्ता और तेज़ गति को दर्शाता है। उदाहरण के लिए, “Rajdhani Express”।

ट्रेन संख्या:-

राजधानी ट्रेनें आमतौर पर 20000 से 29999 तक की ट्रेन संख्या में आती हैं। जैसे “22001” (नई दिल्ली – मुंबई)।

सुविधाएँ:-

राजधानी ट्रेनों में अत्यधिक सुविधाएँ और आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान किया जाता है, जैसे AC First Class, Second Class, और ट्रेन में भोजन की व्यवस्था।

शताब्दी ट्रेन (SHATABDI TRAIN) प्रतीक और अक्षर:-

शताब्दी ट्रेनें भारतीय रेलवे की सबसे तेज़ और आरामदायक ट्रेन सेवाओं में से एक मानी जाती हैं। यह ट्रेनें प्रमुख शहरों के बीच तेज़ यात्रा के लिए बनाई गई हैं और इनमें उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।

“Shatabdi” प्रतीक:-

“शताब्दी” शब्द का उपयोग इन ट्रेनों के नाम में किया जाता है, जो दर्शाता है कि यह ट्रेनें विशेष रूप से लंबी दूरी के लिए तैयार की गई हैं। उदाहरण के लिए, “Shatabdi Express”।

ट्रेन संख्या:-

शताब्दी ट्रेनों की ट्रेन संख्या 12000 से 12999 तक होती है। जैसे “12015” (नई दिल्ली – भोपाल शताब्दी)।

सेवा सुविधाएँ:-

शताब्दी ट्रेनों में उच्च गुणवत्ता की सुविधाएं जैसे वातानुकूलित डिब्बे, समर्पित सीटें, आरामदायक यात्रा अनुभव, और उच्च गुणवत्ता का भोजन प्रदान किया जाता है।

ट्रेन श्रेणियों के लिए प्रतीकों और अक्षरों का महत्व:-

रेलवे ट्रेनों की विभिन्न श्रेणियाँ जैसे यात्री ट्रेन, एक्सप्रेस ट्रेन, राजधानी ट्रेन और शताब्दी ट्रेन के प्रतीक और अक्षर यात्रियों के लिए यात्रा को अधिक सुविधाजनक बनाते हैं। इन प्रतीकों और अक्षरों से यात्रियों को निम्नलिखित लाभ होते हैं:

पहचान और मार्गदर्शन:-

प्रतीक और अक्षर यात्रियों को यह जानने में मदद करते हैं कि वे किस प्रकार की ट्रेन में यात्रा कर रहे हैं और कौन सी ट्रेन उन्हें उनके गंतव्य तक ले जाएगी।

सुरक्षा और जानकारी:-

ट्रेन की श्रेणी को सही तरीके से समझकर यात्री अपनी यात्रा की योजना बना सकते हैं और सुनिश्चित कर सकते हैं कि उन्हें किस ट्रेन में यात्रा करनी है।

समय और सुविधाएँ:-

इन प्रतीकों और अक्षरों की मदद से यात्री यह भी जान सकते हैं कि ट्रेन कितनी तेज़ है, उसमें कौन सी सुविधाएँ उपलब्ध हैं, और ट्रेन कितने स्टेशनों पर रुकेगी।

निष्कर्ष:-

रेलवे प्रणाली में प्रतीकों और अक्षरों का उपयोग यात्रियों को सुविधाजनक और सुरक्षित यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए किया जाता है। चाहे वह यात्री ट्रेन, एक्सप्रेस ट्रेन, राजधानी ट्रेन, या शताब्दी ट्रेन हो, प्रत्येक श्रेणी के लिए अलग-अलग प्रतीक और अक्षर होते हैं जो ट्रेनों की पहचान और उनके विशेषताओं को स्पष्ट करते हैं। इन प्रतीकों को समझने से यात्रियों को उनकी यात्रा में कोई भ्रम नहीं होता और वे आसानी से अपनी ट्रेन की पहचान कर सकते हैं।

रेलवे ट्रेन प्रतीक और अक्षर: यात्री ट्रेनों, एक्सप्रेस ट्रेनों, राजधानी ट्रेनों और शताब्दी ट्रेनों में उपयोग होने वाले प्रतीक:-

भारतीय रेलवे में यात्रा को सुगम और व्यवस्थित बनाने के लिए विभिन्न प्रतीकों और अक्षरों का उपयोग किया जाता है। ये प्रतीक और अक्षर न केवल ट्रेन की पहचान करते हैं, बल्कि यात्रियों को ट्रेन की कक्षा, मार्ग, और अन्य सुविधाओं के बारे में जानकारी भी देते हैं। इस लेख में, हम उन प्रतीकों और अक्षरों के बारे में चर्चा करेंगे जो विशेष रूप से यात्री ट्रेनों, एक्सप्रेस ट्रेनों, राजधानी ट्रेनों और शताब्दी ट्रेनों में इस्तेमाल होते हैं, जैसे “M”, “S1”, “CROSS” और अन्य।

1. “M” प्रतीकमोल्ड:-

M” प्रतीक को आमतौर पर उन डिब्बों के लिए उपयोग किया जाता है जो मेल (Mail) या एक्सप्रेस ट्रेन के हैं। यह प्रतीक दर्शाता है कि यह डिब्बा मेल या एक्सप्रेस सेवा से जुड़ा हुआ है, जो सामान और यात्री दोनों के लिए होता है। मेल ट्रेनें लंबी दूरी तय करती हैं और विभिन्न स्थानों से डाक लेकर जाती हैं।

2. “S1”, “S2”, “S3” और अन्यस्लीपर क्लास डिब्बे:-

स्लीपर क्लास डिब्बों में “S1”, “S2”, “S3” आदि अक्षरों का प्रयोग किया जाता है। ये प्रतीक ट्रेन के उन डिब्बों को दर्शाते हैं जो स्लीपर क्लास (Sleeper Class) के होते हैं।

S1, S2, S3: ये डिब्बों की श्रृंखला को दर्शाते हैं और जब यात्रा शुरू होती है, तो इन डिब्बों के नंबर यात्रियों को उनके स्थान को पहचानने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, “S1” स्लीपर क्लास का पहला डिब्बा है।

3. “AC” – एयर कंडीशनिंग क्लास:-

“AC” प्रतीक का प्रयोग उन डिब्बों के लिए किया जाता है जो एसी क्लास (Air-Conditioned Class) से संबंधित होते हैं। यह प्रतीक यह बताता है कि ट्रेन में वातानुकूलित डिब्बे हैं। इस वर्ग में, AC First Class, AC Second Class, और AC Chair Car जैसी श्रेणियाँ होती हैं।

AC 1st, AC 2nd, AC Chair Car: ये विशेष डिब्बों के प्रकार को दर्शाते हैं और विभिन्न सुविधाओं के अनुसार यात्रियों को उनके आराम के स्तर को स्पष्ट करते हैं।

4. “CROSS” प्रतीकक्रॉस सिग्नल:-

“CROSS” प्रतीक का प्रयोग सुरक्षा संकेत के रूप में किया जाता है। यह प्रतीक अक्सर ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर पाया जाता है, और इसका उद्देश्य सुरक्षा से संबंधित चेतावनी देना होता है।

CROSS प्रतीक यह दर्शाता है कि ट्रैक पर कोई बाधा या खतरा है और यात्रियों को सतर्क रहना चाहिए।

5. “D” – डायरेक्ट ट्रेन:-

“D” प्रतीक का प्रयोग उन ट्रेनों के लिए किया जाता है जो डायरेक्ट ट्रेन होती हैं। इसका मतलब है कि ट्रेन बिना किसी बड़े रुकावट के एक शहर से दूसरे शहर तक यात्रा करती है। ये ट्रेनें मुख्यत: एक्सप्रेस या राजधानी ट्रेनों के रूप में होती हैं।

6. “GEN” – जनरल क्लास:-

“GEN” प्रतीक का उपयोग जनरल क्लास (General Class) के डिब्बों के लिए किया जाता है। जनरल क्लास में वह डिब्बे होते हैं जिनमें कोई वातानुकूलन नहीं होता, और ये अधिकतर साधारण डिब्बे होते हैं जिनमें ज्यादा सीटिंग होती है।

7. “B1”, “B2”, “B3” – बोगी नंबर:-

जब ट्रेन में कई डिब्बे होते हैं, तो प्रत्येक डिब्बे को एक विशिष्ट नंबर दिया जाता है, जैसे “B1”, “B2”, “B3”, आदि। ये बोगी नंबर यात्रियों को यह बताने के लिए होते हैं कि वे किस डिब्बे में सवार होंगे।

उदाहरण के लिए, “B1” बोगी का पहला डिब्बा है, जो ट्रेन में यात्री को अपनी सीट के स्थान पर मार्गदर्शन करता है।

8. “SL” – स्लीपर क्लास:-

“SL” प्रतीक का उपयोग स्लीपर क्लास (Sleeper Class) के डिब्बे के लिए किया जाता है। ये डिब्बे सामान्यत: लंबी दूरी की यात्रा के लिए होते हैं और इनकी सीटें बिना वातानुकूलन के होती हैं, जिससे ये किफायती विकल्प होते हैं।

9. “PC” – पेंट्री कार:-

“PC” प्रतीक का उपयोग पेंट्री कार (Pantry Car) के लिए किया जाता है, जो ट्रेन में भोजन की सेवा प्रदान करता है। इस प्रतीक से यात्रियों को यह जानकारी मिलती है कि ट्रेन में भोजन की सुविधा उपलब्ध है।

10. “R” – रिजर्वेशन डिब्बे:-

“R” प्रतीक का उपयोग उन डिब्बों के लिए किया जाता है जो रिजर्वेशन (Reservation) डिब्बे होते हैं। इन डिब्बों में पहले से आरक्षित सीटें होती हैं, और इनमें सिर्फ वे यात्री यात्रा कर सकते हैं जिनके पास रिजर्वेशन है।

11. “T” – टोइंग (TRAIN WITH TOWING):-

“T” प्रतीक का प्रयोग उन ट्रेनों के लिए किया जाता है जो टोइंग (Towing) के लिए होती हैं। जब कोई ट्रेन खराब हो जाती है या किसी कारणवश रुक जाती है, तो उसे पुनः चलाने के लिए एक विशेष ट्रेन का उपयोग किया जाता है, जिसे “टोइंग” ट्रेन कहा जाता है। इस प्रतीक का उपयोग यह संकेत देने के लिए किया जाता है कि यह ट्रेन एक “टोइंग” ट्रेन है।

12. “X” – क्रॉसिंग (CROSSING):-

“X” प्रतीक का उपयोग रेलवे स्टेशन या पटरियों पर क्रॉसिंग को दर्शाने के लिए किया जाता है। यह संकेत यात्रियों को चेतावनी देने के लिए होता है कि ट्रेन को किसी अन्य ट्रेन या मार्ग से क्रॉस करना है। यह सुरक्षा चेतावनी का प्रतीक है और यह यात्रियों को सतर्क करने में मदद करता है।

13. “P” – पॉसिटिव ट्रेन कंट्रोल (POSITIVE TRAIN CONTROL):-

“P” प्रतीक का उपयोग पॉसिटिव ट्रेन कंट्रोल (Positive Train Control) प्रणाली से जुड़ी ट्रेन सेवाओं के लिए किया जाता है। यह प्रणाली ट्रेनों की गति और उनकी दिशा को नियंत्रित करती है ताकि किसी भी प्रकार के हादसे को रोका जा सके। “P” प्रतीक यह दर्शाता है कि यह ट्रेन PTC सिस्टम से जुड़ी हुई है, जो सुरक्षा के उच्च मानकों को सुनिश्चित करता है।

14. “L” – लैटरल क्लास:-

“L” प्रतीक का उपयोग लैटरल क्लास (Lateral Class) के डिब्बों के लिए किया जाता है। ये डिब्बे विशेष रूप से समर्पित होते हैं और कभी-कभी उनकी सीटिंग व्यवस्था अन्य कक्षाओं से भिन्न होती है। उदाहरण के लिए, यह प्रतीक कभी-कभी केवल उन डिब्बों में पाया जाता है जो यात्रा की कुछ विशेष परिस्थितियों के लिए होते हैं।

15. “RAC” – रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसलेशन (RESERVATION AGAINST CANCELLATION):-

“RAC” प्रतीक का प्रयोग उन यात्री सीटों के लिए किया जाता है जो रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसलेशन (Reservation Against Cancellation) की श्रेणी में आती हैं। जब किसी ट्रेन में सीटें पूरी तरह से भर जाती हैं, तो यात्री अपने टिकट को RAC के तहत रिजर्व कर सकते हैं, जिससे उन्हें यात्रा के लिए एक अस्थायी सीट मिल जाती है, जो कैंसलेशन के बाद स्थायी हो सकती है।

16. “D1”, “D2”, “D3” – डाइनिंग कार:-

“D1”, “D2”, “D3” प्रतीक का प्रयोग डाइनिंग कार (Dining Car) के लिए किया जाता है। ये डिब्बे उन ट्रेनों में होते हैं जिनमें यात्रियों को खाने-पीने की सुविधाएं दी जाती हैं। डाइनिंग कारों में अक्सर गर्म भोजन, स्नैक्स, और शीतल पेय पदार्थ उपलब्ध होते हैं। इन प्रतीकों का उपयोग यात्रियों को यह बताने के लिए किया जाता है कि भोजन की सुविधा किस डिब्बे में है।

17. “SLR” – स्लीपर लैडिज़ डिब्बा:-

“SLR” प्रतीक का उपयोग स्लीपर लैडिज़ डिब्बा (Sleeper Ladies Coach) के लिए किया जाता है। यह डिब्बा विशेष रूप से महिलाओं के लिए आरक्षित होता है और इसमें केवल महिलाएं और बच्चे यात्रा कर सकते हैं। स्लीपर क्लास में कुछ विशेष डिब्बे महिलाओं के लिए अलग से आरक्षित होते हैं, ताकि वे अधिक सुरक्षा और आराम महसूस कर सकें।

18. “C” – क्लास या कैटेगरी:-

“C” प्रतीक का प्रयोग क्लास या कैटेगरी को दर्शाने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, “C1”, “C2”, “C3” आदि का उपयोग विभिन्न कक्षाओं के डिब्बों के लिए किया जाता है। इसमें “C” सामान्यतः “चैयर कार” (Chair Car) के लिए होता है, जो एक वातानुकूलित और आरामदायक डिब्बा होता है, जिसमें लंबी दूरी की यात्रा के लिए आरामदायक कुर्सियाँ होती हैं।

19. “H” – हेलीपोर्ट (HELIPORT):-

“H” प्रतीक का उपयोग उन स्थानों के लिए किया जाता है, जहां हेलीपोर्ट (Heliport) होता है। यह उन ट्रेन स्टेशनों या रेलवे क्षेत्रों को दर्शाता है जहां हेलीकॉप्टर उतरने की व्यवस्था होती है, खासकर यदि ट्रेन सेवा को विमान या हेलीकॉप्टर के द्वारा एक्सेस किया जाता है।

20. “TTE” – टिकट कलेक्टर (TRAIN TICKET EXAMINER):-

“TTE” प्रतीक का उपयोग ट्रेन टिकट एग्जामिनर (Train Ticket Examiner) के लिए किया जाता है। यह प्रतीक यह दर्शाता है कि ट्रेन में एक टिकट कलेक्टर (TTE) मौजूद है, जो यात्रियों से टिकट चेक करेगा और यदि कोई यात्री बिना टिकट के यात्रा कर रहा हो तो उसे दंडित करेगा।

21. “V” – वैगन (VAGON):-

“V” प्रतीक का उपयोग वैगन (Vagon) के लिए किया जाता है। यह प्रतीक विशेष रूप से उन ट्रेनों में प्रयोग किया जाता है, जिनमें अलग-अलग प्रकार के वैगन होते हैं। जब रेलवे के किसी विशेष ट्रेन वैगन का विशेष उद्देश्य होता है, जैसे सामान ढोने के लिए, तो उसे “V” प्रतीक से चिह्नित किया जाता है।

22. “B” – बोगी (BOGEY):-

“B” प्रतीक का प्रयोग बोगी (Bogey) के लिए किया जाता है। यह प्रतीक उस डिब्बे को दर्शाता है जिसमें यात्री यात्रा कर रहे होते हैं। विभिन्न प्रकार के बोगी को “B1”, “B2”, “B3” के रूप में चिह्नित किया जाता है। ये प्रतीक यात्रियों को अपने डिब्बे की पहचान करने में मदद करते हैं।

23. “F” – फास्ट ट्रेन (FAST TRAIN):-

“F” प्रतीक का प्रयोग फास्ट ट्रेन (Fast Train) के लिए किया जाता है। यह प्रतीक यह दर्शाता है कि ट्रेन एक तेज़ गति से चलने वाली ट्रेन है, जो कम स्टेशनों पर रुकती है। इन ट्रेनों को प्राथमिकता दी जाती है और वे लंबी दूरी की यात्रा के लिए उपयुक्त होती हैं।

24. “Z” – ज़ोन (ZONE)

“Z” प्रतीक का प्रयोग ज़ोन (Zone) के लिए किया जाता है। भारतीय रेलवे विभिन्न ज़ोन में बांटा गया है, और “Z” प्रतीक यह दर्शाता है कि यह ट्रेन एक विशेष ज़ोन से संबंधित है। उदाहरण के लिए, “WR” (Western Railway), “NR” (Northern Railway), आदि ज़ोन होते हैं।

25. “Q” – क्वारंटाइन:-

“Q” प्रतीक का उपयोग क्वारंटाइन (Quarantine) के संदर्भ में किया जाता है। यह प्रतीक उन ट्रेनों के लिए उपयोग किया जाता है जो स्वास्थ्य संकटों के दौरान यात्रियों के लिए विशेष सावधानी रखते हुए संचालित होती हैं। COVID-19 महामारी के दौरान, रेलवे ने इस प्रतीक का उपयोग विशेष सुरक्षा और स्वास्थ्य मानकों को सूचित करने के लिए किया था।

26. “LHB” – लिंक हॉफमैन बुश कोचेस:-

“LHB” प्रतीक का उपयोग लिंक हॉफमैन बुश (LHB) कोचेस के लिए किया जाता है। LHB कोच आधुनिक डिजाइन के होते हैं, जो यात्रियों के लिए अधिक आरामदायक और सुरक्षित यात्रा अनुभव प्रदान करते हैं। इन कोचेस की विशेषता उनकी उच्च गुणवत्ता, आरामदायक सीटिंग व्यवस्था और मजबूत संरचना है, जो दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करती है।

27. “AC” – एयर कंडीशनिंग डिब्बा:-

“AC” प्रतीक का उपयोग एयर कंडीशनिंग डिब्बे (Air Conditioned Coaches) के लिए किया जाता है। यह प्रतीक यह दर्शाता है कि ट्रेन में वातानुकूलन (AC) डिब्बे उपलब्ध हैं। ये डिब्बे विभिन्न श्रेणियों में हो सकते हैं:

AC 1ST CLASS:-

उच्चतम श्रेणी का वातानुकूलित डिब्बा।

AC 2ND CLASS:-

वातानुकूलित 2nd क्लास डिब्बा।

AC CHAIR CAR:-

लंबी दूरी के लिए आरामदायक वातानुकूलित सीटें।

28. “PCO” – पब्लिक कॉल ऑफिस:-

“PCO” प्रतीक का उपयोग पब्लिक कॉल ऑफिस (Public Call Office) के लिए किया जाता है। यह प्रतीक उन ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों में पाया जाता है जहां यात्रियों को सार्वजनिक फोन कॉल करने की सुविधा उपलब्ध होती है। यह सेवा अक्सर लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए उपयुक्त होती है।

29. “R” – रिजर्वेशन:-

“R” प्रतीक का प्रयोग रिजर्वेशन (Reservation) को दर्शाने के लिए किया जाता है। यह प्रतीक उन डिब्बों के लिए होता है जो रिजर्वेशन वाली ट्रेन सेवा में होते हैं। इसमें पहले से आरक्षित सीटें होती हैं, और केवल उन्हीं यात्रियों को यात्रा करने की अनुमति होती है जिनके पास रिजर्वेशन टिकट होता है।

30. “W” – वातानुकूलित डिब्बा (WAGON):-

“W” प्रतीक का उपयोग उन वातानुकूलित डिब्बों के लिए किया जाता है जो ट्रेन में होते हैं। इसका प्रयोग विशेष रूप से AC Coach के संदर्भ में किया जाता है, और यह दर्शाता है कि यह डिब्बा वातानुकूलित है, जिसमें यात्रियों को एक आरामदायक और सुखद यात्रा अनुभव मिलता है।

31. “Q1”, “Q2”, “Q3” – क्वार्टर डिब्बे:-

“Q1”, “Q2”, “Q3” प्रतीक का प्रयोग क्वार्टर डिब्बों के लिए किया जाता है। यह प्रतीक उन डिब्बों को दर्शाता है जिन्हें विशेष रूप से कर्मचारियों के लिए आरक्षित किया गया है। यह डिब्बे रेलवे कर्मचारियों के लिए हैं, जो विभिन्न सेवाओं के लिए यात्रा करते हैं।

32. “D1”, “D2” – डाइनिंग कार:-

“D1”, “D2” प्रतीक का उपयोग डाइनिंग कार (Dining Car) के लिए किया जाता है। ये डिब्बे यात्रा के दौरान यात्रियों को भोजन सेवा प्रदान करते हैं। जब ट्रेन में लंबी दूरी की यात्रा होती है, तो डाइनिंग कार यात्रियों के लिए खाने-पीने की सुविधा प्रदान करती है।

33. “X” – क्रॉसिंग लाइन (CROSSING LINE):-

“X” प्रतीक का उपयोग क्रॉसिंग लाइन (Crossing Line) को दर्शाने के लिए किया जाता है। यह संकेत देता है कि ट्रेन को किसी अन्य ट्रेन से क्रॉस करना होगा या ट्रैक पर क्रॉसिंग की स्थिति उत्पन्न होगी। यह प्रतीक सुरक्षा सुनिश्चित करने और रेल यात्रियों को सावधान करने के लिए होता है।

34. “P” – पॉइंट (POINT):-

“P” प्रतीक का उपयोग पॉइंट (Point) या स्विचिंग प्वाइंट को दर्शाने के लिए किया जाता है। यह संकेत रेलवे लाइनों के स्विचिंग प्वाइंट को दिखाता है, जहां रेल पटरियाँ एक दूसरे से जुड़ती हैं और ट्रेन का मार्ग बदल सकता है।

35. “S” – स्लीपर क्लास (SLEEPER CLASS):-

“S” प्रतीक का उपयोग स्लीपर क्लास (Sleeper Class) के लिए किया जाता है, जो भारतीय रेलवे में सबसे सामान्य और सबसे सस्ता यात्रा विकल्प है। यह प्रतीक यह दर्शाता है कि यह डिब्बा स्लीपर क्लास की श्रेणी का है, जिसमें यात्रियों को आरामदायक बिस्तर पर सोने की व्यवस्था मिलती है। स्लीपर क्लास आमतौर पर वातानुकूलित नहीं होते हैं, लेकिन वे लंबी दूरी की यात्रा के लिए एक किफायती विकल्प प्रदान करते हैं।

36. “P” – पैंट्री कार (PANTRY CAR):-

“P” प्रतीक का उपयोग पैंट्री कार (Pantry Car) के लिए किया जाता है। यह डिब्बा उन ट्रेनों में होता है जिनमें यात्रियों के लिए खाने-पीने की सुविधा प्रदान की जाती है। पैंट्री कार में ताजे भोजन, नाश्ते, स्नैक्स और गर्म-गर्म पेय पदार्थ मिलते हैं। यह प्रतीक यह सूचित करता है कि यात्री इस डिब्बे में भोजन की सेवा का लाभ उठा सकते हैं।

37. “S” (के साथ नंबर) – स्लीपर डिब्बे (SLEEPER COACHES):-

“S1”, “S2”, “S3” जैसे प्रतीक का उपयोग स्लीपर डिब्बों (Sleeper Coaches) के लिए किया जाता है। यह प्रतीक एक विशिष्ट स्लीपर क्लास के डिब्बे को दर्शाता है, जो आमतौर पर एक से अधिक डिब्बों में होते हैं। प्रत्येक डिब्बे को एक अलग नंबर जैसे “S1”, “S2”, “S3” से चिह्नित किया जाता है। इन डिब्बों में यात्री एक-दूसरे के साथ बिस्तरों पर यात्रा करते हैं, और यह बहुत ही किफायती होते हैं।

38. “R” – रिजर्वेशन (RESERVATION):-

“R” प्रतीक का प्रयोग रिजर्वेशन (Reservation) से संबंधित सेवाओं को दर्शाने के लिए किया जाता है। जब कोई ट्रेन पूरी तरह से आरक्षित होती है, तो इस प्रतीक का उपयोग यह दर्शाने के लिए किया जाता है कि केवल वे यात्री यात्रा कर सकते हैं जिनके पास रिजर्वेशन टिकट है। भारतीय रेलवे में अधिकांश लंबी दूरी की ट्रेनों में यह प्रणाली होती है।

39. “M” – मेल ट्रेनों (MAIL TRAINS):-

“M” प्रतीक का उपयोग मेल ट्रेनों (Mail Trains) के लिए किया जाता है। मेल ट्रेनों में अधिकांशत: डाक सामग्री और सामान होते हैं, साथ ही इन ट्रेनों में कुछ कोच यात्रियों के लिए भी होते हैं। इस प्रतीक का उपयोग यह दिखाने के लिए किया जाता है कि यह ट्रेन विशेष रूप से मेल और यात्री दोनों सेवाएं प्रदान करती है।

40. “EX” – एक्सप्रेस ट्रेन (EXPRESS TRAIN):-

“EX” प्रतीक का उपयोग एक्सप्रेस ट्रेनों (Express Trains) के लिए किया जाता है। यह प्रतीक यह दर्शाता है कि यह ट्रेन तेज़ गति से चलने वाली एक एक्सप्रेस ट्रेन है। एक्सप्रेस ट्रेनें केवल कुछ प्रमुख स्टेशनों पर रुकती हैं, और इनकी यात्रा समय भी कम होता है। यह प्रतीक यात्रियों को यह बताने में मदद करता है कि यह ट्रेन उच्चतम प्राथमिकता की ट्रेन है।

41. “H” – हेल्थ एंड सेफ्टी (HEALTH AND SAFETY):-

“H” प्रतीक का उपयोग हेल्थ और सेफ्टी (Health and Safety) से संबंधित समस्याओं को सूचित करने के लिए किया जाता है। यह प्रतीक ट्रेनों और स्टेशनों में स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधी उपायों, जैसे कि स्वास्थ्य सुरक्षा जांच और सुरक्षा कर्मियों की उपस्थिति को दर्शाता है। यह प्रतीक यात्रियों को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करता है कि वे यात्रा के दौरान अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें।

42. “AC” (के साथ नंबर) – वातानुकूलित डिब्बे (AIR-CONDITIONED COACHES):-

“AC1”, “AC2”, “AC3” जैसे प्रतीक का उपयोग वातानुकूलित डिब्बों (Air-Conditioned Coaches) को दर्शाने के लिए किया जाता है। ये डिब्बे वातानुकूलित होते हैं और यात्रियों को आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करते हैं।

AC1:-

1st Class AC कोच (व्यक्तिगत और परिवारिक बर्थ के साथ)

AC2:-

2nd Class AC कोच (दो या तीन बर्थ वाले डिब्बे)

AC3:-

3rd Class AC कोच (तीन बर्थ वाले डिब्बे)

43. “LHB” – लिंक हॉफमैन बुश कोच (LINK HOFFMAN BUSH COACHES):-

“LHB” प्रतीक का उपयोग लिंक हॉफमैन बुश कोचेस (Link Hoffman Bush Coaches) के लिए किया जाता है, जो एक अत्याधुनिक कोच डिजाइन है। LHB कोच सुरक्षित होते हैं और इनकी संरचना दुर्घटनाओं से बचने के लिए मजबूत होती है। इन कोचों को उच्चतम स्तर की यात्रा आराम प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, और भारतीय रेलवे की अधिकांश प्रमुख ट्रेनों में इन्हें शामिल किया जाता है।

44. “RAJ” – राजधानी एक्सप्रेस (RAJDHANI EXPRESS):-

“RAJ” प्रतीक का उपयोग राजधानी एक्सप्रेस (Rajdhani Express) के लिए किया जाता है। राजधानी एक्सप्रेस भारतीय रेलवे की प्रमुख और सबसे तेज़ ट्रेनों में से एक है। यह ट्रेन विशेष रूप से नई दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों के बीच दौड़ती है। इस ट्रेन में यात्रियों को सबसे उच्च स्तर की सुविधाएं, जैसे की वातानुकूलित कोच, बेहतरीन भोजन सेवाएं और बेहतर सुरक्षा प्राप्त होती है।

45. “SHAT” – शताब्दी एक्सप्रेस (SHATABDI EXPRESS):-

“SHAT” प्रतीक का उपयोग शताब्दी एक्सप्रेस (Shatabdi Express) के लिए किया जाता है। शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनें आमतौर पर अधिक तीव्रता से चलने वाली ट्रेनों का हिस्सा होती हैं, जो प्रमुख शहरों के बीच यात्रा करती हैं। इन ट्रेनों में वातानुकूलित सीटें और उच्च गुणवत्ता की सेवाएं यात्रियों को प्रदान की जाती हैं। शताब्दी ट्रेनें सुबह जल्दी चलती हैं और देर शाम तक पहुंचती हैं।

46. “V” – व्हील चेयर (WHEEL CHAIR):-

“V” प्रतीक का उपयोग व्हील चेयर (Wheel Chair) के लिए किया जाता है। यह प्रतीक उन ट्रेनों में पाया जाता है जिनमें विशेष रूप से सक्षम (disabled) यात्रियों के लिए व्हील चेयर की सुविधा प्रदान की जाती है। भारतीय रेलवे ने दिव्यांग यात्रियों के लिए विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं, जिसमें व्हील चेयर सेवा, प्लेटफॉर्म पर सहायक स्टाफ, और यात्री की सहायता के लिए अन्य सुविधाएं शामिल हैं।

47. “S” – स्टॉप (STOP):-

“S” प्रतीक का उपयोग उन स्थानों को दर्शाने के लिए किया जाता है जहां ट्रेन रुकती है (Stop). यह प्रतीक बताता है कि यह स्थान एक ट्रेनों के स्टॉप के रूप में कार्य करता है, चाहे वह एक प्रमुख स्टेशन हो या कोई छोटा क्षेत्र। यह यात्रियों को यह जानकारी देता है कि ट्रेन इस स्टेशन पर रुकने वाली है।

48. “C” – कैटरिंग (CATERING):-

“C” प्रतीक का उपयोग कैटरिंग (Catering) से संबंधित सेवाओं को दर्शाने के लिए किया जाता है। यह प्रतीक उन ट्रेनों में पाया जाता है जिनमें यात्रा के दौरान खानपान की व्यवस्था उपलब्ध होती है। कैटरिंग कारों में यात्रियों को गर्म और ताजे भोजन, पेय पदार्थ और स्नैक्स की सेवाएं प्रदान की जाती हैं। यह विशेष रूप से लंबी दूरी की ट्रेनों में होता है, जैसे कि राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस, और अन्य प्रमुख ट्रेनों में।

49. “T” – त्वरित ट्रेन (TWARIT TRAIN):-

“T” प्रतीक का प्रयोग त्वरित ट्रेन (Twarit Train) के लिए किया जाता है। यह प्रतीक उन ट्रेनों के लिए होता है जो विशेष रूप से त्वरित यात्रा के लिए डिज़ाइन की गई होती हैं। ये ट्रेनें कम से कम स्टेशनों पर रुकती हैं और तेज़ गति से यात्रा करती हैं। इन ट्रेनों का उद्देश्य यात्रियों को कम समय में गंतव्य तक पहुँचाना है।

50. “L” – लाउंज (LOUNGE):-

“L” प्रतीक का प्रयोग लाउंज (Lounge) से संबंधित क्षेत्रों के लिए किया जाता है। भारतीय रेलवे के कुछ प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर लाउंज की सुविधा उपलब्ध होती है, जहां यात्री आराम कर सकते हैं, खाने-पीने का आनंद ले सकते हैं, और अन्य सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। यह प्रतीक यह संकेत देता है कि स्टेशन पर लाउंज सुविधा उपलब्ध है।

51. “D” – डिवाइस (DEVICE):-

“D” प्रतीक का उपयोग डिवाइस (Device) से संबंधित सेवाओं और उपकरणों के लिए किया जाता है। यह प्रतीक विशेष रूप से उन ट्रेनों और बोगियों में दिखाई देता है जहां तकनीकी उपकरण जैसे वॉयस डिवाइस या वायरलेस इंटरनेट सेवा उपलब्ध होती है। यह प्रतीक यात्रियों को बताता है कि वे ट्रेनों में इन उपकरणों का उपयोग कर सकते हैं।

52. “G” – जनरल क्लास (GENERAL CLASS):-

“G” प्रतीक का उपयोग जनरल क्लास (General Class) के लिए किया जाता है, जो उन यात्रियों के लिए होता है जिनके पास आरक्षित टिकट नहीं होता। जनरल क्लास का विकल्प कम कीमत में यात्रा करने के लिए होता है, और यह मुख्य रूप से दैनिक यात्री, व्यवसायिक यात्री और कम बजट वाले यात्री उपयोग करते हैं।

53. “Y” – यथा स्थिति (AS-IS):-

“Y” प्रतीक का उपयोग यथा स्थिति (As-Is) को दर्शाने के लिए किया जाता है। यह प्रतीक विशेष रूप से उन मामलों में प्रयुक्त होता है जहां किसी ट्रेन के कोच या बोगी का उद्देश्य वही होता है जैसा उसे पहले निर्धारित किया गया था। इस प्रतीक का प्रयोग यह बताने के लिए किया जाता है कि ट्रेन या बोगी में कोई बदलाव नहीं किया गया है, और यह अपनी सामान्य स्थिति में यात्रा करेगी।

54. “VVIP” – वीआईपी यात्री (VVIP PASSENGERS):-

“VVIP” प्रतीक का प्रयोग वीआईपी यात्री (VVIP Passengers) के लिए किया जाता है। यह प्रतीक विशेष रूप से उन यात्रियों के लिए होता है जो उच्चतम सरकारी अधिकारियों, नेताओं, या अन्य विशिष्ट व्यक्तियों के रूप में यात्रा करते हैं। इन यात्रियों के लिए ट्रेन में विशेष सुविधाएं, सुरक्षा उपाय, और एक विशेष कोच की व्यवस्था की जाती है।

55. “H” – हेल्थ & हाइजीन (HEALTH & HYGIENE):-

“H” प्रतीक का उपयोग हेल्थ और हाइजीन (Health & Hygiene) से संबंधित ट्रेनों और बोगियों में किया जाता है। यह प्रतीक दर्शाता है कि यह ट्रेन या बोगी विशेष रूप से यात्रियों की स्वच्छता और स्वास्थ्य की सुविधा प्रदान करती है। इन ट्रेनों में स्वच्छता कर्मचारी, जैविक कचरा निपटान, और स्वच्छ टॉयलेट जैसी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान, यह प्रतीक और भी महत्वपूर्ण हो गया था।

56. “P” – पब्लिक (PUBLIC):-

“P” प्रतीक का प्रयोग पब्लिक (Public) क्षेत्रों से संबंधित ट्रेनों और बोगियों के लिए किया जाता है। यह प्रतीक दर्शाता है कि यह बोगी या कोच सार्वजनिक उपयोग के लिए उपलब्ध है और इसमें किसी प्रकार की विशेष प्रीमियम सेवा नहीं है। यह प्रतीक आमतौर पर उन ट्रेनों में होता है जो जनरल क्लास होती हैं।

57. “A” – अवलोकन (OBSERVATION):-

“A” प्रतीक का प्रयोग अवलोकन (Observation) डिब्बे को दर्शाने के लिए किया जाता है। अवलोकन डिब्बे का उद्देश्य यात्रियों को ट्रेन की यात्रा का दृश्य देखने की अनुमति देना है। यह डिब्बे आमतौर पर ट्रेन के अंतिम हिस्से में होते हैं और इनकी खिड़कियाँ बड़ी होती हैं ताकि यात्री बाहर का दृश्य देख सकें। यह प्रतीक उन ट्रेनों में पाया जाता है जिनमें अवलोकन डिब्बे होते हैं।

58. “T” – टॉयलेट (TOILET):-

“T” प्रतीक का उपयोग टॉयलेट (Toilet) की सुविधा को दर्शाने के लिए किया जाता है। यह प्रतीक उन डिब्बों में पाया जाता है जहां यात्रियों के लिए बाथरूम और शौचालय की सुविधा उपलब्ध होती है। प्रत्येक डिब्बे में एक या अधिक शौचालय हो सकते हैं, और यह प्रतीक यात्रियों को शौचालय की उपलब्धता के बारे में जानकारी देता है।

59. “R” – रिटायरिंग रूम (RETIRING ROOM):-

“R” प्रतीक का प्रयोग रिटायरिंग रूम (Retiring Room) की सुविधा के लिए किया जाता है। रिटायरिंग रूम उन यात्रियों के लिए होते हैं जो लंबी दूरी की यात्रा के दौरान रेलवे स्टेशन पर आराम करना चाहते हैं। इन रूमों में बिस्तर, टॉयलेट, और अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं।

60. “E” – इमरजेंसी (EMERGENCY):-

“E” प्रतीक का उपयोग इमरजेंसी (Emergency) से संबंधित सेवाओं के लिए किया जाता है। यह प्रतीक उन ट्रेनों और बोगियों में पाया जाता है जो विशेष रूप से इमरजेंसी सेवाएं प्रदान करती हैं, जैसे मेडिकल सुविधाएं, या ट्रेन के भीतर इमरजेंसी संपर्क नंबर। यह प्रतीक यात्रियों को यह सूचित करता है कि उन्हें किसी भी इमरजेंसी स्थिति में मदद मिल सकती है।

निष्कर्ष:-

भारतीय रेलवे में प्रतीकों और अक्षरों का उपयोग यात्रियों के लिए सुरक्षा, सुविधा और मार्गदर्शन सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है। ये प्रतीक न केवल ट्रेनों और बोगियों की पहचान में मदद करते हैं, बल्कि यात्रियों को यह समझने में भी सहायता करते हैं कि उनकी यात्रा के दौरान क्या सुविधाएं उपलब्ध हैं। चाहे वह “C” (कैटरिंग) हो, “P” (पब्लिक) हो या “D” (डिवाइस) हो, हर प्रतीक का एक विशिष्ट उद्देश्य होता है, जो यात्रियों को अधिक आरामदायक और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करता है।

इन प्रतीकों का उद्देश्य भारतीय रेलवे की प्रणाली को अधिक संगठित और सुगम बनाना है, ताकि यात्रियों को उनकी यात्रा से जुड़ी हर जानकारी तुरंत मिल सके।

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